चेन्नई. तमिलनाडु का मद्रास विश्वविद्यालय (Madras University) अपनी तरह की अनोखी योजना पर काम कर रहा है. इसके तहत विश्वविद्यालय के अधीनस्थ कॉलेजों में अंडरग्रेजुएशन-कोर्स की कम से कम 1 सीट ट्रांसजेंडर (Transgenders) के लिए सुरक्षित रखी जाएगी. वह भी मुफ्त. यानी इस सीट पर जिस ट्रांसजेडर सदस्य को दाखिला मिलेगा, उससे कोई फीस नहीं ली जाएगी. ऐसा हुआ तो देश में पहली बार किसी उच्च-शिक्षण संस्थान में ट्रांसजेंडर के लिए इस तरह की व्यवस्था की जाएगी. खबरों के मुताबिक, व्यवस्था 2022-23 के शिक्षण-सत्र से अमल में आ सकती है. मद्रास यूनिवर्सिटी की कुलपति (VC) एस गौरी इस योजना की पुष्टि की है.
उन्होंने कहा, ‘हम ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों में शिक्षा के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने के मकसद से यह योजना शुरू कर रहे हैं. इसके लिए अभी मंजूरी लिए जाने की प्रक्रिया जारी है.’ यूनिवर्सिटी की इस पहल का ट्रांसजेंडर समुदाय (Transgender Community) की सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता कल्कि सुब्रमणियम ने स्वागत किया है. कल्कि लेखक, कवि, चित्रकार भी हैं. अपने समुदाय के सदस्यों के हितों के लिए संघर्ष कर रही हैं.’ उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, ‘मुझे खुशी है कि लोगों में ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रति जागरूकता बढ़ रही है. मैंने हमेशा से इसकी वकालत की है कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को उच्च-शिक्षा हासिल करनी चाहिए. उन्हें इसके मौके मिलने चाहिए. मद्रास यूनिवर्सिटी के पहल से इस दिशा में निश्चित रूप से मदद मिलेगी.’
‘पिछले साल पीजी में भी 1 सीट सुरक्षित रखी थी, पर खाली रह गई’
मद्रास विश्वविद्यालय (Madras University) ने 2021-22 के शिक्षण-सत्र में पोस्ट-ग्रेजुएशन कोर्स में दाखिला लेने के इच्छुक ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के लिए कॉलेजों में 1 सीट सुरक्षित की थी. मगर इस पर किसी ने प्रवेश नहीं लिया. हालांकि गरीबों के लिए हर कॉलेज में सुरक्षित रखी गई 2-2 मुफ्त सीटों पर जरूर 340 छात्र-छात्राओं ने नामांकन कराया है.
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