बंबई उच्च न्यायालय भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा जहरीले तत्वों को लेकर मैगी पर बैन लगाने के पिछले महीने के आदेश को चुनौती देने वाली नेस्ले इंडिया की याचिका पर सोमवार को फैसला सुनाएगी। नेस्ले ने तर्क देते हुए कहा है कि उसके उत्पादों में लेड की मात्रा स्वीकार्य सीमा से अधिक नहीं है और उसने एफएसएसएआई और एफडीए प्रशासन द्वारा किए गए जांच को चुनौती दी है।
न्यायाधीश वी.एम.कनाडे तथा न्यायाधीश बी.पी.कोलाबावाला ने यहां शुक्रवार को अपना आदेश 3 अगस्त (सोमवार) तक के लिए सुरक्षित रख लिया। नेस्ले के वकील इकबाल चागला ने कहा कि कंपनी ताजा जांच के लिए तैयार है, लेकिन यह किसी जाने माने वैज्ञानिक की उपस्थिति में होनी चाहिए जिसका नमूना कंपनी प्रदान करेगी।
एफडीए के वकील दारियस खंबाता चाहते हैं कि जांच उस नमूने का हो, जिसे राज्य ने एकत्र किया था। चागला ने तर्क दिया कि मैगी के तीन प्रकारों की जांच की गई थी, जबकि नियंत्रकों ने उसके सभी नौ प्रकारों पर प्रतिबंध लगा दिया और उन्होंने एफएसएसएआई के उस आरोप को खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि मैगी के स्टॉक को जलाकर कंपनी ने सबूत खत्म किए।
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FIRST PUBLISHED : August 01, 2015, 09:43 IST