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दोस्त का अंतिम संस्कार घर पर हो, इसके लिए लॉकडाउन में 3,000 KM दूर शव लेकर पहुंचा शख्‍स

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मिजोरम (Mizoram) के रहने वाले शख्‍स की मौत चेन्‍नई (Chennai) में हुई थी. उसका दोस्‍त एंबुलेंस से 3000 किमी की यात्रा कर ...अधिक पढ़ें

    आइजोल. दिल जहां ठहरा है, वहीं घर होता है, जीने के दौरान भी और मरने के बाद भी. कुछ ऐसी ही स्थिति का सामना 23 वर्षीय राफायल एवीएल मल्छनहिमा को अपने दोस्त की मौत के बाद करना पड़ा. उनके दोस्त विवियन लालरेम्सांगा की मौत संभावित रूप से दिल का दौरा पड़ने की वजह से 23 अप्रैल को चेन्नई (Chennai) में हुई थी. वह मिजोरम (Mizoram) का रहने वाला था.

    लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से पहले ही उनके मन में कई तरह की चीजें चल रही थी लेकिन दोस्त की मौत ने स्थिति और भी खराब कर दी थी. लालरेम्सांगा के पोस्टमार्टम के बाद अधिकारियों ने मल्छनहिमा को सलाह दी कि वह चेन्नई में ही अपने दोस्त का अंतिम संस्कार करें यानी घर से 3,000 किलोमीटर दूर. बंद की वजह से यातायात के साधन बंद हैं.

    लालरेम्सांगा ने हाल ही में होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की थी और वह सर्टिफिकेट लेने की प्रतीक्षा में थे लेकिन उनकी जिंदगी यहीं थम गई. उनका शव किराए के मकान के बाहर मिला था. चेन्नई में अधिकारियों ने बार-बाल मल्छनहिम से अपने दोस्त को यहीं कब्रिस्तान में दफनाने के लिए कहा लेकिन उनका दिल नहीं माना कि वह अपने दोस्त को यहां घर से दूर कहीं रख दें.

    इसके बाद मिजोरम सरकार और चेन्नई मिजो वेलफेयर एसोसिएशन ने इस मामले में हस्तक्षेप की. इसी बीच दो एम्बुलेंस चालक मदद के लिए आए जो पहले असम में वाहन चला चुके थे. चार दिन तक लगातार यात्रा करने के बाद वह अपने दोस्त को लेकर मिजोरम पहुंच गए. मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने ट्वीट करके मल्छनहिमा का शुक्रिया अदा किया है. मल्छनहिमा को 14 दिन के लिए पृथक किया गया है.

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    Tags: Corona Virus, Coronavirus, Coronavirus in India, Coronavirus pandemic, Mizoram

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