मेधा पाटकर (File photo)
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे शनिवार को आठ दिन हो गए हैं और इस दौरान उनसे मिलने पहुंची कार्यकर्ता मेधा पाटकर को उनके समर्थकों ने किसान विरोधी बताते हुए वापस लौटा दिया.
हार्दिक 25 अगस्त से पाटीदार (पटेल) समुदाय को नौकरी और शिक्षा में आरक्षण देने और गुजरात के किसानों का कर्ज माफ करने की मांग करते हुए शहर के बाहरी क्षेत्र स्थित अपने घर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं.
‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ की नेता पाटकर शनिवार को उनसे मिलने उनके घर पहंची थीं.
बहरहाल, पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के कार्यकर्ताओं ने उन्हें पटेल से मिलने नहीं दिया.
पास के संयोजक और हार्दिक पटेल की करीबी गीता पटेल ने कहा, ‘पाटकर हमेशा गुजरात विरोधी रही हैं. विशेषकर उन्होंने नर्मदा बांध का विरोधी किया था, जिससे किसान को कई सालों तक खेती के लिए पानी नहीं मिल पाया. इस कारण ही पास के युवकों ने उनके यहां आने का विरोध किया.’
पाटकर ने बाद में मीडिया से कहा कि वह किसान विरोधी नहीं हैं.
पर्यावरण कार्यकर्ता ने कहा, ‘आज भी लोगों को नर्मदा बांध मुद्दे की सही समझ नहीं है. हम किसानों के समर्थन में आवाज उठा रहे हैं. लेकिन जिन्हें यह नहीं पता वह मेरा विरोध कर रहे हैं. हजारों पाटीदार किसान हमारे साथ लड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें पूर्ण पुनर्वास पैकेज नहीं मिले हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता हार्दिक मेरे यहां आने का विरोध करेंगे, क्योंकि मैंने कल फोन पर उनसे बात की थी और उन्हें मुझसे मिलने में कोई दिक्कत नहीं थी.’
कल 25 आरक्षण आंदोलन नेता ने घोषणा की थी कि वह अब से पानी भी नहीं पिएंगे. हालांकि एक धार्मिक नेता ने उन्हें शनिवार को पानी दिया और उन्होंने थोड़ा सा पानी पी लिया.
गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा भी शनिवार को उनसे मिलने पहुंचे और उन्होंने कहा ‘गुजरात महात्मा गांधी और सरदार पटेल की भूमि है. ब्रिटिश सरकार ने भी कभी लोगों की आवाज नहीं दबाई, तो भाजपा में ऐसा करने का दम नहीं है.’
सरदार पटेल समूह के लालजी पटेल सहित विभिन्न पाटीदार संगठनों के नेताओ ने भी आज हार्दिक को फोन किया.
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