मुजफ्फरनगर. ‘महेंद्र सिंह टिकैत (Mahendra Singh Tikait) की धरती सिसौली में आपका स्वागत है’. पश्चिम यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली गांव में घुसते वक्त ये बोर्ड दिखाई देता है. करीब एक दशक पहले महेंद्र सिंह टिकैत की मौत के बाद ऐसा लगने लगा था कि टिकैत परिवार (Tikait Family) का महत्व अब कुछ कम हुआ है. लेकिन अब मामला बदल चुका है. टिकैत निवास में परिवार के एक वरिष्ठ कहते हैं- राकेश वनवास पर हैं, जीत के वापस आएंगे तो राज-तिलक होगा.
स्थानीय लोगों का कहना है कि महेंद्र टिकैत के छोटे बेटे राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने गाजीपुर बॉर्डर पर एक साल तक विरोध किया जिसके कारण नरेंद्र मोदी सरकार को कृषि कानून वापस लेने पड़े. कुछ लोगों का कहना है कि दरअसल इस पूरे मामले में मुख्य दिमाग महेंद्र टिकैत के बड़े बेटे नरेश टिकैत (Naresh Tikait) का था.
‘2017 की तरह बीजेपी को वोट नहीं करेंगे किसान’
नरेश टिकैत ने न्यूज़18 से कहा- किसानों ने 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार बनाई थी. लेकिन अब किसानों के लिए बीजेपी को वोट देना मुश्किल है. इसका कारण उन्होंने कृषि कानून को बताया. उनका कहना है कि किसानों के घाव भरने के लिए बीजेपी को कृषि कानून वापस लेने के अलावा भी कदम उठाने होंगे. वो कहते हैं-किसान सोचते हैं कि वो ठगे गए हैं और नुकसान झेल रहे हैं. कोई भी किसान यहां खुश नहीं है. चाहे वो बिजली की महंगाई का मामला हो या फिर डीजल की महंगाई का. इसके अलावा गन्ना खरीद मूल्य में हुई कम बढ़ोतरी भी एक बड़ा कारण है.
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पीएम मोदी के फैसले का स्वागत
हालांकि नरेश कृषि कानून वापस लेने के पीएम नरेंद्र मोदी के फैसले का स्वागत करते हैं. टिकैत के घर और दफ्तर समेत स्थानीय लोग राष्ट्रीय लोक दल के लिए बढ़ते समर्थन की बात करते हैं. नरेश टिकैत के बेटे गौरव टिकैत कहते हैं- मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन उल्टे किसानों के खर्चे बढ़ गए.
वो भी समाजवादी पार्टी और आरएलडी के गठजोड़ के प्रशंसक दिखते हैं. उन्होंने कहा- योगी सरकार की सबसे बड़ी यूएसपी रही है कि उन्होंने कानून-व्यवस्था बेहतर की. लेकिन ये संभव हो सका डायल 100 वाहनों की वजह से जो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुरू किए थे.
कैसे दोनों भाइयों ने साथ मिलकर किया मुकाबला
किसान आंदोलन की बात करें तो एक तरफ राकेश टिकैत के आंसुओं ने सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी की तो वहीं नरेश टिकैत की वजह से मुजफ्फरनगर में बड़ी महापंचायत हो सकी थी. टिकैत परिवार से जुड़े दो किसान हरबीर सिंह और नरिंदर सिंह का कहना है- नरेश टिकैत के एक बुलावे पर किसानों से मुजफ्फरनगर का बड़ा जीआईसी ग्राउंड किसानों से भर गया था. इसने योगी सरकार को स्पष्ट संदेश दिया कि पश्चिम यूपी में मूड बदल चुका है.
किसी भी राजनीतिक पार्टी से न जुड़ने की बात
बीजेपी नेताओं ने पश्चिम यूपी में टिकैत भाइयों और जयंत चौधरी के बीच प्रतिद्वंद्विता की उम्मीद की है लेकिन अब तक टिकैत की तरफ से चौधरी को लेकर कोई गलत बयान नहीं दिया गया है. नरेश टिकैत कहते हैं- ये किसानों पर है कि वो किसे वोट देते हैं. हम कभी किसानों से किसी को वोट देने को नहीं कहते और किसी भी राजनीतिक पार्टी को ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि हम ऐसा करेंगे. उन्होंने साफ किया कि दोनों भाई किसी राजनीतिक पार्टी में नहीं जा रहे.
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