मानहानि केस: प्रिया रमानी को बरी करने के खिलाफ अकबर की याचिका पर हाईकोर्ट सुनवाई को तैयार

एमजे अकबर (फाइल फोटो)
MeToo Case: निचली अदालत ने एमजे अकबर की शिकायत को खारिज करते हुए कहा था कि प्रिया रमानी के खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुआ.
- भाषा
- Last Updated: March 25, 2021, 4:19 PM IST
नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने बृहस्पतिवार को कहा वह पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर (MJ Akbar) की याचिका पर पांच मई को सुनवाई करेगा. अकबर ने इस याचिका में आपराधिक मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी (Priya Ramani) को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है. अकबर ने यौन शोषण के आरोप लगाने के बाद रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था.
याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता उपलब्ध नहीं थी. अकबर ने निचली अदालत के 17 फरवरी के आदेश को चुनौती दी है जिसमें रमानी को मामले में इस आधार पर बरी कर दिया गया कि एक महिला को दशकों बाद भी अपनी पसंद के किसी भी मंच पर शिकायतें रखने का अधिकार है.
निचली अदालत ने अकबर की शिकायत को खारिज करते हुए कहा था कि रमानी के खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुआ. रमानी ने 2018 में ‘मीटू’ आंदोलन (MeToo Movement) के तहत अकबर के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए थे. अकबर ने यौन शोषण के आरोपों के चलते 17 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.