मेनका गांधी (File Photo)
(अनुप गुप्ता)
#MeToo अभियान में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी की कोशिशों को जबरदस्त झटका लगा है. #MeeToo के आरोपों से निपटने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की तरफ से बनाई जा रही कमेटी को सरकार ने मंजूरी नहीं दी है.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने #MeToo अभियान में सामने आये यौन उत्पीड़न के आरोपों और मुद्दों को देखने के लिए पिछले शुक्रवार को रिटायर्ड जज की अगुवाई में विधि विशेषज्ञों की एक कमिटी बनाने का एलान किया था.
केंद्र सरकार ने महिला बाल विकास मंत्रालय के योजना को तो मंजूरी नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक अब केंद्र सरकार एक मंत्रियों का समूह (GoM) बनाने पर विचार कर रही है. जो #MeToo अभियान में उठे सवालों और कार्यस्थल (workplace) पर महिलाओं के उत्पीड़न रोकने के लिए बने कानून-नियमों की कमियों को दूर करने के उपाय तलाशेगी.
इस मंत्रियों के समूह की अध्यक्षता वरिष्ठ महिला मंत्री करेंगी.
मौजूदा समय मे कार्यस्थल में महिलाओं के खिलाफ यौन मामलों के निबटारे के लिए 2013 में पास किया गया कानून है, लेकिन समय-समय पर इस कानून की खामियों को लेकर सवाल उठते रहे हैं. इसके साथ ही इस बात की भी मांग उठ रही है कि कानून में संशोधन किए जाएं. लंबे वक्त ये मामला लंबित पड़ा हुआ है.
बता दें कि पिछले हफ्ते ही महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने ट्वीट कर कमेटी बनाने की जानकारी दी थी.
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