यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
(अनूप गुप्ता)
केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर को आखिरकार अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. अकबर के इस्तीफा को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. यह भी बताया जा रहा है कि अकबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नाराजगी भारी पड़ गई. सूत्रों की मानें तो एमजे अकबर का इस्तीफा नहीं होने से संघ काफी नाराज़ था और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तक भी यह बात पहुंचा दी गई थी.
सूत्रों के मुताबिक, संघ की तरफ से कहा गया था कि समाज के एक तबके की तरफ से एमजे अकबर पर लगाए जा रहे आरोपों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. संघ की तरफ से भी ये संदेश दिया गया कि ये एक गलत परंपरा की शुरुआत कही जाएगी कि जनता की शिकायतें यहां नहीं सुनी जातीं. संघ की तरफ से कहा गया कि जब तक इस मसले पर एमजे अकबर पाक-साफ नहीं पाए जाते, तब तक उन्हें सरकार से अलग रखना चाहिए.'
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के भीतर भी एक तबके को आशंका थी कि एमजे अकबर के मामले का आने वाले विधानसभा चुनावों पर असर पड़ सकता है.
इन तमाम बातों के चलते एमजे अकबर पर इस्तीफे का दवाब बढ़ गया था. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को पहले एमजे अकबर से मुलाकात की, फिर डोभाल ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. इन दोनों मुलाकात के बाद डोभाल ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिले, जिसमें संगठन महामंत्री रामलाल भी मौजूद थे. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र के निर्देश पर एमजे अकबर को ये संदेश दे दिया गया कि मंत्रिमंडल से उन्हें जाना पड़ेगा.
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