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Parliament Winter Session: NRC तैयार करने के लिए अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया- MHA ने लोकसभा में बताया

लोकसभा की फाइल फोटो

लोकसभा की फाइल फोटो

MHA on NRC in Lok Sabha: नागरिकता संशोधन कानून 2019 (Citizenship Amendment Act 2019) को 12 दिसंबर 2019 को अधिसूचित किया ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने मंगलवार को एक लिखित जवाब में लोकसभा (Loksabha) को बताया कि अभी तक सरकार की ओर से नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटीजंस (NRIC) को तैयार करने के लिए कोई फैसला नहीं लिया गया है. बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 (Citizenship Amendment Act 2019) को 12 दिसंबर 2019 को अधिसूचित किया गया था और यह 10 जनवरी 2020 को लागू हुआ था. कानून लागू होने के बाद सीएए के तहत आने वाले व्यक्ति को सिटीजनशिप के लिए अप्लाई करना होता है.

    इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस समेत 16 राजनीतिक दलों के नेताओं ने राज्यसभा के 12 विपक्षी सदस्यों को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने के मुद्दे को लेकर मंगलवार को उच्च सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की और इन सदस्यों का निलंबन रद्द करने का आग्रह किया. इन नेताओं ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक की और निलंबन रद्द किए जाने पर जोर दिया.

    विपक्षी दलों के नेताओं ने सांसदों के निलंबन को असंवैधानिक करार दिया और जोर देकर कहा कि इनका निलंबन रद्द किया जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि विपक्षी नेताओं की बैठक में तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं हुई, जबकि निलंबित सांसदों में उसके भी दो सांसद शामिल हैं. पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस की अगुआई में हुई विपक्ष की किसी भी पहल से तृणमूल कांग्रेस दूरी बनाती नजर आई है.

    आज की बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, मुख्य सचेतक के. सुरेश, राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा और मुख्य सचेतक जयराम रमेश शामिल हुए. बैठक में द्रमुक के टीआर बालू, शिवसेना के विनायक राउत एवं प्रियंका चतुर्वेदी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, आम आदमी पार्टी, माकपा, भाकपा और कई अन्य दलों के नेता भी शामिल हुए.

    सरकार निलंबन के जरिये विपक्ष को डराना चाहती हैः कांग्रेस
    कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों में भी इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की और सदन से वॉकआउट किया. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘इस सरकार ने जो रास्ता अपनाया है, उसका हमने विरोध किया है. सदन का सदस्य होने के नाते यह जरूरी है कि हमें अपनी बात रखने का मौका मिले. लेकिन सरकार निलंबन के जरिये विपक्ष को डराना चाहती है, जुबान बंद करना चाहती है.’

    उन्होंने कहा, ‘राज्यसभा में जो हुआ है उसका विरोध करते हुए हमने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुआई में सदन से वॉकआउट किया. यह मामला राज्यसभा का है, लेकिन दूसरे सदन के सदस्यों के साथ जो हुआ है उसके विरोध में हमने यह कदम उठाया है.’ कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे को लेकर संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया और सरकार पर तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया.

    संसद के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन
    संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मानसून सत्र के दौरान ‘अशोभनीय आचरण’ करने की वजह से, वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया. उच्च सदन में उपसभापति हरिवंश की अनुमति से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कल इस सिलसिले में एक प्रस्ताव रखा, जिसे विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सदन ने मंजूरी दे दी.

    ये भी पढ़ेंः 12 MPs का निलंबन खत्म करने की विपक्ष की अपील राज्यसभा चेयरमैन ने खारिज की

    जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं.

    Tags: Amit shah, CAA protest, NRC, Parliament, Parliament Winter Session

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