एमजे अकबर (File Photo)
महिलाओं के यौन शोषण के खिलाफ चल रहा #Metoo कैंपेन बड़ा होता जा रहा है. इसमें जाने-माने लोगों के साथ ही विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर का नाम भी शामिल हो गया है. उनपर 10 से ज्यादा पत्रकारों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. हालांकि, एमजे अकबर ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है और लीगल एक्शन की बात कही है. एमजे अकबर राजनीति में आने से पहले जर्नलिस्ट हुआ करते थे. अपने समय में वह पत्रकारिता के सबसे यशस्वी शख्स माने जाते थे. आइए, जानते हैं उनके बारे में...
एमजे अकबर (मोबासर जावेद अकबर) का जन्म 11 जनवरी 1951 में हुआ था. वह एक प्रमुख भारतीय पत्रकार, लेखक और राजनेता हैं. एम जे अकबर विदेश मामलों के राज्य मंत्री और मध्य प्रदेश से राज्यसभा में संसद सदस्य भी हैं. 5 जुलाई 2016 को उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्रीय मंत्री परिषद में शामिल किया गया था.
अक्टूबर 2012 में अपने इस्तीफे तक लिविंग मीडिया समूह द्वारा प्रकाशित भारत के प्रमुख साप्ताहिक अंग्रेजी समाचार पत्रिका 'इंडिया टुडे' के संपादकीय निदेशक रह चुके हैं. इस दौरान उन्हें मीडिया कंपनियों के संगठन तथा अंग्रेजी समाचार चैनल 'हेडलाइंस टुडे' की देखरेख के लिए एक अतिरिक्त जिम्मेदारी भी मिली हुई थी.
2010 में साप्ताहिक समाचार पत्र 'दि संडे गार्जियन' का शुभारंभ किया
एम जे अकबर 'द टेलीग्राफ' के संपादक भी रह चुके हैं. एक समय तो ऐसा माहौल बन गया था कि मंत्री और मुख्यमंत्री मनाते थे कि एम जे अकबर उनकी कवर स्टोरी न छापें क्योंकि कवर स्टोरी छपी नहीं कि कुर्सी गई. उन्होंने 2010 में साप्ताहिक समाचार पत्र 'दि संडे गार्जियन' का शुभारंभ किया था और वह लगातार इसके प्रधान संपादक रहे. इससे पहले वह दक्षिण भारत की प्रमुख अंग्रेजी पत्रिका 'एशियन एज' के संस्थापक और वैश्विक परिप्रेक्ष्य के साथ इसके दैनिक मल्टी संस्करण भारतीय समाचार पत्र के प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं.
वह हैदराबाद के दैनिक समाचार पत्र 'डेक्कन क्रॉनिकल' के प्रधान संपादक भी रह चुके हैं. एम जे अकबर साल 2002 में 'स्टार न्यूज' (अब एबीपी न्यूज ) के लिए ‘अकबर का दरबार’ कार्यक्रम करते थे. एम जे अकबर नैरेटिव जर्नलिज्म के बेताज बादशाह रहे हैं.
अकबर ने जवाहर लाल नेहरू की जीवनी 'द मेकिंग ऑफ इंडिया' लिखी
एमजे अकबर ने कई किताबें भी लिखीं, जिसमें जवाहर लाल नेहरू की जीवनी 'द मेकिंग ऑफ इंडिया' और कश्मीर पर आधारित 'द सीज विदिन' काफी चर्चित रही है. वह 'दि शेड ऑफ शोर्ड और ए कोहेसिव हिस्टरी ऑफ जिहाद' के भी लेखक हैं. उनकी हाल ही में प्रकाशित पुस्तक 'ब्लड ब्रदर्स' है, जिसमें भारत में घटनाओं की जानकारी और दुनिया, खासकर हिंदू-मुस्लिम के बदलते संबंधों के साथ तीन पीढ़ियों की गाथा का उल्लेख है.
उनकी यह पुस्तक 'फ्रेटेली डी संग' के नाम से इतालवी में अनुवादित हुई है, जो 15 जनवरी 2008 को रोम में जारी किया गया था. पाकिस्तान में पहचान के संकट और वर्ग संघर्ष पर आधारित उनकी पुस्तक 'टिंडरबॉक्स: दि पास्ट एंड फ्यूचर ऑफ पाकिस्तान' जनवरी 2012 में प्रकाशित हुई है.
एम जे अकबर राजनीति में भी काफी सफल रहे
एमजे अकबर राजनीति में भी काफी सफल रहे हैं. वह 1989 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में पहली बार बिहार के किशनगंज से लोकसभा के लिए चुने गए थे. वह किशनगंज से 2 बार सांसद रह चुके हैं. साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के प्रवक्ता भी रहे हैं. मार्च 2014 में वह बीजेपी में शामिल हुए हैं और वर्तमान में उसके प्रवक्ता हैं.
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