होम /न्यूज /राष्ट्र /#MeToo: अकबर की मोदी कैबिनेट से छुट्टी, पीएम के बाद राष्ट्रपति ने भी मंजूर किया इस्तीफा

#MeToo: अकबर की मोदी कैबिनेट से छुट्टी, पीएम के बाद राष्ट्रपति ने भी मंजूर किया इस्तीफा

एमजे अकबर पर करीब 15 महिला पत्रकारों ने यौन शोषण और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं.

एमजे अकबर पर करीब 15 महिला पत्रकारों ने यौन शोषण और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं.

एमजे अकबर पर करीब 15 महिला पत्रकारों ने यौन शोषण और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं. वहीं अकबर ने इन आरोपों को राजनीति से ...अधिक पढ़ें

    यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर का इस्तीफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीकार कर लिया अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि स्थापित प्रक्रिया के अनुसार इसके बाद यह इस्तीफा राष्ट्रपति के पास भेजा गया, जिसे राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल गई.

    अकबर में अपने इस्तीफे में लिखा है, 'चूंकि मैंने निजी हैसियत में कोर्ट से न्याय लेने का फैसला किया है, ऐसे में मुझे यही उचित लगा कि अपने पद से इस्तीफा दे दूं और फिर निजी हैसियत से ही खुद पर लगे झूठे आरोपों को चुनौती दूं. इसलिए मैंने विदेश राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है.'

    अपने पत्र में अकबर ने देश की सेवा का मौका देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभार व्यक्त किया है.

    ये भी पढ़ें- मानहानि केस में एमजे अकबर के लिए काम करेंगे 97 वकील, छह करेंगे कोर्ट में पैरवी

    बता दें कि एमजे अकबर पर करीब 20 महिला पत्रकारों ने यौन शोषण और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं. वहीं अकबर ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए एक महिला पत्रकार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है.

    इस मामले की सुनवाई से एक दिन पहले 67 वर्षीय अकबर ने अचानक अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की. सूत्रों के अनुसार सरकार में एक राय थी कि मंत्री को इस मामले से निजी तौर पर लड़ना चाहिए, केंद्रीय मंत्री के रूप में नहीं.

    अकबर के इस्तीफा का शिकायतकर्ताओं ने किया स्वागत
    कई शिकायतकर्ताओं के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियों ने भी तत्काल उनके इस्तीफे का स्वागत किया. मानहानि का मुकदमा झेल रही महिला पत्रकार ने अकबर के इस्तीफ को 'सच्चाई की जीत' बताया. उन्होंने ट्वीट किया, 'एम जे अकबर के इस्तीफे से महिलाओं के रूप में हम सही साबित हुए है. मुझे उस दिन का इंतजार है जब मुझे अदालत में न्याय मिलेगा.'

    उधर कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने यौन शोषण के आरोपों से घिरे एमजे अकबर के विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने को 'सच की ताकत की जीत' करार दिया और कहा कि वह उन महिलाओं को सलाम करती है जिन्होंने आवाज उठाई थी.

    वहीं आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा,'अकबर का इस्तीफा ही पर्याप्त नहीं है और उनके खिलाफ लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उनके खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया को शुरू किया जाना चाहिए.'

    द एशियन एज अखबार की रेजिडेंट एडिटर सुपर्णा शर्मा ने कहा कि वह इस्तीफे का स्वागत करती है. उन्होंने कहा,'यह हमारे लिए बड़ा क्षण है. आरोपों की पुष्टि होती है. हालांकि उनके दिल्ली पहुंचते ही यह कदम उठाया जाना चाहिए था, लेकिन अब कम से कम शक्ति असंतुलन नहीं होगा और यह सरकार और रमानी के बीच लड़ाई नहीं होगी.'

    अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संगठन की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि 20 महिलाओं के साहस और प्रतिबद्धता के कारण अकबर को देर से ही सही लेकिन पद छोड़ना पड़ा. वहीं महिला अधिकार कार्यकर्ता रंजना कुमारी ने कहा कि अकबर को शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने पहले इस्तीफा नहीं दिया.

     

    Tags: Me Too, Ministry Of Foreign Affairs, MJ Akbar, Narendra modi, Sexual Abuse

    टॉप स्टोरीज
    अधिक पढ़ें