Tamil Nadu Polls: तमिलनाडु को धर्मनिरपेक्ष रखना चाहते हैं लोग, DMK-कांग्रेस गठबंधन पर कोई शक नहीं- स्टालिन

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव को लेकर डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने रखी अपनी बात.
डीएमके (DMK) प्रमुख एमके स्टालिन (MK Stalin) ने एक बार फिर जोर देते हुए कहा कि द्रमुक और कांग्रेस निश्चित रूप से एक साथ चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि महंगाई और किसानों का मुद्दा आगामी चुनावों में प्रमुख मुद्दे साबित होंगे.
- News18Hindi
- Last Updated: January 25, 2021, 11:15 PM IST
चेन्नई. तमिलनाडु (Tamilnadu) में अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) को लेकर सभी दलों ने कमर कस ली है. डीएमके (DMK) प्रमुख एमके स्टालिन (MK Stalin) ने कहा है कि तमिलनाडु कभी भी भाजपा को स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने कहा बीजेपी तमिलनाडु में हिंदी और संस्कृत को लागू करने का प्रयास करेगी और विकास के नाम पर राज्य से तमिल का सफाया कर देगी.
डीएमके प्रमुख ने कहा तमिलनाडु के लोग चाहते हैं कि राज्य धर्मनिरपेक्ष रहे और भाजपा को सत्ता में नहीं आने दिया जाए. स्टालिन ने एक बार फिर जोर देते हुए कहा कि द्रमुक और कांग्रेस निश्चित रूप से एक साथ चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि महंगाई और किसानों का मुद्दा आगामी चुनावों में प्रमुख मुद्दे साबित होंगे.
द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) के प्रमुख एमके स्टालिन से बातचीत के कुछ अंश...विधानसभा चुनाव को लेकर आपका ग्राम सभा अभियान कैसा चल रहा है?
हमने पूरे तमिलनाडु में 16,000 ग्राम सभाएं आयोजित करने का फैसला किया है. लोग इस अभियान में काफी उत्साह से भाग ले रहे हैं, विशेष तौर पर महिलाएं. आमतौर पर महिलाएं सार्वजनिक सभाओं से दूर रहती हैं, लेकिन हमारी पार्टी की ओर से हुए ग्राम सभाओं में वे धैर्य से बैठती हैं. सवाल पूछती हैं और मेरे जवाब सुनती हैं. यह बहुत बड़ा बदलाव है.
ऐसे कौन से मुद्दे हैं जो चुनाव को प्रभावित करेंगे?
पिछले दस महीनों में कोरोनो वायरस के कारण लोग कठिन दौर से गुजर रहे हैं. कई लोगों ने अपनी आजीविका खो दी है. बेरोजगारी अपने चरम पर है. मुद्रास्फीति हर दिन बढ़ रही है. डीजल और पेट्रोल की दरें हर दिन बढ़ रही हैं. केंद्र और राज्य मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाने में असमर्थ हैं. किसान जिन्हें इस देश की रीढ़ कहा जाता है, उनकी स्थिति हर दिन खराब हो रही है. केंद्र उनकी मांगों को पूरा करने की स्थिति में नहीं है. तमिलनाडु की राज्य सरकार ने कृषि कानून पर हल्का रुख अपनाया हुआ है. राज्य सरकार की नीति बताती है कि इस मुद्दे पर वह केंद्र सरकार के साथ है.
इसे भी पढ़ें :- तमिलनाडु: राहुल का मोदी पर हमला, बोले- PM के मन में तमिल लोगों के लिए नहीं है इज्जत
कृषि कानूनों को कुछ दिनों तक रोकने के केंद्र के फैसले को आप कैसे देखते हैं?
मुझे लगता है कि केंद्र सरकार इस तरह अपने आपको बचाने की कोशिश कर रही है. सरकार इस तरह का माहौल बनाकर उसे वापस आगे लाने की रणनीति बना रही है. किसानों को कई तरह के प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं, लेकिन यह सब केंद्र पर उलटा पड़ रहा है. केंद्र सरकार और किसानों के बीच कई बार वार्ता हुई है लेकिन अभी तक आम सहमति नहीं बन पाई है. लिहाजा अब सरकार पर भरोसा कम रह गया है.
तमिलनाडु में भाजपा की स्थिति के बारे में आपका क्या कहना है? क्या जनता भाजपा को स्वीकार करेगी?
कोई रास्ता नहीं है कि वे भाजपा को स्वीकार करेंगे. जनता चाहती है कि किसी भी कीमत पर राज्य धर्मनिरपेक्ष रहे. सिर्फ इतना ही नहीं- तमिलनाडु में विकास लाने के नाम पर हिंदी और संस्कृत को थोपने और राज्य से तमिल का सफाया करने की कोशिश की जा रही है. किसी भी परिस्थिति में तमिलनाडु के लोग भाजपा को स्वीकार नहीं करेंगे.
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क्या तमिलनाडु और पुदुचेरी में डीएमके-कांग्रेस का गठबंधन जारी रहेगा?
इसे लेकर कोई संदेह नहीं है. हम [DMK और कांग्रेस] संसदीय चुनावों में एक साथ थे, स्थानीय निकाय चुनावों में एक साथ रहे और अब आगामी विधानसभा चुनाव में भी एक साथ रहेंगे. जहां तक पुडुचेरी का सवाल है, उचित समय पर नेतृत्व सही निर्णय लेगा.
कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि कमल हासन को डीएमके-कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा होना चाहिए
यही उनकी राय है. मुझे नहीं लगता कि मुझे इस पर अपनी राय व्यक्त करनी चाहिए.
शशिकला अस्पताल से छूट रही हैं. क्या इससे राजनीतिक प्रभाव पड़ेगा?
यह पार्टी का एक आंतरिक मामला है. मुझे इसमें दखल नहीं देना चाहिए. परिणाम जो भी हो, अभी वह अस्पताल में हैं. मेरी प्रार्थना है कि वह पूरी तरह से स्वस्थ्य हो जाएं. यही मेरी भावना है.
डीएमके प्रमुख ने कहा तमिलनाडु के लोग चाहते हैं कि राज्य धर्मनिरपेक्ष रहे और भाजपा को सत्ता में नहीं आने दिया जाए. स्टालिन ने एक बार फिर जोर देते हुए कहा कि द्रमुक और कांग्रेस निश्चित रूप से एक साथ चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि महंगाई और किसानों का मुद्दा आगामी चुनावों में प्रमुख मुद्दे साबित होंगे.
द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) के प्रमुख एमके स्टालिन से बातचीत के कुछ अंश...विधानसभा चुनाव को लेकर आपका ग्राम सभा अभियान कैसा चल रहा है?
हमने पूरे तमिलनाडु में 16,000 ग्राम सभाएं आयोजित करने का फैसला किया है. लोग इस अभियान में काफी उत्साह से भाग ले रहे हैं, विशेष तौर पर महिलाएं. आमतौर पर महिलाएं सार्वजनिक सभाओं से दूर रहती हैं, लेकिन हमारी पार्टी की ओर से हुए ग्राम सभाओं में वे धैर्य से बैठती हैं. सवाल पूछती हैं और मेरे जवाब सुनती हैं. यह बहुत बड़ा बदलाव है.
ऐसे कौन से मुद्दे हैं जो चुनाव को प्रभावित करेंगे?
पिछले दस महीनों में कोरोनो वायरस के कारण लोग कठिन दौर से गुजर रहे हैं. कई लोगों ने अपनी आजीविका खो दी है. बेरोजगारी अपने चरम पर है. मुद्रास्फीति हर दिन बढ़ रही है. डीजल और पेट्रोल की दरें हर दिन बढ़ रही हैं. केंद्र और राज्य मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाने में असमर्थ हैं. किसान जिन्हें इस देश की रीढ़ कहा जाता है, उनकी स्थिति हर दिन खराब हो रही है. केंद्र उनकी मांगों को पूरा करने की स्थिति में नहीं है. तमिलनाडु की राज्य सरकार ने कृषि कानून पर हल्का रुख अपनाया हुआ है. राज्य सरकार की नीति बताती है कि इस मुद्दे पर वह केंद्र सरकार के साथ है.
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कृषि कानूनों को कुछ दिनों तक रोकने के केंद्र के फैसले को आप कैसे देखते हैं?
मुझे लगता है कि केंद्र सरकार इस तरह अपने आपको बचाने की कोशिश कर रही है. सरकार इस तरह का माहौल बनाकर उसे वापस आगे लाने की रणनीति बना रही है. किसानों को कई तरह के प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं, लेकिन यह सब केंद्र पर उलटा पड़ रहा है. केंद्र सरकार और किसानों के बीच कई बार वार्ता हुई है लेकिन अभी तक आम सहमति नहीं बन पाई है. लिहाजा अब सरकार पर भरोसा कम रह गया है.
तमिलनाडु में भाजपा की स्थिति के बारे में आपका क्या कहना है? क्या जनता भाजपा को स्वीकार करेगी?
कोई रास्ता नहीं है कि वे भाजपा को स्वीकार करेंगे. जनता चाहती है कि किसी भी कीमत पर राज्य धर्मनिरपेक्ष रहे. सिर्फ इतना ही नहीं- तमिलनाडु में विकास लाने के नाम पर हिंदी और संस्कृत को थोपने और राज्य से तमिल का सफाया करने की कोशिश की जा रही है. किसी भी परिस्थिति में तमिलनाडु के लोग भाजपा को स्वीकार नहीं करेंगे.
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क्या तमिलनाडु और पुदुचेरी में डीएमके-कांग्रेस का गठबंधन जारी रहेगा?
इसे लेकर कोई संदेह नहीं है. हम [DMK और कांग्रेस] संसदीय चुनावों में एक साथ थे, स्थानीय निकाय चुनावों में एक साथ रहे और अब आगामी विधानसभा चुनाव में भी एक साथ रहेंगे. जहां तक पुडुचेरी का सवाल है, उचित समय पर नेतृत्व सही निर्णय लेगा.
कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि कमल हासन को डीएमके-कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा होना चाहिए
यही उनकी राय है. मुझे नहीं लगता कि मुझे इस पर अपनी राय व्यक्त करनी चाहिए.
शशिकला अस्पताल से छूट रही हैं. क्या इससे राजनीतिक प्रभाव पड़ेगा?
यह पार्टी का एक आंतरिक मामला है. मुझे इसमें दखल नहीं देना चाहिए. परिणाम जो भी हो, अभी वह अस्पताल में हैं. मेरी प्रार्थना है कि वह पूरी तरह से स्वस्थ्य हो जाएं. यही मेरी भावना है.