मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, अब घरेलू उद्योगों को नहीं लेना होगा NOC
News18Hindi Updated: November 17, 2019, 6:52 AM IST

पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने ट्विट कर जानकारी दी है कि अब घरेलू उद्योगों को एनओसी की जरूरत नहीं है.
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर ( Prakash Javadekar) ने ट्वीट कर जानकारी दी की अब घरेलू उद्योगों को प्रदूषण, लेबर और उद्योग विभाग के एनओसी की जरूरत नहीं है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 17, 2019, 6:52 AM IST
नई दिल्ली. मोदी सरकार (Modi government) ने घरेलू उद्योगों (domestic industry) को लेकर एक बड़ा फैसला किया है. सरकार के इस निर्णय के बाद घरेलू उद्योगों का रास्ता आसान हो गया है. अब घरेलू उद्योगों को प्रदूषण, लेबर और उद्योग विभाग के एनओसी की जरूरत नहीं है. पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर ( Prakash Javadekar) ने ट्वीट करके सरकार के इस फैसले की जानकारी दी है.
गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने छोटे उद्यमियों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने छोटे उद्यमियों के लिए अपने कारोबार या उत्पाद को पंजीकरण करने की फीस कम कर दी है. जिसके बाद अब छोटे उद्यमियों को पेटेंट डिजाइन जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग पर लगने वाली फीस पर अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा.

नए और पुराने कारोबारियों को फायदासरकार की इस छूट का फायदा नए और पुराने दोनों तरह के कारोबारियों को होगा. बता दें कि छोटे उद्यमी अपने कारोबार को पहचान दिलाने में अभी भी दुनिया के अन्य देशों की तुलना में काफी पीछे हैं. वे न तो अपने उत्पाद का पेटेंट कराते हैं, और न ही क्षेत्रीय विशिष्टता वाले उत्पाद के लिए जीआई टैग लेते हैं.
पंजीकरण से मिलने वाले लाभ से वंचित रहने की वजह से सरकार ने पेटेंट पर लगने वाली फीस में 60 फीसदी तक कमी की है. अभी तक एमएसएमई सूक्ष्म लघु एवं मध्य उद्योग और स्टार्टअप उद्यमी को पेटेंट आवेदन के लिए 4000 या 4400 रुपए देने पड़ते थे. अब 1600 या 1750 रुपए देने होंगे.
पेटेंट परीक्षण के लिए अब देने होंगे 4000 रुपएपेटेंट परीक्षण के लिए 10000 व 11000 रुपये देने होते थे. अब मात्र 4000 व 4400 रुपए देने होंगे. इसी तरह त्वरित परीक्षण 25000 के बजाय 8000 रुपए देने होंगे. पेटेंट के नवीनीकरण पर लगने वाली फीस 2000 से 20000 को घटाकर 800 से 8000 तक कर दी गई है.
डिजाइन आवेदन फीस 2000 रुपए से घटाकर 1000 रुपए कर दी गई है. ये दरें अक्टूबर के अंत तक लागू होंगी. सरकार ने जीआई टैग को पूरी तरह से निःशुल्क कर दिया है. अभी तक जीआई के तहत आवेदन प्रमम पत्र देने और जीआई के नवीनीकरण मे क्रमशः 500, 100 और 1000 रुपए लगते थे.

चलाया जाएगा जाएगा जागरुकता अभियान
एमएसएमई विकास संस्थान के सलाहकार आरके प्रकाश ने बताया कि अधिक से अधिक पहचान प्रमाण पत्रों को हासिल करवाने के लिए स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, आरएंडडी इंस्टीट्यूट और इंजस्ट्री क्लस्टर मे जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
बौद्धिक संपदा अधिकार विषय के जानकार ने कहा कि सरकार के प्रयास से कानपुर जैसे औद्योगिक शहर में लोग अपने उत्पाद का पेटेंट ट्रेडमार्क व जीआई टैग लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे. कारोबार को वैश्विक रूप देने के लिए ये प्रमाण पत्र बहुत जरूरी है.
ये भी पढ़ें:
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या को लेकर 3 दिवसीय सम्मेलन,600 डॉक्टर शामिल
आजादी की पहली लड़ाई आदिवासियों ने लड़ी,लेकिन इतिहास में जगह नहीं मिली:अमित शाह
गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने छोटे उद्यमियों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने छोटे उद्यमियों के लिए अपने कारोबार या उत्पाद को पंजीकरण करने की फीस कम कर दी है. जिसके बाद अब छोटे उद्यमियों को पेटेंट डिजाइन जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग पर लगने वाली फीस पर अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा.

सरकार ने छोटे उद्यमियों के लिए अपने कारोबार या उत्पाद को पंजीकरण करने की फीस कम कर दी है.
नए और पुराने कारोबारियों को फायदासरकार की इस छूट का फायदा नए और पुराने दोनों तरह के कारोबारियों को होगा. बता दें कि छोटे उद्यमी अपने कारोबार को पहचान दिलाने में अभी भी दुनिया के अन्य देशों की तुलना में काफी पीछे हैं. वे न तो अपने उत्पाद का पेटेंट कराते हैं, और न ही क्षेत्रीय विशिष्टता वाले उत्पाद के लिए जीआई टैग लेते हैं.
पंजीकरण से मिलने वाले लाभ से वंचित रहने की वजह से सरकार ने पेटेंट पर लगने वाली फीस में 60 फीसदी तक कमी की है. अभी तक एमएसएमई सूक्ष्म लघु एवं मध्य उद्योग और स्टार्टअप उद्यमी को पेटेंट आवेदन के लिए 4000 या 4400 रुपए देने पड़ते थे. अब 1600 या 1750 रुपए देने होंगे.
पेटेंट परीक्षण के लिए अब देने होंगे 4000 रुपए
Loading...
डिजाइन आवेदन फीस 2000 रुपए से घटाकर 1000 रुपए कर दी गई है. ये दरें अक्टूबर के अंत तक लागू होंगी. सरकार ने जीआई टैग को पूरी तरह से निःशुल्क कर दिया है. अभी तक जीआई के तहत आवेदन प्रमम पत्र देने और जीआई के नवीनीकरण मे क्रमशः 500, 100 और 1000 रुपए लगते थे.

डिजाइन आवेदन फीस 2000 रुपए से घटाकर 1000 रुपए कर दी गई है.
चलाया जाएगा जाएगा जागरुकता अभियान
एमएसएमई विकास संस्थान के सलाहकार आरके प्रकाश ने बताया कि अधिक से अधिक पहचान प्रमाण पत्रों को हासिल करवाने के लिए स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, आरएंडडी इंस्टीट्यूट और इंजस्ट्री क्लस्टर मे जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
बौद्धिक संपदा अधिकार विषय के जानकार ने कहा कि सरकार के प्रयास से कानपुर जैसे औद्योगिक शहर में लोग अपने उत्पाद का पेटेंट ट्रेडमार्क व जीआई टैग लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे. कारोबार को वैश्विक रूप देने के लिए ये प्रमाण पत्र बहुत जरूरी है.
ये भी पढ़ें:
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या को लेकर 3 दिवसीय सम्मेलन,600 डॉक्टर शामिल
आजादी की पहली लड़ाई आदिवासियों ने लड़ी,लेकिन इतिहास में जगह नहीं मिली:अमित शाह
News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए देश से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.
First published: November 17, 2019, 12:58 AM IST
Loading...