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Explained: molnupiravir-एंटीवायरल गोली क्या है? covid-19 में कैसे होगी कारगर?

भारत ने ओरल ड्रग Molnupiravir को मंजूरी दी है. यह गोली कोरोना के इलाज के लिए बनाई है.

भारत ने ओरल ड्रग Molnupiravir को मंजूरी दी है. यह गोली कोरोना के इलाज के लिए बनाई है.

Molnupiravir, the pill of Covid-19: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडी ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्‍ली.  स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने COVID19 टीकों कोवोवैक्स (Covovax ) और कॉर्बेवैक्स (Corbevax) और एंटी-वायरल दवा मोलनुपिरवीर (Anti-viral drug Molnupiravir) को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने यह जानकारी दी. सिलसिलेवार ट्वीट्स में देश को बधाई देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मोलनुपिरवीर एक एंटीवायरल दवा है जो देश में 13 कंपनियों द्वारा COVID-19 के वयस्क रोगियों के इलाज के लिए आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए निर्मित की जाएगी.

    मोलनुपिरवीर क्या है? कितनी गोली लेना होगी?
    मोलनुपिरवीर (MK-4482, EIDD-2801), जिसे शुरू में इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए विकसित
    किया गया था. यह कोविड -19 रोगियों के इलाज के लिए एक पुनर्निर्मित दवा है, जिसे गोली (anti-viral pill) के रूप में बनाया गया है और इसे मुंह से (ओरल) लिया जाता है. यह दवा SARS-CoV-2 वायरस के आनुवंशिक कोड में त्रुटियों को पेश करके काम करती है – जो वायरस को आगे बढ़ने से रोकता है.
    ऐसा बताया गया है कि डॉक्‍टरों की सलाह के बाद मरीजों को यह दवा लेनी चाहिए. इस 200 मिलिग्राम की गोली को डॉक्‍टरों के अनुसार ही खानी होगी. मरीज को हर 12 घंटे में चार गोलियां लेनी होंगी. यह डोज पांच दिनों तक चलेगा.

    कैसे काम करती है यह गोली? (How Does Molnupiravir Works)
    यह दवा हमारे शरीर की आरएनए मैकेनिज्म की गड़बड़ियों को ठीक करती है. इंग्लैंड की ड्रग नियामक संस्था का कहना है कि इसी आरएनए मैकेनिज्म की वजह से वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करने के बाद अपने-आप बढ़ते जाता है. इस तरह यह गोली शरीर में वायरस की संख्या बढ़ने से रोक देती है. इस तरह जब शरीर में वायरस की संख्या कम रह जाती है तो ऐसी स्थिति में इंसान इससे गंभीर रूप से बीमार होने से बच जाता है. कंपनी का कहना है कि प्री-क्लिनिकल और क्लिनिकल डाटा से पता चलता है कि molnupiravir सबसे कॉमन सार्स-सीओवी-2 वैरिएंट जैसे डेल्टा के खिलाफ भी पूरी तरह से कारगर है. यह वैरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था.

    सबसे पहले कहां मिली थी मंजूरी 

    यूनाइटेड किंगडम दवा नियामक मोलनुपिरवीर को मंजूरी देने वाला पहला देश था.  यूके के नियामक ने बताया था कि मोलनुपिरवीर वायरस की प्रतिकृति में हस्तक्षेप करके काम करता है. मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने कहा था कि यह वायरस को गुणित होने से रोकता है, शरीर में वायरस के स्तर को कम रखता है और इसलिए बीमारी की गंभीरता को कम करता है.

    भारत में कौन सी भारतीय कंपनियां दवा का निर्माण करेंगी?

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि 13 भारतीय दवा निर्माता घरेलू स्तर पर
    दवा का उत्पादन करेंगे.  इनमें डॉ रेड्डी लैबोरेट्रीज, सिप्ला, नैटको फार्मा, ऑप्टिमस फार्मा प्राइवेट
    लिमिटेड, स्ट्राइड और हेटेरो दवा का निर्माण करने वाले बड़े दवा निर्माताओं में से हैं.

    मधुमेह और दिल की बीमारी वाले मरीजों पर भी कारगर
    इंग्लैंड की ड्रग नियामक संस्था ने यह कहा है कि यह गोली मधुमेह, दिल की बीमारी, मोटापे आदि बीमारियों से ग्रसित मरीजों के कोरोना संक्रमित होने पर उन्हें भी दी जा सकती है. इसका कोई ऐसी बीमारियों से ग्रसित लोगों में खास साइड इफेक्ट नहीं है.

    Tags: COVID 19, Molnupiravir

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