तख्तापलट से भागकर भारत में प्रवेश कर रहे म्यांमार के नागरिक, मिजोरम बन रहा ठिकाना- रिपोर्ट्स

म्यांमार में लोग सेना के तख्तापलट और निर्वाचित नेता आंग सान सू ची को निष्कासित किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. (फोटो: AP)
Myanmar Coup: एक रिपोर्ट बताती है कि बुधवार से लेकर अब तक कम से कम 20 लोग सीमा पार (Myanmar Border Crossed) कर चुके हैं. इस रिपोर्ट में स्थानीय लोगों के हवाले से लिखा गया है कि चंपाई और सर्चिप जिलों में ऐसे कम से कम 50 लोग मौजूद हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: March 5, 2021, 5:20 PM IST
आइजोल. म्यांमार में तख्तापलट (Myanmar Coup) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माहौल गरमा गया है. अधिकारियों और रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार, देश में जारी उथल-पुथल के बीच लोगों ने भारत की सीमाओं (Indian Borders) के जरिए भारत में प्रवेश करना शुरू कर दिया है. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, म्यांमार के नागरिक सीमापार कर मिजोरम पहुंचे हैं. जानकारी मिली है कि कुछ पुलिसकर्मियों ने सैन्य तख्तापलट के खिलाफ जारी प्रदर्शन के खिलाफ हिंसक कार्रवाई में शामिल होने से मना कर दिया है. बीती एक फरवरी से म्यांमार में सेना शासन कर रही है.
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने कहा कि बीते बुधवार को कम से कम 38 लोग मारे गए हैं. इसी दौरान खबरें हैं कि म्यांमार में हिंसा भड़कने के बाद लोग बॉर्डर के जरिए भारत में दाखिल हो गए हैं. वहीं, भारतीय पुलिस ने जानकारी दी है कि ठीक उसी दिन 9 लोग 1600 किमी की सीमा को पार कर मिजोरम में दाखिल हुए हैं. इनमें से तीन पुलिसकर्मी प्रदर्शनों के खिलाफ कार्रवाई में शामिल होने से इनकार कर रहे हैं.
एक रिपोर्ट बताती है कि बुधवार से लेकर अब तक कम से कम 20 लोग सीमा पार कर चुके हैं. इस रिपोर्ट में स्थानीय लोगों के हवाले से लिखा गया है कि चंपाई और सर्चिप जिलों में ऐसे कम से कम 50 लोग मौजूद हैं. स्थानीय पुलिस प्रमुख कुमार अभिषेक ने कहा 'उनकी पहचान और म्यांमार से भागने के कारण को राज्य के गृह विभाग तक पहुंचा दिया गया है.'
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने मिजोरम के अधिकारियों के हवाले से बताया कि स्थानीय लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है. रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय लोगों से म्यांमार के लोगों के नजर आने पर तुरंत जानकारी देने के लिए कहा गया है. चंपाई डिप्टी कमिश्नर मारिया सीटी जुआली ने अखबार से बातचीत में कहा 'इन लोगों को पकड़ा जाना चाहिए और लोकल अथॉरिटीज को अलर्ट किया गया है.'
उन्होंने कहा 'हम यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि भारत में प्रवेश कर रहे लोगों की जान म्यांमार में खतरे में है या नहीं.' जुआली ने बताया 'अगर इन्हें शरणार्थी के तौर पर यहां रखने की अनुमति नहीं मिलती है, तो इन्हें वापस डिपोर्ट किया जाएगा.' कुछ समय पहले मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने कहा था कि म्यांमार से यहां भागकर आ रहे लोगों का राज्य स्वागत करेगा. साथ ही उन्होंने खाना और आश्रय देने की बात भी कही थी.
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने कहा कि बीते बुधवार को कम से कम 38 लोग मारे गए हैं. इसी दौरान खबरें हैं कि म्यांमार में हिंसा भड़कने के बाद लोग बॉर्डर के जरिए भारत में दाखिल हो गए हैं. वहीं, भारतीय पुलिस ने जानकारी दी है कि ठीक उसी दिन 9 लोग 1600 किमी की सीमा को पार कर मिजोरम में दाखिल हुए हैं. इनमें से तीन पुलिसकर्मी प्रदर्शनों के खिलाफ कार्रवाई में शामिल होने से इनकार कर रहे हैं.
एक रिपोर्ट बताती है कि बुधवार से लेकर अब तक कम से कम 20 लोग सीमा पार कर चुके हैं. इस रिपोर्ट में स्थानीय लोगों के हवाले से लिखा गया है कि चंपाई और सर्चिप जिलों में ऐसे कम से कम 50 लोग मौजूद हैं. स्थानीय पुलिस प्रमुख कुमार अभिषेक ने कहा 'उनकी पहचान और म्यांमार से भागने के कारण को राज्य के गृह विभाग तक पहुंचा दिया गया है.'
उन्होंने कहा 'हम यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि भारत में प्रवेश कर रहे लोगों की जान म्यांमार में खतरे में है या नहीं.' जुआली ने बताया 'अगर इन्हें शरणार्थी के तौर पर यहां रखने की अनुमति नहीं मिलती है, तो इन्हें वापस डिपोर्ट किया जाएगा.' कुछ समय पहले मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने कहा था कि म्यांमार से यहां भागकर आ रहे लोगों का राज्य स्वागत करेगा. साथ ही उन्होंने खाना और आश्रय देने की बात भी कही थी.