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EXCLUSIVE: खुफिया एजेंसियों की नाकामी नहीं थी नगालैंड की घटना, 14 मौतों की थी ये बड़ी वजह

अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने आईजीपी नगालैंड की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. (फोटो- AP)

अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने आईजीपी नगालैंड की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. (फोटो- AP)

Nagaland Killing: मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने का वादा किया और समाज के सभी वर्गों से ...अधिक पढ़ें

नई दिल्ली. नगालैंड में 14 लोगों की मौतों (Nagaland Killing) ने हर किसी को हिला कर रख दिया है. ये घटना क्यों और कैसे हुई इसको लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं. सीएनएन न्यूज़18 को सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि ये खुफिया एजेंसियों की नाकामी नहीं थी. कहा जा रहा है कि इंसरजेसी टास्क फोर्स की तरफ से विश्वसनीय इनपुट दिए गए थे कि विद्रोही गुट के लोग किधर जा रहे हैं. बता दें कि नगालैंड के मोन जिले में एक के बाद एक गोलीबारी की तीन घटनाओं में सुरक्षाबलों की गोलियों से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 अन्य घायल हो गए. पुलिस ने रविवार को बताया कि गोलीबारी की पहली घटना संभवत: गलत पहचान का मामला थी. इसके बाद हुए दंगों में एक सैनिक की भी मौत हो गई.

सूत्रों ने कहा कि दो एजेंसियों द्वारा खुफिया इनपुट की जांच करना जरूरी है. जिसमें सेना और टास्क फोर्स शामिल हैं. हालांकि, खुफिया सूत्रों ने कहा, कि आखिरी वक्त पर किसी ने विद्रोहियों को सूचना दी थी और वे उस आंदोलन में स्थानीय लोगों की घुसपैठ करने में सफल रहे. सूत्रों के मुताबिक टास्क फोर्स को ये पता नहीं था कि इसमें आम नागरिक जुड़ गए हैं. इतना ही नहीं इस बीच ऑपरेशन की योजना बनाई जा चुकी थी. दावा ये भी किया जा रहा है कि हो सकता है कि ग्रामीणों ने विद्रोहियों को हमले से बचाने की कोशिश की और वे मारे गए. सूत्रों का ये भी कहना है कि ये लोग समय-समय पर नागा का समर्थन करते रहते हैं.

जांच के आदेश
सेना ने घटना की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का आदेश देते हुए बताया कि इस दौरान एक सैन्यकर्मी की मौत हो गई और कई अन्य सैनिक घायल हो गए. इसने कहा कि यह घटना और उसके बाद जो हुआ, वह ‘अत्यंत खेदजनक’ है और लोगों की मौत होने की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने आईजीपी नगालैंड की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है.

क्या है पूरा मामला?
गोलीबारी की पहली घटना तब हुई जब शनिवार शाम कुछ कोयला खदान कर्मी एक पिकअप वैन में सवार होकर गाना गाते हुए घर लौट रहे थे. सेना के जवानों को प्रतिबंधित संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-के (एनएससीएन-के) के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की गतिविधि की सूचना मिली थी और इसी गलतफहमी में इलाके में अभियान चला रहे सैन्यकर्मियों ने वाहन पर कथित रूप से गोलीबारी की, जिसमें छह मजदूरों की जान चली गई.

Tags: Nagaland

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