कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को अपने शिकंजे में जकड़ने के साथ-साथ प्रतिकूल तौर पर भी प्रभावित किया. विश्व की बेहतरीन अर्थव्यवस्था और उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधा वाले देश भी कोरोना के कहर के सामने घुटने टेकने को मजबूर हो गए. भारत भी इससे प्रतिकूल तौर पर प्रभावित रहा, लेकिन भारत में पीएम नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ जंग को अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों से बेहतर तरीके से लड़ा गया. इन आंकड़ों से समझिए भारत कैसे अमेरिका और ब्रिटेन के मुकाबले बेहतर स्थिति में रहा –
1 जनवरी 2022 के लगभग अमेरिका में 53,795,407 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके थे और इस महामारी से 820,355 मौतें हो चुकी हैं. इसके साथ ही अमेरिका में कोरोना संक्रमितों की बड़ी संख्या के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. इसी समय अमेरिका के अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ है. आइसीयू में 78 प्रतिशत बेड भर चुके हैं. सीडीसी के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में इसी दौरान सात दिनों में 2,213,940 नए मामले आए हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अकेले फ्लोरिडा में एक दिन में रिकॉर्ड 75,900 मामले आए थे.
दूसरी ओर ब्रिटेन के इंग्लैंड प्रांत में जनवरी की शुरुआत में एक दिन में रिकॉर्ड 1,62,572 केस मिले और 154 लोगों की मौत हो गई. एक दिन पहले 178 लोगों की जान गई थी. वहीं इटली में इसी दौरान कोरोना के 141,262 मामले सामने आए जबकि महामारी से 111 लोगों की मौत हो गई. इससे एक दिन पहले इटली में 144,243 मामले दर्ज थे, जबकि 155 लोगों की मौत हो गई थी. इटली में अब तक महामारी से 137,513 लोगों की मौत हुई है, जबकि अगर हम भारत की बात करें तो कोरोना से अभी तक लगभग 4 करोड़ से भी कम लोग संक्रमित हुए हैं और उनमें से लगभग 97 फ़ीसदी लोग ठीक हो गए हैं. भारत अमेरिका और ब्रिटेन के इन आंकड़ों को इन देशों की जनसंख्या में अंतर की पृष्ठभूमि में भी समझा जाना चाहिए.
अमेरिका और ब्रिटेन ने की ये गलतियां
अमेरिका में हर तरह की वर्ल्ड क्लास सुविधाएं हैं, लेकिन फिर भी आज उसकी स्थिति कोरोना के मामले में सबसे खराब है. अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं, जबकि अमेरिका के पास वैक्सीन का भंडार है. दरअसल अमेरिका में कोरोना से बचने के बेसिक नियमों जैसे मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, भीड़भाड़ से बचना आदि पर ध्यान नहीं दिया जा रहा. वहीं ब्रिटेन में मास्क पहनने को लेकर लापरवाही बरती गई. इसके साथ ही जानकारों का मानना है कि भारत में लगातार मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग, पर्सनल हाइजीन, स्वच्छता और वैक्सीनेशन पर काफी ध्यान दिया गया.
पीएम ने लगातार लोगों को प्रेरित किया, हौसला बढ़ाया
पीएम नरेंद्र मोदी लगातार इसको लेकर लोगों से अपील करते रहे और इसे लागू करवाने और इनके बेहतर प्रबंधन की मॉनिटरिंग भी करते रहे. पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी व्यक्तिगत छवि का इस्तेमाल भी कोरोना महामारी के खिलाफ लोगों को प्रेरित करने में किया. अपना नंबर आने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने वैक्सीन लगवा करके अन्य लोगों को प्रेरित किया. वहीं, जब तक दवाई नहीं तब तक कड़ाई के नारों के साथ लोगों से लगातार सावधानी बरतने की अपील करते रहे.
इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत में कोरोना महामारी के दौरान 80 करोड़ लोगों तक लगातार खाद्यान्न पहुंचा करके इस लड़ाई को मजबूत किया, ताकि भारत जैसे विकासशील देश में किसी की भी गरीबी और भुखमरी के कारण मौत ना हो.
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