नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा- प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ हो रहा अपराधियों जैसा व्यवहार

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा किसानों के साथ हो रही अपराधियों जैसा बर्ताव.
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि किसानों के साथ आतंकियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है जबकि पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि किसानों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 29, 2020, 3:37 PM IST
नई दिल्ली. नए कृषि कानून (Farm Laws 2020) के विरोध में किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) रविवार को भी जारी है. किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन के चौथे दिन भी दिल्ली के तीनों बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसानों के प्रदर्शन को अब नेताओं का भी साथ मिलना शुरू हो गया है. आज सुबह से ही किसानों की ओर से किए जा रहे प्रदर्शन का समर्थन कर रहे नेता केंद्र सरकार की आलोचना करते दिखाई दे रहे हैं. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि किसानों के साथ आतंकियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है जबकि पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि किसानों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है.
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, '10 हजार किसान सत्याग्रहियों पर एफआईआर दर्ज की गई है जो एक रिकॉर्ड है. जो लोग देश की रक्षा के लिए सुरक्षा कवच बने, स्वतंत्रता संग्राम में सबसे ज्यादा यहीं के लोग शहीद हुए, सबसे ज्यादा यहीं के लोगों को परमवीर चक्र मिला है, जिन्होंने हरित क्रांति की शुरुआत की और जिन्होंने भारत के 80 करोड़ गरीबों को खाद्य सुरक्षा दी. क्या ये सब अपराधी हैं.'
गृह मंत्री के प्रस्ताव को किसानों ने किया खारिज
नए कृषि कानून को वापस लेने तथा अपनी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. किसान नेताओं की बैठक में शामिल स्वाराज पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि आज सुबह पंजाब के 30 किसान संगठनों की मीटिंग हुई. अमित शाह जी के बयान के बाद कल रात गृह सचिव की तरफ से भेजी गई चिट्ठी में कृषि कानून पर बातचीत के लिए सड़कें खाली करके बुराड़ी आने की जो शर्त लगाई गई थी, किसानों ने उसे नामंजूर कर दिया है.
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, '10 हजार किसान सत्याग्रहियों पर एफआईआर दर्ज की गई है जो एक रिकॉर्ड है. जो लोग देश की रक्षा के लिए सुरक्षा कवच बने, स्वतंत्रता संग्राम में सबसे ज्यादा यहीं के लोग शहीद हुए, सबसे ज्यादा यहीं के लोगों को परमवीर चक्र मिला है, जिन्होंने हरित क्रांति की शुरुआत की और जिन्होंने भारत के 80 करोड़ गरीबों को खाद्य सुरक्षा दी. क्या ये सब अपराधी हैं.'
इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने भी केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली आने से रोका गया है, ऐसा लगता है कि वे देश के नहीं, बल्कि बाहर के किसान हैं. उनके साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है. इस तरह का बर्ताव करना देश के किसानों का अपमान करना है.Record 10,000 FIRs registrd against Kisan Satyagrahis... Who have been India’s shield against invaders, highest no. of martyrs in the freedom struggle, maximum no. of Paramvir Chakras, who ushered in Green Revolution, gave food security to 80 Cr poor of India, Are they Criminals? pic.twitter.com/BVRktkxDmR
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) November 29, 2020
The way farmers have been stopped from entering Delhi, it looks like as if they don't belong to this country. They have been treated like terrorists. Since they are Sikh&have come from Punjab&Haryana, they're being called Khalistani. It is insult to farmers:Sanjay Raut, Shiv Sena pic.twitter.com/XaE529oZUL
— ANI (@ANI) November 29, 2020
गृह मंत्री के प्रस्ताव को किसानों ने किया खारिज
नए कृषि कानून को वापस लेने तथा अपनी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. किसान नेताओं की बैठक में शामिल स्वाराज पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि आज सुबह पंजाब के 30 किसान संगठनों की मीटिंग हुई. अमित शाह जी के बयान के बाद कल रात गृह सचिव की तरफ से भेजी गई चिट्ठी में कृषि कानून पर बातचीत के लिए सड़कें खाली करके बुराड़ी आने की जो शर्त लगाई गई थी, किसानों ने उसे नामंजूर कर दिया है.