नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई से पंजाब कांग्रेस में बेचैनी. (PHOTO:AFP)
चंडीगढ़. रोड रेज के एक मामले में अपनी सजा को पूरा करने के बाद आज नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) पटियाला सेंट्रल जेल से रिहा हो रहे हैं. इससे एक ओर सिद्धू के समर्थकों में खुशी की लहर देखी जा रही है, वहीं इस फायरब्रांड नेता की वापसी ने राज्य की कांग्रेस इकाई में बेचैनी बढ़ा दी है. नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई को सबसे उत्सुकता से देखने वालों में पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के मौजूदा प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा ‘वड़िंग’ (Amarinder Singh Raja Vading) जरूर शामिल होंगे. उनके और सिद्धू के बीच पहले भी कई मौकों पर टकराव साफ देखा जा चुका है. राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के खेमे की नजर जेल से रिहाई के बाद सिद्धू के होने वाले स्वागत पर भी रहेगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उम्मीद है कि 1988 के रोड रेज मामले में 10 महीने की सजा पूरी करने के बाद जेल से सिद्धू की रिहाई को उनके समर्थक एक बड़े इवेंट में बदलने की कोशिश करेंगे. इससे पहले कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने अन्य लोगों के साथ शुक्रवार को जेल में सिद्धू से मुलाकात की. सिद्धू की रिहाई से पहले पटियाला जेल में उन्हें बधाई देने वालों में कांग्रेस के अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला, वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री लाल सिंह, और पूर्व विधायक अश्विनी सेखरी, सुखविंदर डैनी और सुनील दुती सहित अन्य शामिल थे. पटियाला में पहले से ही नवजोत सिंह सिद्धू के स्वागत के लिए बैनर-होर्डिंग लगा दिए गए हैं.
सूरत कोर्ट द्वारा मोदी सरनेम मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद राहुल गांधी की सांसदी खत्म होने के खिलाफ चल रहे ‘संविधान बचाओ अभियान’ के तहत शनिवार को पटियाला में कांग्रेस ने एक विरोध मार्च की योजना बनाई है. मौजूदा राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के समर्थक इसलिए भी घबराए हुए हैं, क्योंकि अपने होम टाउन पटियाला में रिहाई के बाद सिद्धू काफी लाइमलाइट में आ सकते हैं. इसके कारण कांग्रेस का विरोध मार्च फीका पड़ सकता है. गौरतलब है कि कांग्रेस की गुटबाजी को पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार का सबसे बड़ा कारण माना गया था. विशेष रूप से नवजोत सिंह सिद्धू और पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच सार्वजनिक मनमुटाव ने आम आदमी पार्टी (AAP) को भारी जीत दिलाने में मदद की.
मौजूदा पंजाब कांग्रेस नेतृत्व में सिद्धू को लेकर इसलिए भी बेचैनी है, क्योंकि कुछ समय पहले उनके जेल में रहते कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उन्हें जरूरी सूचना भिजवाई थी और उनका हाल चाल भी जाना था. तब सूबे के राजनीतिक हलके में यह संदेश गया था कि नवजोत सिंह सिद्धू को जेल से रिहाई के बाद पंजाब कांग्रेस में कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. कुछ दिन पहले सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की थी. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नवजोत सिद्धू की मुलाकात को सियासी गलियारे में काफी अहम माना गया था. कांग्रेस आलाकमान के रुख को भांपते हुए पंजाब कांग्रेस के आला नेताओं ने सिद्धू के खिलाफ अभी से मोर्चेबंदी शुरू कर दी है.
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