20 लाख की ऋण चूक पर सरफेसी कानून के तहत वसूली कर सकेंगे NBFC

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण. एनबीएफसी 20 लाख के ऋण चूक पर सरफेसी कानून के तहत वसूली कर सकेंगे
Budget 2021: सरफेसी कानून के तहत वसूली केवल सुरक्षित ऋणों पर लागू होती है. यह उधारदाताओं को, ऋण पर चूक करने वाले उधारकर्ताओं से बकाया राशि की वसूली के लिए कानूनी अनुमति देता है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 2, 2021, 12:46 AM IST
नई दिल्ली. 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट (Budget 2021) में सोमवार को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के लिए बड़ा प्रस्ताव रखा गया है. इसके तहत अब वे 20 लाख तक के ऋण चूक पर वित्तीय परिसंपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और सुरक्षा हित (सरफेसी) अधिनियम, 2002 के तहत वसूली कर सकेंगी. जबकि ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को आयकर से छूट दी गई है. जो केवल पेंशन और ब्याज आय पर निर्भर हैं, इससे उनके कर अनुमति के बोझ को काफी कम कर देगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, "क्रेडिट अनुशासन में सुधार वहीं, छोटे उधारकर्ताओं के हितों की रक्षा करते हुए 100 करोड़ के न्यूनतम परिसंपत्ति आकार के साथ एनबीएफसी के लिए न्यूनतम ऋण आकार को सरफेसी एक्ट के तहत प्रस्तावित किया गया है. 50 लाख के मौजूदा स्तर को घटाकर 20 लाख करने का प्रस्ताव है."
सरफेसी कानून के तहत उधारदाता अपने ऋण की वसूली तेज गति से कर सकते हैं. यदि उधार दाता सरफेसी एक्ट का सहारा नहीं लेते तो उन्हें ऐसे मामलों को सिविल कोर्ट में दायर करने की आवश्यकता होती है, जो एक समय लेने वाली प्रक्रिया है.
सिर्फ सुरक्षित ऋणों पर लागू होगी है इस कानून के तरह वसूली
सरफेसी कानून के तहत वसूली केवल सुरक्षित ऋणों पर लागू होती है. यह उधारदाताओं को, ऋण पर चूक करने वाले उधारकर्ताओं से बकाया राशि की वसूली के लिए कानूनी अनुमति देता है. यह ऋण के साथ गिरवी रखी गई संपत्ति की नीलामी करने की इजाजत देता है. यह होम लोन, संपत्ति के बदले लोन और सूक्ष्म छोटे मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए लागू होता है.
सरफेसी अधिनियम के तहत एक ऋणदाता 60 दिनों के नोटिस के बाद संपत्ति या गिरवी रखी गई संपत्ति पर कब्जा कर सकता है. ऋणदाता, भौतिक कब्जे या गिरवी रखी गई संपत्ति को नियंत्रित कर सकते हैं और किसी भी अदालत या किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के बिना उन्हें खरीदार को बेच या स्थानांतरित कर सकते हैं. एक बार संपत्ति नीलाम हो जाने के बाद, ऋणदाता अपना बकाया काट लेता है और बाकी धनराशि, यदि कोई हो, संपत्ति के मालिक को चुका देता है.

कोविड -19 महामारी के कारण ऋण चूक बढ़ रही है. एनबीएफसी चाहते थे कि सीमाएं कम की जाएं ताकि वे डिफॉल्टरों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई कर सकें.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, "क्रेडिट अनुशासन में सुधार वहीं, छोटे उधारकर्ताओं के हितों की रक्षा करते हुए 100 करोड़ के न्यूनतम परिसंपत्ति आकार के साथ एनबीएफसी के लिए न्यूनतम ऋण आकार को सरफेसी एक्ट के तहत प्रस्तावित किया गया है. 50 लाख के मौजूदा स्तर को घटाकर 20 लाख करने का प्रस्ताव है."
सरफेसी कानून के तहत उधारदाता अपने ऋण की वसूली तेज गति से कर सकते हैं. यदि उधार दाता सरफेसी एक्ट का सहारा नहीं लेते तो उन्हें ऐसे मामलों को सिविल कोर्ट में दायर करने की आवश्यकता होती है, जो एक समय लेने वाली प्रक्रिया है.
सिर्फ सुरक्षित ऋणों पर लागू होगी है इस कानून के तरह वसूली
सरफेसी कानून के तहत वसूली केवल सुरक्षित ऋणों पर लागू होती है. यह उधारदाताओं को, ऋण पर चूक करने वाले उधारकर्ताओं से बकाया राशि की वसूली के लिए कानूनी अनुमति देता है. यह ऋण के साथ गिरवी रखी गई संपत्ति की नीलामी करने की इजाजत देता है. यह होम लोन, संपत्ति के बदले लोन और सूक्ष्म छोटे मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए लागू होता है.
सरफेसी अधिनियम के तहत एक ऋणदाता 60 दिनों के नोटिस के बाद संपत्ति या गिरवी रखी गई संपत्ति पर कब्जा कर सकता है. ऋणदाता, भौतिक कब्जे या गिरवी रखी गई संपत्ति को नियंत्रित कर सकते हैं और किसी भी अदालत या किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के बिना उन्हें खरीदार को बेच या स्थानांतरित कर सकते हैं. एक बार संपत्ति नीलाम हो जाने के बाद, ऋणदाता अपना बकाया काट लेता है और बाकी धनराशि, यदि कोई हो, संपत्ति के मालिक को चुका देता है.
कोविड -19 महामारी के कारण ऋण चूक बढ़ रही है. एनबीएफसी चाहते थे कि सीमाएं कम की जाएं ताकि वे डिफॉल्टरों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई कर सकें.