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राष्ट्रीय बाल आयोग ने की असम सरकार की तारीफ, बाल विवाह के खिलाफ हो रही कार्रवाई को ठहराया सही, अब तक 2258 लोग गिरफ्तार

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने बाल विवाह को लेकर चल रही कार्रवाई पर असम सरकार की तारीफ की. (फोटो-ANI)

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने बाल विवाह को लेकर चल रही कार्रवाई पर असम सरकार की तारीफ की. (फोटो-ANI)

प्रियांक कानूनगो ने कहा कि एनसीपीसीआर ने बाल विवाह में शामिल वयस्कों के खिलाफ असम सरकार की पहल की सराहना की है और हम अन ...अधिक पढ़ें

गुवाहाटी. असम में बाल विवाह (Assam Child Marruage) को लेकर हेमंत सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई को लेकर एक तरफ राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने असम सरकार (Assam Government) के इस कदम को सही ठहराया है. एनसीपीसीआर प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने कहा, ‘बच्चों के मामले में राजनीतिक दलों को संवेदनशील होना चाहिए. बाल विवाह अधिनियम और POCSO अधिनियम केंद्रीय अधिनियम हैं, यदि वे मॉडल नियमों के साथ ठीक हैं तो असम सरकार को अलग नियम बनाने की आवश्यकता नहीं है. मुझे समझ नहीं आता कि लोग कितने मूर्ख राजनीतिक बयान देते हैं.

इसके अलावा प्रियांक कानूनगो ने कहा कि एनसीपीसीआर ने बाल विवाह में शामिल वयस्कों के खिलाफ असम सरकार की पहल की सराहना की है और हम अन्य राज्यों से भी इसी तरह के कदम उठाने की उम्मीद करते हैं. एआईयूडीएफ (AIUDF) का यह कहना कि असम सरकार ने नियम नहीं बनाए, /u मूर्खतापूर्ण है. आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने शनिवार को आरोप लगाया कि असम सरकार आवश्यक नियम बनाए बिना ही बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए) के प्रावधानों के तहत बाल विवाह पर कार्रवाई कर रही है.

कांग्रेस ने भी भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर उन एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने पर सवाल उठाया, जिन पर बाल अधिकारों की रक्षा का जिम्मा है. पुलिस ने शुक्रवार से बाल विवाह पर कार्रवाई करते हुए ऐसे मामलों के खिलाफ दर्ज 4,074 प्राथमिकी के आधार पर अब तक 2,258 लोगों को गिरफ्तार किया है. मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा कि यह अभियान 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा.

एआईयूडीएफ के महासचिव अमीनुल इस्लाम ने दावा किया कि पीसीएमए को लागू करने के नियम राज्य सरकार द्वारा नहीं बनाए गए हैं. उन्होंने प्रश्न किया, ‘2006 का पीसीएमए 2007 से प्रभाव में आया. चूंकि यह एक केंद्रीय अधिनियम है, इसलिए राज्यों को नियम बनाने होंगे. 2007 से 2014 तक, राज्य कांग्रेस शासन के अधीन था और उसके बाद से भाजपा के अधीन. सरकार ने नियम क्यों नहीं बनाए?’ (इनपुट भाषा से)

Tags: Assam Government, Child marriage

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