9वीं बार भी किसानों और सरकार के बीच नहीं बनी बात, 19 जनवरी को दोबारा होगी बैठक

किसान कानून वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. (फोटो: AP)
Farmers Protest: राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में केंद्र सरकार और किसानों के बीच मुलाकात पूरी हो चुकी है. एक ओर सरकार कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है, तो दूसरी ओर किसान नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: January 15, 2021, 7:49 PM IST
नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच शुक्रवार को हुई 9वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा ही रही. दोनों पक्षों के बीच अगली मुलाकात 19 जनवरी को आयोजित की जाएगी. राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में हुई चर्चा में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar), पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और सोम प्रकाश (Som Prakash) मौजूद रहे. खास बात है कि इससे पहले हुई 8 बार की बातचीत में अब तक केवल पराली जलाने और सब्सिडी से जुड़ी मांगों पर ही सहमति बन सकी है.
राजधानी दिल्ली में केंद्र सरकार और किसानों के बीच मुलाकात पूरी हो चुकी है. एक ओर सरकार कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है, तो दूसरी ओर किसान नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. हालांकि, सरकार इसे लेकर पहले ही अपना पक्ष साफ कर चुकी है. सरकार ने कहा है कि कानून वापस लिया जाना कोई विकल्प नहीं है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस वार्ता को लेकर काफी उम्मीद जताई थी.
किसानों के साथ चर्चा के बाद तोमर ने कहा 'किसान संगठनों के साथ आज की बात निर्णायक नहीं हो सकी. हम 19 जनवरी को फिर बात करेंगे.' उन्होंने कहा 'हम बातचीत के जरिए समाधान तक पहुंचने की बात पर भरोसा रखे हुए हैं. सरकार ठंड में प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर चिंतित है.'
हालांकि, इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा 'कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के बयानों और कामों पर हंसती है, उनका मजाक उड़ाती है.' इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की तरफ से जारी किए गए 2019 चुनाव के घोषणा पत्र भी जिक्र किया है. उन्होंने कहा, 'मैं यह याद दिलाना चाहूंगा कि अपने 2019 के घोषणा पत्र में कांग्रेस ने वादा किया था कि वे इस बदलाव को लेकर आएंगे. अगर उन्हें याद नहीं है, तो उन्हें अपना घोषणा पत्र दोबारा पढ़ना चाहिए.'
हिरासत में लिए गए कांग्रेस नेता
इधर, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस (Congress) नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने रवनीत सिंह बिट्टू, गुरजीत सिंह औजला और एक अन्य कांग्रेस विधायक को हिरासत में लिया है. ये नेता लंबे समय से नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. इस पुलिस कार्रवाई को लेकर सांसद औजला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया, 'श्रीमान नरेंद्र मोदी और अमित शाह आपके एजेंट्स हमें गिरफ्तार जंतर मंतर आए हैं. कृपया ठीक तरह से सैनिटाइज और साफ कर लें.'
बीती 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने नए कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी थी. वहीं, 4 सदस्यीय टीम का गठन करने उन्हें मामले को खत्म करने की जिम्मेदारी दी गई थी. किसानों ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया था, लेकिन नई समिति को अस्वीकार कर दिया था. किसानों ने आरोप लगाया था कि समिति में शामिल लोग कृषि कानूनों के समर्थक हैं.
यह भी पढ़ें: 26 जनवरी को किसान नहीं निकालेंगे ट्रैक्टर रैली- सूत्र
वहीं, कृषि मंत्री तोमर ने इस बातचीत में किसानों से थोड़ा लचीला होने की अपील की है. पंजाब किसान मोर्चा के बलजीत सिंह बाली ने बताया, 'अपनी बात की शुरुआत में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा कि आप लोग लगातार यह कह रहे हैं कि सरकार अड़ी हुई है और इसे अहंकार का मुद्दा बना रही है. जबकि, हमने आपकी कई मांगें मान ली हैं. आपको नहीं लगता कि आपको थोड़ा लचीला होना चाहिए और कानून वापस लेने की मांग पर अड़े नहीं रहना चाहिए.'

9वें दौर की बैठक में लंच ब्रेक तक भी किसी बात को लेकर सहमति नहीं बन सकी थी. वहीं, लंच के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी एक्ट को लेकर बातचीत की गई. अंत में इस मुद्दे पर भी किसान और सरकार एकमत नहीं हो सके.
राजधानी दिल्ली में केंद्र सरकार और किसानों के बीच मुलाकात पूरी हो चुकी है. एक ओर सरकार कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है, तो दूसरी ओर किसान नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. हालांकि, सरकार इसे लेकर पहले ही अपना पक्ष साफ कर चुकी है. सरकार ने कहा है कि कानून वापस लिया जाना कोई विकल्प नहीं है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस वार्ता को लेकर काफी उम्मीद जताई थी.
किसानों के साथ चर्चा के बाद तोमर ने कहा 'किसान संगठनों के साथ आज की बात निर्णायक नहीं हो सकी. हम 19 जनवरी को फिर बात करेंगे.' उन्होंने कहा 'हम बातचीत के जरिए समाधान तक पहुंचने की बात पर भरोसा रखे हुए हैं. सरकार ठंड में प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर चिंतित है.'
हालांकि, इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा 'कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के बयानों और कामों पर हंसती है, उनका मजाक उड़ाती है.' इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की तरफ से जारी किए गए 2019 चुनाव के घोषणा पत्र भी जिक्र किया है. उन्होंने कहा, 'मैं यह याद दिलाना चाहूंगा कि अपने 2019 के घोषणा पत्र में कांग्रेस ने वादा किया था कि वे इस बदलाव को लेकर आएंगे. अगर उन्हें याद नहीं है, तो उन्हें अपना घोषणा पत्र दोबारा पढ़ना चाहिए.'
हिरासत में लिए गए कांग्रेस नेता
इधर, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस (Congress) नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने रवनीत सिंह बिट्टू, गुरजीत सिंह औजला और एक अन्य कांग्रेस विधायक को हिरासत में लिया है. ये नेता लंबे समय से नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. इस पुलिस कार्रवाई को लेकर सांसद औजला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया, 'श्रीमान नरेंद्र मोदी और अमित शाह आपके एजेंट्स हमें गिरफ्तार जंतर मंतर आए हैं. कृपया ठीक तरह से सैनिटाइज और साफ कर लें.'
बीती 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने नए कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी थी. वहीं, 4 सदस्यीय टीम का गठन करने उन्हें मामले को खत्म करने की जिम्मेदारी दी गई थी. किसानों ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया था, लेकिन नई समिति को अस्वीकार कर दिया था. किसानों ने आरोप लगाया था कि समिति में शामिल लोग कृषि कानूनों के समर्थक हैं.
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वहीं, कृषि मंत्री तोमर ने इस बातचीत में किसानों से थोड़ा लचीला होने की अपील की है. पंजाब किसान मोर्चा के बलजीत सिंह बाली ने बताया, 'अपनी बात की शुरुआत में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा कि आप लोग लगातार यह कह रहे हैं कि सरकार अड़ी हुई है और इसे अहंकार का मुद्दा बना रही है. जबकि, हमने आपकी कई मांगें मान ली हैं. आपको नहीं लगता कि आपको थोड़ा लचीला होना चाहिए और कानून वापस लेने की मांग पर अड़े नहीं रहना चाहिए.'
9वें दौर की बैठक में लंच ब्रेक तक भी किसी बात को लेकर सहमति नहीं बन सकी थी. वहीं, लंच के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी एक्ट को लेकर बातचीत की गई. अंत में इस मुद्दे पर भी किसान और सरकार एकमत नहीं हो सके.