किताब में प्रकाश ने खुलासा किया कि युद्ध से पहले नेहरू ने भारतीय सेना के आधुनिकीकरण पर ध्यान नहीं दिया था. इसका कारण उनके राजनीतिक सिद्धांत रहे थे. वहीं द्धितीय विश्व युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति की पहल के कारण भी नेहरू जी ने सेना पर जोर नहीं दिया था. इस बात का फायदा उठाकर चीनी सेना ने भारतीय सीमाओं घुसपैठ कर 1962 में बड़े हमले को अंजाम दिया था.
प्रकाश की किताब के मुताबिक, नेहरू चीन से मिली इस हार से टूट गए थे, जिसके कारण सेना में छह महीनों के अंदर अधिकारियों की भर्ती और प्रशिक्षण देने के लिए इमरजेंसी कमीशन का ऐलान किया गया था. प्रकाश ने बताया कि नेहरू को दुनियाभर से युद्ध सामाग्री मंगाने के लिए भीख और उधार मांगने तक की नौबत आ गई थी. इन दिनों नेहरू सेना का आधुनिकीकरण करने के लिए दिन रात करने में लगे हुए थे.
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