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Exclusive: J&K के विकास में मील का पत्थर साबित होगा नया भूमि कानून, 1 इंच जमीन की बंदरबांट नहीं- मनोज सिन्हा

जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा. (फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा. (फाइल फोटो)

Exclusive: जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर (LG of Jammu and Kashmir) मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने भूमि सुधार को लेकर ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर (LG of Jammu and Kashmir) मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने नेटवर्क18 के ग्रुप कंसल्टिंग एडिटर बृजेश कुमार सिंह के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कई मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी है. उन्होंने कहा है कि नया भूमि कानून प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होने वाला है. उन्होंने भूमि सुधार को लेकर कहा कि 70 साल की नाकामियों को छिपाने के लिए गलत प्रोपेगेंडा का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने यह भी साफ किया कि एक इंच जमीन की बंदरबांट नहीं होगी.

    नए भूमि कानून को लेकर कांग्रेस और अन्य राजनीतिक पार्टियों द्वारा विरोध किए जाने को लेकर सिन्हा ने कहा कि ये झूठा प्रोपेगेंडा है. रोशनी एक्ट को लेकर उन्होंने कहा कि अगर आप बारीकी के साथ देखेंगे तो पाएंगे कि 3 लाख 48 हजार कैनाल जमीन में से 3.40 लाख कैनाल जमीन मुफ्त में बांटी गई. जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की टिप्पणी याद दिलाते हुए सिन्हा ने कहा कि सरकार जमीन की ट्रस्टी है उसका खैरात में बंटरबांट नहीं किया जा सकता. रसूखदार लोग कौड़ियों के भाव जमीन पाते रहे. अगर इस हिसाब से नए कानून को देखा जाए तो बात ज्यादा स्पष्ट होगी. सिन्हा ने यह भी साफ किया कि करीब 88 फीसदी जमीन कृषि योग्य भूमि है और इसमें से एक इंच जमीन किसी बाहरी को नहीं मिलने जा रही है.




    सिन्हा ने यह भी साफ किया हम उद्योग लगाना चाहते हैं. लेकिन उसके लिए भी जमीन प्रावधानों के तहत ही दी जाएगी. उन्होंने साफ किया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए यह उचित नहीं कि रोजगार, इलाज, शिक्षा-दीक्षा के अच्छे संस्थान न मौजूद हों.

    सरकार ने किया है ये फैसला
    गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए के निरस्त होने के एक साल बाद कई कानूनों में संशोधन करके जम्मू-कश्मीर के बाहर के लोगों के लिए केंद्र शासित प्रदेश में जमीन खरीदने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है.

    केंद्र सरकार की ओर से जारी राजपत्र अधिसूचना में भूमि कानूनों में विभिन्न बदलावों की जानकारी दी गई है. सबसे महत्वपूर्ण बदलाव जम्मू-कश्मीर विकास अधिनियम में किया गया है, जिसकी धारा 17 से 'राज्य के स्थायी निवासी' वाक्यांश को हटा दिया है.

    अब तक अचल संपत्ति नहीं खरीद सकते थे गैर-निवासी
    गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए को निरस्त करने से पहले, गैर-निवासी जम्मू-कश्मीर में कोई अचल संपत्ति नहीं खरीद सकते थे. हालांकि, ताजा बदलावों ने गैर-निवासियों के लिए केंद्र शासित प्रदेश में जमीन खरीदने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है.

    Tags: Jammu and kashmir, LG Manoj Sinha

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