नई स्टडी में खुलासा- कोविड के खिलाफ ज्यादातर लोगों के पास है प्राकृतिक इम्युनिटी

शोध में पाया गया कि बहुत बीमार रोगियों में आरबीडी-विशिष्ट एंटीबॉडी की हायर कंसन्ट्रेशन्स मिले हैं और बी-सेल में वृद्धि हुई है.(सांकेतिक तस्वीर)
Covid-19 Update: इजराइल के तेल अवीव विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं समेत एक टीम द्वारा किये गए इस अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 से उबर चुके लोगों में आरडीबी केन्द्रित एंटीबॉडी (Antibody) मिले.
- भाषा
- Last Updated: February 12, 2021, 6:17 PM IST
यरूशलम. कोविड-19 से गंभीर रूप से ग्रस्त अधिकतर लोगों में खुद ही नोवेल कोरोना वायरस (Novel Coronavirus) से लड़ने के लिये एंटीबॉडी विकसित हो सकती हैं. एक अध्ययन में इस रोग से बचने और इलाज के लिए एंटीबॉडी थेरेपी (Antibody Therapy) के उपयोग का समर्थन करते हुए यह बात कही गई है. शोधकर्ताओं ने कहा कि विशेष रूप से SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन के रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (आरबीडी) पर हमला करने वाले एंटीबॉडी कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिये आवश्यक माने जाते हैं. वायरस मानव कोशिकाओं में प्रवेश के लिये आरबीडी का इस्तेमाल करता है.
इजराइल के तेल अवीव विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं समेत एक टीम द्वारा किये गए इस अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 से उबर चुके लोगों में आरडीबी केन्द्रित एंटीबॉडी मिले. उन्होंने कहा कि संक्रमण से उबर चुके कुछ लोगों में जबरदस्त और लंबे समय तक जारी रहने वाली प्रतिरोधक क्षमता देखने को मिली है जबकि अन्य लोगों में तुलनात्मक रूप से कमजोर एंटीबॉडी मिले.
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'पीएलओएस पैथोजेंस' पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में गंभीर रूप से कोविड-19 की चपेट में आए आठ और हल्के लक्षणों वाले 10 व्यक्तियों के वायरस से संक्रमित होने के डेढ़ महीने बाद बी-सेल प्रतिक्रियाओं की तुलना की गई. इसके लिये मॉलेक्युलर और बायोइन्फॉर्मेटिक्स तकनीकों का इस्तेमाल किया गया. बी-सेल प्रतिरक्षा प्रणाली आक्रामक रोगजनकों के खिलाफ एंटीजन-केन्द्रित इम्युनोग्लोबुलिन (IG) के विकसित होने के लिए जिम्मेदार होती है.
शोध में पाया गया कि बहुत बीमार रोगियों में आरबीडी-विशिष्ट एंटीबॉडी की हायर कंसन्ट्रेशन्स मिले हैं और बी-सेल में वृद्धि हुई है. इनमें से दो रोगियों में बने 22 एंटीबॉडी में से छह में सार्स-कोव-2 से लड़ने की क्षमता थी. शोधकर्ताओं ने कहा, 'बायोफॉर्मेटिक्स विश्लेषण से पता चला है कि कोविड-19 के अधिकतर गंभीर रोगियों में सार्स-कोव-2 के खिलाफ अपने आप एंटीबॉडी विकसित हुए.'
इजराइल के तेल अवीव विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं समेत एक टीम द्वारा किये गए इस अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 से उबर चुके लोगों में आरडीबी केन्द्रित एंटीबॉडी मिले. उन्होंने कहा कि संक्रमण से उबर चुके कुछ लोगों में जबरदस्त और लंबे समय तक जारी रहने वाली प्रतिरोधक क्षमता देखने को मिली है जबकि अन्य लोगों में तुलनात्मक रूप से कमजोर एंटीबॉडी मिले.
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'पीएलओएस पैथोजेंस' पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में गंभीर रूप से कोविड-19 की चपेट में आए आठ और हल्के लक्षणों वाले 10 व्यक्तियों के वायरस से संक्रमित होने के डेढ़ महीने बाद बी-सेल प्रतिक्रियाओं की तुलना की गई. इसके लिये मॉलेक्युलर और बायोइन्फॉर्मेटिक्स तकनीकों का इस्तेमाल किया गया. बी-सेल प्रतिरक्षा प्रणाली आक्रामक रोगजनकों के खिलाफ एंटीजन-केन्द्रित इम्युनोग्लोबुलिन (IG) के विकसित होने के लिए जिम्मेदार होती है.
शोध में पाया गया कि बहुत बीमार रोगियों में आरबीडी-विशिष्ट एंटीबॉडी की हायर कंसन्ट्रेशन्स मिले हैं और बी-सेल में वृद्धि हुई है. इनमें से दो रोगियों में बने 22 एंटीबॉडी में से छह में सार्स-कोव-2 से लड़ने की क्षमता थी. शोधकर्ताओं ने कहा, 'बायोफॉर्मेटिक्स विश्लेषण से पता चला है कि कोविड-19 के अधिकतर गंभीर रोगियों में सार्स-कोव-2 के खिलाफ अपने आप एंटीबॉडी विकसित हुए.'