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महाराष्ट्र: कोरोना के बीच नई मुसीबत, महाबलेश्वर के चमगादड़ों में मिला निपाह वायरस

मार्च 2020 में गुफा में मौजूद चमगादड़ो की दो प्रजातियों- Rousettus leschenaultii और Pipistrellus pipistrellus के खून, गले और मलाशय के स्वाब के नमूने लिए गए थे. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

मार्च 2020 में गुफा में मौजूद चमगादड़ो की दो प्रजातियों- Rousettus leschenaultii और Pipistrellus pipistrellus के खून, गले और मलाशय के स्वाब के नमूने लिए गए थे. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

Nipah Virus in Mahabaleshwar: मार्च 2020 में गुफा में मौजूद चमगादड़ो की दो प्रजातियों- Rousettus leschenaultii और Pipis ...अधिक पढ़ें

    महाबलेश्वर. महाराष्ट्र (Maharashtra) के सतारा जिले में स्थित महाबलेश्वर की गुफा में चमगादड़ों (Bats) में घातक निपाह वायरस मिला है. पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के एक शोध में इस बात की जानकारी दी गई है. कोई भी वैक्सीन और दवा नहीं होने के कारण निपाह वायरस को काफी घातक माना जाता है. साथ ही इसकी मृत्यु दर भी काफी ज्यादा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पैथोजन्स की सूची में इस वायरस को शीर्ष 10 में शामिल किया है.

    मार्च 2020 में गुफा में मौजूद चमगादड़ों की दो प्रजातियों- Rousettus leschenaultii और Pipistrellus pipistrellus के खून, गले और मलाशय के स्वाब के नमूने लिए गए थे. लैब में शोध के दौरान 33 leschenaultii और 1 Pipistrellus के सैंपल में NiV यानि निपाह के खिलाफ एंटीबॉडीज मिली हैं. NIV के शोध में मिली प्राप्तियां जर्नल ऑफ इंफेक्शन एंड पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित हुई थीं.

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    टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में स्टडी की प्रमुख डॉक्टर प्रज्ञा यादव ने बताया कि इससे पहले महाराष्ट्र में चमगादड़ों की किसी प्रजाति में निपाह नहीं मिला था. खास बात यह है कि एक तरफ जहां कोविड में मृत्यु दर 1 से 2 फीसदी है, तो वहीं, निपाह में CFR 65 से 100 प्रतिशत तक है. हालांकि, देश में कई बार निपाह वायरस से जुड़े मामलों की पहचान की जा चुकी है.

    देश में पहली बार निपाह वायरस का मरीज साल 2001 में पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में मिला था. इसके बाद राज्य के ही नादिया जिले में साल 2007 में इससे जुड़ा मामला सामने आया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, असम के डुबरी और मैनागुरी जिलों और पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में NiV की एंटीबॉडीज मिली थीं. ये दोनों स्थान बांग्लादेश सीमा के नजदीक हैं.

    इसके बाद साल 2018 में इस वायरस के चलते 18 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, 2019 में भी राज्य में निपाह के मामले देखे गए थे. 2018 में हुई एक स्टडी में कई दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की पहचान NiV बीमारी की हॉस्पॉट के रूप में हुई थी. इनमें कई भारतीय राज्यों का नाम भी शामिल था.

    Tags: Bats, Coronavirus, Mahabaleshwar, Maharashtra, Nipah virus

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