देश में बढ़ रहा है कुपोषण और मोटापा, 22 राज्यों की NFHS रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) की पांचवीं रिपोर्ट के मुताबिक, उम्र के हिसाब से कम लंबाई और कम वजन वाले राज्यों की सूची में बिहार टॉप पर है. (प्रतीकात्मक)
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) की पांचवीं रिपोर्ट के मुताबिक, उम्र के हिसाब से कम लंबाई वाले राज्यों की सूची में बिहार टॉप पर है. बिहार में 2015-16 में यह 48.3 फीसदी थी जो अब 42.9 फीसदी हो गई. इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर गुजरात और तीसरे पर कर्नाटक है. वहीं कम वजन वाले बच्चों की सूचि में भी पहले पर बिहार और फिर गुजरात का नंबर है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 14, 2020, 8:05 AM IST
नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Health Ministry) ने शनिवार को नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) की पांचवीं रिपोर्ट का पहला हिस्सा जारी किया है. इसमें साल 2019-20 में किए गए सर्वे के आंकड़े हैं. हालांकि यह सर्वे तीन साल के अंतराल के बाद किया गया है. एनएफएचएस के पहले संस्करण की रिपोर्ट में देश के 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल किया गया है. इन राज्यों में देश की आधे से अधिक आबादी रहती है. इसमें कुछ बड़े राज्य महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल शामिल है. हालांकि इनमें सर्वाधिक आबादी वाला उत्तर प्रदेश नहीं शामिल है.
बच्चों में बढ़ा कुपोषण
एनएफएचएस की इस पांचवीं रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश के बच्चों में कुपोषण बढ़ा है. यह चिंताजनक स्थिति है. इससे पहले एनएफएचएस की चौथी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि देश में बच्चों में कुपोषण कम हुआ है. अब पांचवीं रिपोर्ट में इसके बढ़ने की बात कही गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अपनी उम्र में सामान्य लंबाई से कम बच्चों की हिस्सेदारी 13 राज्यों में बढ़ी है. वहीं अपनी लंबाई के हिसाब से कम वजन के मामले में 12 राज्यों में बच्चों की संख्या बढ़ी है.
उम्र के लिहाज से कम लंबाई वाले बच्चों में ये हैं टॉप 3 राज्यबिहार सूची में टॉप पर है. बिहार में 2015-16 में यह 48.3 फीसदी थी जो अब 42.9 फीसदी हो गई. दूसरे स्थान पर गुजरात है. गुजरात में यह 39.0 फीसदी है. तीसरे पर कर्नाटक है. कर्नाटक में यह 35.4 फीसदी है.
कम वजन वाले बच्चों के मामले में टॉप 3 राज्य
इस श्रेणी में भी बिहार टॉप पर है. राज्य में 2005-06 में यह हिस्सेदारी 16.5 फीसदी थी. 2015-16 में 25.6 फीसदी थी. अब 2019-20 में यह 25.6 फीसदी हो गई. बिहार में 2015-16 में यह 20.8 फीसदी थी. अब 22.9 फीसदी हो गई. गुजरात में 2015-16 में यह 26.4 फीसदी थी. अब भी यह 25.1 फीसदी है.
इनके अलावा कम वजन और अधिक वजन वाले बच्चों की हिस्सेदारी में भी इजाफा हुआ है. 16 राज्यों में कम वजन वाले बच्चों की संख्या बढ़ी है. वहीं 20 राज्यों में अधिक वजन वाले बच्चे बढ़े हैं.

मोटापा भी बढ़ा है
इसके साथ ही देश में मोटापे और खून की कमी से जूझ रहे लोगों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. 22 में से 19 राज्यों में पुरुषों में मोटापा बढ़ा है. वहीं 16 राज्यों में महिलाओं में इसकी वृद्धि देखी गई है. कर्नाटक में सबसे ज्यादा महिलाओं में मोटापा देखा गया. यह 6.8 फीसदी रहा. जबकि पुरुषों में सबसे ज्यादा मोटापा जम्मू-कश्मीर में देखा गया. वहां यह 11.1 फीसदी रहा.
बच्चों में बढ़ा कुपोषण
एनएफएचएस की इस पांचवीं रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश के बच्चों में कुपोषण बढ़ा है. यह चिंताजनक स्थिति है. इससे पहले एनएफएचएस की चौथी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि देश में बच्चों में कुपोषण कम हुआ है. अब पांचवीं रिपोर्ट में इसके बढ़ने की बात कही गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अपनी उम्र में सामान्य लंबाई से कम बच्चों की हिस्सेदारी 13 राज्यों में बढ़ी है. वहीं अपनी लंबाई के हिसाब से कम वजन के मामले में 12 राज्यों में बच्चों की संख्या बढ़ी है.
उम्र के लिहाज से कम लंबाई वाले बच्चों में ये हैं टॉप 3 राज्यबिहार सूची में टॉप पर है. बिहार में 2015-16 में यह 48.3 फीसदी थी जो अब 42.9 फीसदी हो गई. दूसरे स्थान पर गुजरात है. गुजरात में यह 39.0 फीसदी है. तीसरे पर कर्नाटक है. कर्नाटक में यह 35.4 फीसदी है.
कम वजन वाले बच्चों के मामले में टॉप 3 राज्य
इस श्रेणी में भी बिहार टॉप पर है. राज्य में 2005-06 में यह हिस्सेदारी 16.5 फीसदी थी. 2015-16 में 25.6 फीसदी थी. अब 2019-20 में यह 25.6 फीसदी हो गई. बिहार में 2015-16 में यह 20.8 फीसदी थी. अब 22.9 फीसदी हो गई. गुजरात में 2015-16 में यह 26.4 फीसदी थी. अब भी यह 25.1 फीसदी है.
इनके अलावा कम वजन और अधिक वजन वाले बच्चों की हिस्सेदारी में भी इजाफा हुआ है. 16 राज्यों में कम वजन वाले बच्चों की संख्या बढ़ी है. वहीं 20 राज्यों में अधिक वजन वाले बच्चे बढ़े हैं.
मोटापा भी बढ़ा है
इसके साथ ही देश में मोटापे और खून की कमी से जूझ रहे लोगों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. 22 में से 19 राज्यों में पुरुषों में मोटापा बढ़ा है. वहीं 16 राज्यों में महिलाओं में इसकी वृद्धि देखी गई है. कर्नाटक में सबसे ज्यादा महिलाओं में मोटापा देखा गया. यह 6.8 फीसदी रहा. जबकि पुरुषों में सबसे ज्यादा मोटापा जम्मू-कश्मीर में देखा गया. वहां यह 11.1 फीसदी रहा.