किसान ने की आत्महत्या (प्रतिकात्मक फोटो)
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मीडिया रिपोर्टों के आधार पर 639 किसानों की मौत पर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च से मई 2018 के बीच 639 किसानों ने आत्महत्या की. किसानों की आत्महत्या का कारण ऋण न चुका पाना और बैंकों से उन्हें किसी तरह की आर्थिक मदद न मिलना बताया जा रहा है.
आयोग ने इस मामले में केंद्रीय कृषि मंत्रालय और मुख्य सिचव को नोटिस जारी कर इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. इसके साथ ही आयोग ने कहा कि यह भी बताया जाए कि अब तक किसानों के लिए चलाई जा रही योजना की स्थित क्या है और कितने पीड़ित परिवारों को इन योजनाओं का लाभ हुआ है. आयोग ने चार सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है.
ऐसा पहली बार नहीं है जब आयोग ने मीडिया की रिपोर्ट के आधार पर इस तरह का फैसला लिया हो. आयोग को महाराष्ट्र के साथ ही पूरे देश से किसानों की मौत के बारे में शिकायतें मिल रही हैं. आयोग ने सभी मामलों पर खुद संज्ञान लेते हुए केंद्र और महराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है. आयोग ने कहा है कि इतनी बड़ी संख्या में किसानों की आत्महत्या का मामला काफी गंभीर है क्योंकि पीड़ित परिवार के जीवन का आधार कृषि है. कमाई करने वाले सदस्य की अचानक मृत्यु के कारण उनका परिवार भी भारी दबाव में आ जाता है.
आयोग ने कहा कि केंद्री और राज्य सरकारों द्वारा फसल बीमा और ऋण छूट सहित कई योजनाओं की घोषणा के बावजूद, गरीब किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. किसान अभी भी ऋण न चुका पाने से काफी तनाव में रहते हैं और बाद में उनके पास अपनी जिंदगी खत्म करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|