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PFI ठिकानों पर छापाः इन 5 कमांडरों के हाथ थी पूरे नेटवर्क की कमान, पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के ठिकानों पर एक साथ कई राज्यों में छापेमारी के बाद हड़कंप मचा है. File Photo

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के ठिकानों पर एक साथ कई राज्यों में छापेमारी के बाद हड़कंप मचा है. File Photo

PFI Action: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर एक साथ कई राज्यों में छापेमारी के बाद हड़कंप मचा हुआ है. छापे ...अधिक पढ़ें

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हाइलाइट्स

युवाओं को भड़काते थे- दिमाग में भर रहे थे देश विरोधी जहर
कड़ी परीक्षा के बाद पीएफआई के कोर ग्रुप में शामिल किए जाते थे युवा

नई दिल्ली. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर एक साथ कई राज्यों में छापेमारी के बाद हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले में कई गिरफ्तारियां भी की गईं. छापे के बाद अब तक की पड़ताल में कई अहम और चौंकाने वाले खुलासे भी सामने आ रहे हैं. खुफिया विभाग के सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए 5 आरोपी पीएफआई के कमांडर हैं. इन सभी 5 आरोपियों ने अलग-अलग हिस्सों में रीजनल प्रिचिंग के नाम पर पीएफआई काडर खड़े करने का काम किया.

खुफिया विभाग के सूत्रों के मुताबिक मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में छोटे मोटे होटल, लॉज, मदरसा या घर में ये मुलाकातें होती थीं. जहां ये मीटिंग्स होती थीं वहां विशेष सतर्कता भी बरती जाती थी और बाहर निगरानी के लिए 2 लोगों को बिठा दिया जाता था. इन मीटिंग में सवाल जवाब होते थे. इनमें पूछा जाता था कि नौजवान अपने आसपास क्या देख रहे हैं? उनके आसपास हाल के दिनों में क्या हुआ? हिंदू किस तरह से डोमिनेट कर रहे हैं और त्योहार मना रहे हैं? मुसलमानों पर पाबंदियां क्यों लगायी जा रही हैं?

युवाओं को भड़काते थे- दिमाग में भर रहे थे देश विरोधी जहर
बताया गया है कि रीजनल प्रिचिंग के नाम पर इन नौजवानों को देशविरोधी गतिविधियों के लिए भड़काऊ ज्ञान देना. कॉन्स्टिट्यूशन में भरोसा न करो, शरीयत कानून लाना मकसद होना है. कभी भी मुसलमानों के साथ लिंचिंग की जा सकती है. कभी भी मुसलमानों की नागरिकता छीनी जा सकती है. इन बैठकों में गुस्ताखे रसूल से जुड़ी जानकारी देकर इन्हें भड़काने का काम किया जाता था. पूछताछ में जुटी जांच एजेंसियों के मुताबिक गिरफ्तार पांचों आरोपी अब तक तकरीबन 120 के करीब नौजवानों से रीजनल प्रिचिंग के नाम पर संपर्क में हैं.

कड़ी परीक्षा के बाद पीएफआई के कोर ग्रुप में शामिल किए जाते थे युवा
सूत्रों के मुताबिक आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि वो सीधे किसी नौजवान को काडर के लिए भर्ती नहीं करते थे. साल भर तक इन नौजवानों को अलग-अलग ठिकानों पर रीजनल प्रिचिंग के नाम पर बुलाया जाता था. जगह बदलती रहती थी और नौजवानों पर कई बंदिशें तक लगायी जाती थीं. साल भर के बाद ये तय होता कि पीएफआई काडर के लिए सही लड़के कौन से हैं जो शरीयत लॉ में विश्वास रखते हुए रेडिक्लाइजड हो चुके हैं और फिर उन चुने गए लड़कों को पीएफआई के कोर ग्रुप में शामिल किया जाता था.

Tags: New Delhi news, NIA, PFI, Terror Funding

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