केरल: एनआईए ने 2 आईएस आतंकियों के खिलाफ कोर्ट में पूरक आरोप पत्र दायर किया

एनआईए ने 2 अक्टूबर, 2016 को केरल के कन्नूर से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था. (सांकेतिक तस्वीर)
NIA ने 2 अक्टूबर, 2016 को केरल (Kerala) के कन्नूर से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जब न्यायाधीशों, पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं समेत नामचीन हस्तियों को निशाना बनाकर आतंकवादी हमले (Terrorist Attack) करने की तैयारी कर रहे थे.
- Last Updated: January 25, 2021, 11:23 PM IST
नई दिल्ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (Islamic State) समूह के दो सदस्यों के खिलाफ सोमवार को पूरक आरोप पत्र दाखिल किया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. दोनों सदस्यों पर भारत में समूह की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिये लोगों की भर्ती करने का षड़यंत्र रचने का आरोप है. एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि केरल के तिरुवनंतपुरम के निवासी सिद्दीकी-उल-असलम (31) और कोझिकोड़ के रहने वाले मोहम्मद पोलक्कणी (28) के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैर-कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत एर्नाकुलम की एक विशेष एनआईए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया. अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA) ने आईएसआईएस (ISIS) से प्रेरित आंतकी मॉड्यूल अंसारुल खिलाफा-केएल के कुछ सदस्यों द्वारा आईएसआईएस के मंसूबों को आगे बढ़ाने की मंशा के साथ दक्षिण भारत से एक साजिश रचे जाने के संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए 1 अक्टूबर 2016 को मामला दर्ज किया था.
उन्होंने कहा कि एनआईए ने 2 अक्टूबर, 2016 को केरल के कन्नूर से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था जब वे केरल और तमिलनाडु में न्यायाधीशों, पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं समेत नामचीन हस्तियों और उन पर्यटन स्थलों को निशाना बनाकर आतंकवादी हमले करने की तैयारी कर रहे थे, जहां विदेशी और विशेषकर यहूदी आते हैं.
अधिकारी ने कहा कि 27 नवंबर 2019 को विशेष अदालत ने भारतीय दंड संहिता और यूएपीए की धाराओं के तहत आईएसआईएस से प्रेरित मॉड्यूल के छह सदस्यों मनसीद महमूद, स्वालिह मोहम्मद, राशिद अली, रमशाद एन के, सफवान पी और मोइनुद्दीन पी के को दोषी करार दिया. उन्हें तीन से 14 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई और जुर्माना लगाया गया.एनआईए अधिकारी ने कहा असलम ने आतंकी मॉड्यूल के दोषी सदस्यों के साथ मिलकर आईएसआईएस के मंसूबों को आगे बढ़ाने के लिये लोगों की भर्ती की साजिश रचने का प्रयास किया था. उसे सऊदी अरब से लौटने के बाद 28 अक्टूबर 2020 को गिरफ्तार किया गया था. अधिकारी ने कहा कि पोल्लकणी ने दोषी व्यक्तियों के साथ मिलकर सक्रिय रूप से "जिहादी" विचारधारा वाली सामग्री वितरित कर हिंसक चरमपंथ का प्रचार करने की साजिश रची. एनआईए प्रवक्ता ने कहा कि पोलक्कणी 2018 की शुरुआत में जॉर्जिया गया था. उसकी मंशा वहां से तुर्की और तुर्की से सीरिया जाकर आईएसआईएस में शामिल होने की थी.

प्रवक्ता ने कहा कि पोलक्कणी को फर्जी पासपोर्ट के जरिये अवैध रूप से तुर्की जाते समय जॉर्जिया के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था. उसे जॉर्जिया से प्रत्यर्पित किये जाने के बाद 19 सितंबर 2020 को गिरफ्तार कर लिया गया.
उन्होंने कहा कि एनआईए ने 2 अक्टूबर, 2016 को केरल के कन्नूर से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था जब वे केरल और तमिलनाडु में न्यायाधीशों, पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं समेत नामचीन हस्तियों और उन पर्यटन स्थलों को निशाना बनाकर आतंकवादी हमले करने की तैयारी कर रहे थे, जहां विदेशी और विशेषकर यहूदी आते हैं.
अधिकारी ने कहा कि 27 नवंबर 2019 को विशेष अदालत ने भारतीय दंड संहिता और यूएपीए की धाराओं के तहत आईएसआईएस से प्रेरित मॉड्यूल के छह सदस्यों मनसीद महमूद, स्वालिह मोहम्मद, राशिद अली, रमशाद एन के, सफवान पी और मोइनुद्दीन पी के को दोषी करार दिया. उन्हें तीन से 14 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई और जुर्माना लगाया गया.एनआईए अधिकारी ने कहा असलम ने आतंकी मॉड्यूल के दोषी सदस्यों के साथ मिलकर आईएसआईएस के मंसूबों को आगे बढ़ाने के लिये लोगों की भर्ती की साजिश रचने का प्रयास किया था. उसे सऊदी अरब से लौटने के बाद 28 अक्टूबर 2020 को गिरफ्तार किया गया था. अधिकारी ने कहा कि पोल्लकणी ने दोषी व्यक्तियों के साथ मिलकर सक्रिय रूप से "जिहादी" विचारधारा वाली सामग्री वितरित कर हिंसक चरमपंथ का प्रचार करने की साजिश रची. एनआईए प्रवक्ता ने कहा कि पोलक्कणी 2018 की शुरुआत में जॉर्जिया गया था. उसकी मंशा वहां से तुर्की और तुर्की से सीरिया जाकर आईएसआईएस में शामिल होने की थी.
प्रवक्ता ने कहा कि पोलक्कणी को फर्जी पासपोर्ट के जरिये अवैध रूप से तुर्की जाते समय जॉर्जिया के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था. उसे जॉर्जिया से प्रत्यर्पित किये जाने के बाद 19 सितंबर 2020 को गिरफ्तार कर लिया गया.