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लोकसभा में तेलगू देशम पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव पर करीब 12 घंटे तक चली चर्चा के दौरान मिशन 2019 की पूरी झलक देखने को मिली. कौन पार्टी किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी, यह इसका प्री टेस्ट था. बीजेपी इसमें अच्छे नंबरों से पास हुई, जबकि कांग्रेस व उसके सहयोगी दल एकता नहीं दिखा पाए. इससे सत्ताधारी पार्टी गदगद है. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि लोकसभा में विपक्ष की हार अगले साल होने वाले चुनाव परिणामों की मात्र एक झलक है.
राहुल गांधी ने कई बार पीएम नरेंद्र मोदी को यह चुनौती दी थी कि वो उनके सामने 15 मिनट भी नहीं टिक पाएंगे. उनके भाषण से भूकंप आ जाएगा. राहुल सहित पूरे विपक्ष ने सरकार को कटघरे में करने की कोशिश की, लेकिन प्रधानमंत्री ने हर एक सवाल का सिलसिलेवार जवाब दिया. अविश्वास प्रस्ताव पर बहस 2019 के लोकसभा चुनाव के भाषणों में बदल गई.
राहुल गांधी ने अपने 40 मिनट के भाषण में से आधा घंटा मोदी पर निशाना लगाने पर खर्च किया. जवाब में प्रधानमंत्री ने करीब डेढ़ घंटे के भाषण में से एक घंटा नेहरू-गांधी परिवार पर प्रहार करने में लगाए. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के वंशवाद पर चोट की.
राहुल के सामने कांग्रेस के पुराने कारनामों से उबरने की चुनौती!
अविश्वास प्रस्ताव पर सभी पार्टियों ने अपने-अपने मकसद से बहस में हिस्सा लिया. जैसे अपना दल की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिए जाने का मसला उठाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसा करने नहीं दे रही है.
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने न्यायपालिका में दलितों, पिछड़ों की भागीदारी से जुड़ा सवाल उठाया. यह उनकी पार्टी का एजेंडा है और इस पर वो जगह-जगह कार्यक्रम कर रहे हैं.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिमों पर जुल्म और मुस्लिम छात्रों की स्कॉलरशिप से जुड़ा मसला उठाया. एआईयूडीएफ के बदरुद्दीन अजमल ने मुस्लिमों और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला ने कश्मीर में शांति से जुड़े सवाल पर भाषण दिया. टीडीपी सांसद राम मोहन नायडू ने इमोशन और आक्रामकता से भरा भाषण दिया कि किस तरह आंध्र की उपेक्षा हो रही है. जाहिर है कि टीडीपी क्षेत्रीय अस्मिता के मसले पर चुनाव में उतरेगी. मतलब साफ है जिस पार्टी का जो एजेंडा था उसने बहस में उसी को आगे बढ़ाया.
2019 में ये मुद्दे उठा सकती है कांग्रेस
बैंक खाते में 15 लाख रुपये आने का मामला, हर साल 2 करोड़ रोजगार, किसानों की दुर्दशा, दलितों, अल्पसंख्यक, ओबीसी उत्पीड़न, मोब लिंचिंग, आरक्षण, एनपीए, असहिष्णुता, नोटबंदी के नकारात्मक असर और महंगाई आदि.
संसद में भाषण देते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
बीजेपी के संभावित मुद्दे
वहीं बीजेपी अलगे साल होने वाले लोकसभा चुनाव में विकास, सर्जिकल स्ट्राइक, कांग्रेस नेताओं के कथित पाकिस्तान परस्त बयान, किसानों की फसल पर बढ़ी हुई एमएसपी, इमरजेंसी में लोगों का उत्पीड़न, कांग्रेस द्वारा सुभाष चंद्र बोस, जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई, प्रणब मुखर्जी की कथित उपेक्षा, हिंदुत्व, ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिए जाने जैसे मुद्दे जोरशोर से उठा सकती है.
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