हिंसा स्वीकार नहीं लेकिन इसे उकसावा देने वाले कारणों की तरफ भी देखना होगा: शरद पवार

शरद पवार ने केंद्र को जिम्मेदारी निभाने की सलाह दी है. (फाइल फोटो)
शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से बैठे हुए थे फिर वो क्रोधित हो गए. केंद्र सरकार ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. सरकार को परिपक्वता दिखानी चाहिए और सही निर्णय करना चाहिए.
- News18Hindi
- Last Updated: January 26, 2021, 8:05 PM IST
मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा है कि गणतंत्र दिवस (Republic Day) के दिल्ली में हुई हिंसा (Violence) का कोई समर्थन नहीं किया जा सकता लेकिन इसके पीछे के कारणों को भी देखना होगा. उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से बैठे हुए थे फिर वो क्रोधित हो गए. केंद्र सरकार ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. सरकार को परिपक्वता दिखानी चाहिए और सही निर्णय करना चाहिए.
केंद्र की जिम्मेदारी थी कि वो कानून-व्यवस्था संभाले लेकिन वो फेल रहे
उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने अनुशासित ढंग से प्रदर्शन किया लेकिन सरकार ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया. जब संयम समाप्त हुआ तब ट्रैक्टर रैली निकाली गई. ये केंद्र की जिम्मेदारी थी कि वो कानून-व्यवस्था संभाले लेकिन वो फेल रहे.

शिवसेना नेता संजय राउत ने राउत ने भी केंद्र पर साधा निशान
वहीं महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ शिवसेना ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि दिल्ली में हुई हिंसा सरकार की विफलता है. शिवसेना नेता संजय राउत ने राउत ने ट्वीट किया है कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था बाधित हो गई है. यह सरकार की विफलता है. इस अराजकता के लिए, दिल्ली में कदम उठाए गए. वह किससे इस्तीफा मांगेंगे? सोनिया गांधी. ममता बनर्जी. उद्धव ठाकरे, शरद पवार या जो बिडेन? इस मामले पर इस्तीफा ... इस्तीफा दिया जाता है साहब.
हिंसा पर किसान नेताओं की माफी
हिंसा को लेकर किसान संगठनों ने माफी भी मांगी है. संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से अपने बयान में कहा गया कि आज के किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम किसानों को धन्यवाद देते हैं, लेकिन हम उन अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की भी निंदा और खेद करते हैं, जो आज घटित हुई हैं और ऐसे कृत्यों में लिप्त होने वाले लोगों से खुद को अलग करते हैं.
केंद्र की जिम्मेदारी थी कि वो कानून-व्यवस्था संभाले लेकिन वो फेल रहे
उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने अनुशासित ढंग से प्रदर्शन किया लेकिन सरकार ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया. जब संयम समाप्त हुआ तब ट्रैक्टर रैली निकाली गई. ये केंद्र की जिम्मेदारी थी कि वो कानून-व्यवस्था संभाले लेकिन वो फेल रहे.

शिवसेना नेता संजय राउत ने राउत ने भी केंद्र पर साधा निशान
वहीं महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ शिवसेना ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि दिल्ली में हुई हिंसा सरकार की विफलता है. शिवसेना नेता संजय राउत ने राउत ने ट्वीट किया है कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था बाधित हो गई है. यह सरकार की विफलता है. इस अराजकता के लिए, दिल्ली में कदम उठाए गए. वह किससे इस्तीफा मांगेंगे? सोनिया गांधी. ममता बनर्जी. उद्धव ठाकरे, शरद पवार या जो बिडेन? इस मामले पर इस्तीफा ... इस्तीफा दिया जाता है साहब.
हिंसा पर किसान नेताओं की माफी
हिंसा को लेकर किसान संगठनों ने माफी भी मांगी है. संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से अपने बयान में कहा गया कि आज के किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम किसानों को धन्यवाद देते हैं, लेकिन हम उन अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की भी निंदा और खेद करते हैं, जो आज घटित हुई हैं और ऐसे कृत्यों में लिप्त होने वाले लोगों से खुद को अलग करते हैं.