अब पाक की हर हरकतों पर नजर रखेगा यह सैटेलाइट, जानें क्या है इसमें खास
News18Hindi Updated: October 3, 2019, 2:30 PM IST

पाक की हर हरकतों पर नजर रखेगा कार्टोसैट-3 (Cartosat-3)
पाकिस्तान (Pak) की हरकतों पर नजर रखने के लिए इसरों नवम्बर तक लांच कर सकता है कार्टोसैट-3 (Cartosat 3), इस सैटेलाइट (Satellite) के जरिए सीमा पर दुश्मन या आतंकियों की किसी भी तरह की घुसपैठ को रोकेगा.
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- Last Updated: October 3, 2019, 2:30 PM IST
बेंगलुरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में पाकिस्तान (Pakistan) और उसके आतंकी ठिकानों पर कड़ी नजर रखने के लिए सबसे ताकतवर निगरानी सैटेलाइट कार्टोसैट-3 (Cartosat-3) की लॉन्चिंग करने वाला था. लेकिन, कहा जा रहा है कि शायद इसे लॉन्च करने में थोड़ा और समय लग सकता है. इस योजना को इसरो ने फिलहाल रोक दिया है. जानकारों के अनुसार वर्तमान में इसरो की टीम विक्रम लैंडर (Vikram Lander) से संपर्क स्थापित करने में लगी हुई है. इसलिए कार्टोसैट-3 की लॉन्चिंग में अभी थोड़ा और समय लग सकता है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कार्टोसैट-3 को नवंबर में लॉन्च किया जा सकता है.
जानें क्या है कार्टोसैट-3
कार्टोसैट-3 एक सैटेलाइट है, यह कार्टोसैट सीरीज का नौवां सैटेलाइट है. इसे पृथ्वी से 450 किमी ऊपर की कक्षा में स्थापित किया जायेगा. पृथ्वी का निरीक्षण करने वाला या रिमोट सेंसिंग उपग्रह कार्टोसैट-3 एक उन्नत संस्करण है जो कार्टोसैट-2 सीरीज के उपग्रहों की तुलना में बेहतर आकाशीय और वर्णक्रमीय गुणों से लैस है. इस सेटेलाइट में बेहतर तस्वीरों के साथ रणनीतिक एप्लीकेशंस भी होंगे.
अंतरिक्ष में क्यों जरूरी है कार्टोसैट-3वैसे तो इस सैटेलाइट का काम होगा अंतरिक्ष से भारत की धरती नजर रखना, लेकिन इसे देश की सीमाओं पर निगरानी करने के लिए लगाया जाएगा. इसका मुख्य मकसद अंतरिक्ष से भारत की जमीन पर नजर रखना और पाकिस्तान तथा उसके आतंकी कैंपों की निगरानी करना है. यह सीमाओं पर नजर रखेगा साथ ही दुश्मन या आतंकियों की सरहद पर किसी भी तरह की घुसपैठ को भी रोकेगा. इसके अलावा विभिन्न प्रकार के मौसम में पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम. यह प्राकृतिक आपदाओं के समय भी मदद करेगा.
क्या है इसमें खासियत
सेटेलाइट में दुनिया का सबसे एडवांस्ड और ताकतवर कैमरा लगा हुआ है. कैमरा इतना ताकतवर है कि वह अंतरिक्ष से जमीन पर 1 फीट से भी कम (9.84 इंच) की ऊंचाई तक की तस्वीर ले सकेगा. यानी आप की कलाई पर बंधी घड़ी पर दिख रहे सही समय की भी सटीक जानकारी देगा. कार्टोसैट-2 सीरीज के उपग्रहों की तुलना में बेहतर आकाशीय और वर्णक्रमीय गुणों से लैस है. कार्टोसैट-3 का बता दें कि पाकिस्तान पर हुए सर्जिकल और एयर स्ट्राइक पर कार्टोसैट उपग्रहों की मदद ली गई थी.ये भी पढ़ें : भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ परमाणु युद्ध तो मारे जाएंगे 10 करोड़ लोग: रिपोर्ट
जानें क्या है कार्टोसैट-3
कार्टोसैट-3 एक सैटेलाइट है, यह कार्टोसैट सीरीज का नौवां सैटेलाइट है. इसे पृथ्वी से 450 किमी ऊपर की कक्षा में स्थापित किया जायेगा. पृथ्वी का निरीक्षण करने वाला या रिमोट सेंसिंग उपग्रह कार्टोसैट-3 एक उन्नत संस्करण है जो कार्टोसैट-2 सीरीज के उपग्रहों की तुलना में बेहतर आकाशीय और वर्णक्रमीय गुणों से लैस है. इस सेटेलाइट में बेहतर तस्वीरों के साथ रणनीतिक एप्लीकेशंस भी होंगे.
अंतरिक्ष में क्यों जरूरी है कार्टोसैट-3वैसे तो इस सैटेलाइट का काम होगा अंतरिक्ष से भारत की धरती नजर रखना, लेकिन इसे देश की सीमाओं पर निगरानी करने के लिए लगाया जाएगा. इसका मुख्य मकसद अंतरिक्ष से भारत की जमीन पर नजर रखना और पाकिस्तान तथा उसके आतंकी कैंपों की निगरानी करना है. यह सीमाओं पर नजर रखेगा साथ ही दुश्मन या आतंकियों की सरहद पर किसी भी तरह की घुसपैठ को भी रोकेगा. इसके अलावा विभिन्न प्रकार के मौसम में पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम. यह प्राकृतिक आपदाओं के समय भी मदद करेगा.
क्या है इसमें खासियत
सेटेलाइट में दुनिया का सबसे एडवांस्ड और ताकतवर कैमरा लगा हुआ है. कैमरा इतना ताकतवर है कि वह अंतरिक्ष से जमीन पर 1 फीट से भी कम (9.84 इंच) की ऊंचाई तक की तस्वीर ले सकेगा. यानी आप की कलाई पर बंधी घड़ी पर दिख रहे सही समय की भी सटीक जानकारी देगा. कार्टोसैट-2 सीरीज के उपग्रहों की तुलना में बेहतर आकाशीय और वर्णक्रमीय गुणों से लैस है. कार्टोसैट-3 का बता दें कि पाकिस्तान पर हुए सर्जिकल और एयर स्ट्राइक पर कार्टोसैट उपग्रहों की मदद ली गई थी.
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First published: October 3, 2019, 2:10 PM IST
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