ओडिशा: IFS अधिकारी की पत्नी से कथित गैंगरेप का मुख्य आरोपी महाराष्ट्र से गिरफ्तार

प्रतीकात्मक फोटो
मामले के एक दोषी प्रदीप साहू (Pradeep Sahu) उर्फ पाडिया की पिछले साल फरवरी में यहां कैपिटल हॉस्पिटल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले में सबसे पहले 15 जनवरी, 1999 को पाडिया को गिरफ्तार किया गया था.
- News18Hindi
- Last Updated: February 22, 2021, 4:55 PM IST
भुवनेश्वर. ओडिशा में एक आईएफएस अधिकारी की पत्नी से गैंगरेप के सनसनीखेज मामले के मुख्य आरोपी को महाराष्ट्र में पकड़ लिया गया. इस मामले के कारण ओडिशा के तत्कालीन मुख्यमंत्री जेबी पटनायक (JB Patanayak) को 1999 में इस्तीफा देना पड़ा था. भुवनेश्वर-कटक के पुलिस कमिश्नर एस सारंगी ने सोमवार को बताया कि बिबेकानंद बिस्वाल उर्फ बिबन को महाराष्ट्र के लोनावला में आम्बी घाटी से पकड़ा गया.
उन्होंने बताया कि बिबन वहां जालंधर स्वैन की फर्जी पहचान के साथ पलम्बर (नलसाज) के रूप में काम कर रहा था. अधिकारी ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए तीन महीने पहले ‘ऑपरेशन साइलेंट वाइपर’ शुरू किया गया था, जिसके बाद उसे पकड़ा जा सका.
इस घटना के बाद राज्य भर में लोगों की व्यापक नाराजगी के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में तीन लोग आरोपी हैं, जिनमें से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था और दोषी ठहराया गया था. बिबन दो दशक से अधिक समय से फरार था.
मामले के एक दोषी प्रदीप साहू उर्फ पाडिया की पिछले साल फरवरी में यहां कैपिटल हॉस्पिटल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले में सबसे पहले 15 जनवरी, 1999 को पाडिया को गिरफ्तार किया गया था.खुर्दा जिला सेशन जज ने 2002 में उसे और टूना मोहंती को दोषी ठहराया था. उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई. हाईकोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा था.
इन तीनों लोगों ने 1999 में 9-10 जनवरी की रात में बारंगा के पास महिला की कार रोक ली थी. फिर उससे कथिततौर पर गैंगरेप किया था. महिला अपने एक पत्रकार दोस्त के साथ कार से कटक जा रही थी. इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी.
सूत्रों ने बताया कि पुलिस अब बिबन को सीबीआई को सौंपेगी, जो उसे आधिकारिक रूप से गिरफ्तार करेगी. महिला ने मुख्य आरोपी को मौत की सजा दिए जाने की मांग की है.
उन्होंने बताया कि बिबन वहां जालंधर स्वैन की फर्जी पहचान के साथ पलम्बर (नलसाज) के रूप में काम कर रहा था. अधिकारी ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए तीन महीने पहले ‘ऑपरेशन साइलेंट वाइपर’ शुरू किया गया था, जिसके बाद उसे पकड़ा जा सका.
इस घटना के बाद राज्य भर में लोगों की व्यापक नाराजगी के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में तीन लोग आरोपी हैं, जिनमें से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था और दोषी ठहराया गया था. बिबन दो दशक से अधिक समय से फरार था.
मामले के एक दोषी प्रदीप साहू उर्फ पाडिया की पिछले साल फरवरी में यहां कैपिटल हॉस्पिटल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले में सबसे पहले 15 जनवरी, 1999 को पाडिया को गिरफ्तार किया गया था.खुर्दा जिला सेशन जज ने 2002 में उसे और टूना मोहंती को दोषी ठहराया था. उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई. हाईकोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा था.
इन तीनों लोगों ने 1999 में 9-10 जनवरी की रात में बारंगा के पास महिला की कार रोक ली थी. फिर उससे कथिततौर पर गैंगरेप किया था. महिला अपने एक पत्रकार दोस्त के साथ कार से कटक जा रही थी. इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी.
सूत्रों ने बताया कि पुलिस अब बिबन को सीबीआई को सौंपेगी, जो उसे आधिकारिक रूप से गिरफ्तार करेगी. महिला ने मुख्य आरोपी को मौत की सजा दिए जाने की मांग की है.