कर्नाटक विधान परिषद उपाध्यक्ष के निधन को ओम बिरला ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, कहा- यह लोकतंत्र की गरिमा पर आघात

64 वर्षीय एसएल धर्मे गौड़ा
कर्नाटक विधान परिषद के उपाध्यक्ष एसएल धर्मे गौड़ा (SL Dharme Gowda) कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले में एक रेल की पटरी पर मृत मिले थे.
- News18Hindi
- Last Updated: December 30, 2020, 3:54 PM IST
बेंगलुरु. कर्नाटक विधान परिषद के उपाध्यक्ष एसएल धर्मे गौड़ा (SL Dharme Gowda) मंगलवार तड़के कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले में एक रेल की पटरी पर मृत मिले. उनके दुर्भाग्यपूर्ण अवसान पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने शोक व्यक्त किया है. बिरला ने ट्वीट कर मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो. बता दें पुलिस सूत्रों को एसएल धर्मे गौड़ा के आत्महत्या करने का संदेह है. जनता दल (सेक्युलर) के नेता 64 वर्षीय धर्मे गौड़ा के परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है.
बिरला ने ट्वीट किया, 'कर्नाटक विधानपरिषद उपाध्यक्ष एसएल धर्मे गौड़ा के निधन की दुखद खबर से व्यथित हूं. उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं. पीठासीन अधिकारी के रूप में उनके साथ सदन में हुआ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम लोकतंत्र की गरिमा पर कठोर आघात है. उनकी मृत्यु की उच्च स्तरीय-निष्पक्ष जांच आवश्यक है.' उन्होंने लिखा, 'संवैधानिक संस्थाओं की प्रतिष्ठा और पीठासीन अधिकारियों की गरिमा व स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाए रखना हम सबका दायित्व है.'
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी किया ट्वीट
गौरतलब है कि एसएल धर्मे गौड़ा के भाई एसएल भोजे गौड़ा भी एमएलसी हैं. सूत्रों के अनुसार गौड़ा अपनी निजी कार में सखारयापत्तना स्थित फार्महाउस से सोमवार शाम को घर के लिए निकले थे, लेकिन पहुंचे नहीं और इसके बाद उनके परिवार तथा स्टाफ ने उनकी तलाश शुरू की. सूत्रों ने बताया कि उन्होंने अपने चालक से कहा था कि वह किसी से बात करने जा रहे हैं और वह थोड़ी दूर ही रुक जाए. एक ‘सुसाइड नोट’ भी बरामद हुआ है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शव को शिमोगा के मेकगैन अस्पताल ले जाया गया है. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने घटना पर स्तब्धता जाहिर करते हुए, इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया. उन्होंने विधान परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कुशलतापूर्वक संचालन के लिए एमएलसी की सराहना की.

जद (एस) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी ट्वीट कर धर्मे गौड़ा के निधन पर स्तब्धता जाहिर की और उन्हें एक सभ्य राजनेता के तौर पर याद किया. देवगौड़ा ने कहा कि धर्मे गौड़ा के निधन से राज्य को क्षति पहुंची है. पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी धर्मे गौड़ा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, उन्हें अपने भाई की तरह बताया. कुमारस्वामी ने ट्वीट किया, ‘उनके निधन से मुझे सदमा पहुंचा है. वह एक ईमानदार राजनेता थे.’
बिरला ने ट्वीट किया, 'कर्नाटक विधानपरिषद उपाध्यक्ष एसएल धर्मे गौड़ा के निधन की दुखद खबर से व्यथित हूं. उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं. पीठासीन अधिकारी के रूप में उनके साथ सदन में हुआ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम लोकतंत्र की गरिमा पर कठोर आघात है. उनकी मृत्यु की उच्च स्तरीय-निष्पक्ष जांच आवश्यक है.' उन्होंने लिखा, 'संवैधानिक संस्थाओं की प्रतिष्ठा और पीठासीन अधिकारियों की गरिमा व स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाए रखना हम सबका दायित्व है.'
संवैधानिक संस्थाओं की प्रतिष्ठा और पीठासीन अधिकारियों की गरिमा व स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाए रखना हम सबका दायित्व है।
— Om Birla (@ombirlakota) December 30, 2020
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी किया ट्वीट
गौरतलब है कि एसएल धर्मे गौड़ा के भाई एसएल भोजे गौड़ा भी एमएलसी हैं. सूत्रों के अनुसार गौड़ा अपनी निजी कार में सखारयापत्तना स्थित फार्महाउस से सोमवार शाम को घर के लिए निकले थे, लेकिन पहुंचे नहीं और इसके बाद उनके परिवार तथा स्टाफ ने उनकी तलाश शुरू की. सूत्रों ने बताया कि उन्होंने अपने चालक से कहा था कि वह किसी से बात करने जा रहे हैं और वह थोड़ी दूर ही रुक जाए. एक ‘सुसाइड नोट’ भी बरामद हुआ है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शव को शिमोगा के मेकगैन अस्पताल ले जाया गया है. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने घटना पर स्तब्धता जाहिर करते हुए, इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया. उन्होंने विधान परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कुशलतापूर्वक संचालन के लिए एमएलसी की सराहना की.
जद (एस) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी ट्वीट कर धर्मे गौड़ा के निधन पर स्तब्धता जाहिर की और उन्हें एक सभ्य राजनेता के तौर पर याद किया. देवगौड़ा ने कहा कि धर्मे गौड़ा के निधन से राज्य को क्षति पहुंची है. पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी धर्मे गौड़ा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, उन्हें अपने भाई की तरह बताया. कुमारस्वामी ने ट्वीट किया, ‘उनके निधन से मुझे सदमा पहुंचा है. वह एक ईमानदार राजनेता थे.’