नई दिल्ली: ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) भारत समेत दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus Infection) में बढ़ोतरी का कारण बना है लेकिन यह वेरिएंट इस महामारी से बाहर निकलने में कारगर साबित हो सकता है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने अपने अध्ययन में यह खुलासा किया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित होने के बाद इससे विकसित होने वाली एंटीबॉडीज ना केवल इस वेरिएंट के खिलाफ बल्कि कोरोना वायरस के अन्य वेरिएंट्स के विरुद्ध भी प्रभावी होगी. इनमें डेल्टा वेरिएंट भी शामिल है, जिसने भारत समेत दुनिया के कई देशों में लाखों लोगों की जान ले ली थी.
आईसीएमआर ने अपनी स्टडी में कहा कि, ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित व्यक्तियों में बेहतर इम्युन रिस्पॉन्स देखने को मिला. इससे ना सिर्फ इस वेरिएंट की रोकथाम में मदद मिली बल्कि डेल्टा समेत कोरोना वायरस के अन्य वेरिएंट्स के खिलाफ भी यह प्रभावी रहा. इस स्टडी में बताया गया कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से विकसित एंटीबॉडीज डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी तरीके से काम करती है. इसके अलावा डेल्टा वेरिएंट से पुनः संक्रमित होने का खतरा भी कम रहता है. आईसीएमआर ने ओमिक्रॉन वेरिएंट से संबंधित विशेष वैक्सीन के निर्माण पर जोर दिया है.
आईसीएमआर ने इस स्टडी में यह पाया कि IgC और न्यूट्रीलाइजिंग एंटीबॉडी (NAbs) B.1, Beta, Delta और ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी होती है. वहीं इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा कि बहुत कम अवधि में ओमिक्रॉन वेरिएंट ने सबसे अधिक तेजी से लोगों को संक्रमित किया और प्राकृतिक रूप से व वैक्सीन द्वारा विकसित इम्युन सिस्टम को प्रभावित किया. इस वेरिएंट के संक्रमण की यह तीव्रता चिंता का विषय है और इस पार आगे भी अध्ययन करने की जरुरत है.
हालांकि आईसीएमआर ने कहा कि यह स्टडी सिर्फ उन लोगों पर की गई है जो ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित हुए हैं. फिलहाल इस अध्ययन की समीक्षा नहीं की गई है और इसका पब्लिश होना बाकी है.
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