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Omicron Variant: वैक्सीन कितनी कारगर, क्यों सहमी है दुनिया? इन 5 सवालों के जवाब जानना बेहद जरूरी

दक्षिण अफ्रीका में पहले संक्रमण के कम मामले सामने आ रहे थे, लेकिन ओमीक्रोन की उत्पत्ति के बाद दो सप्ताह के दौरान नए मामलों में तेज वृद्धि देखी गई है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: AP)

दक्षिण अफ्रीका में पहले संक्रमण के कम मामले सामने आ रहे थे, लेकिन ओमीक्रोन की उत्पत्ति के बाद दो सप्ताह के दौरान नए मामलों में तेज वृद्धि देखी गई है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: AP)

Omicron Variant: WHO के अनुसार, अभी तक यह साफ नहीं है कि डेल्टा समेत अन्य की तुलना में ओमिक्रॉन तेज और आसानी से फैलने व ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट B.1.1.529 के बारे में दक्षिण अफ्रीका ने 24 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को सूचित किया था. गंभीरता को देखते हुए WHO ने दो दिन बाद ही इसे ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ (Variant of Concern) बता दिया. साथ ही कोरोना के इस नए स्वरूप का नाम ‘ओमिक्रॉन’ (Omicron) रखा गया. एक्सपर्ट्स इस वेरिएंट में हो रहे कई म्यूटेशन (Mutation) के चलते चिंता जता रहे हैं. WHO के मुताबिक, ये म्यूटेशन वायरस के काम करने के तरीके में बदलाव ला सकते हैं. हालांकि, इसे लेकर अभी भी पुख्ता जानकारी किसी के पास नहीं है. दुनियाभर के एक्सपर्ट्स इसके बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं.

    अब जानते हैं इस नए वेरिएंट से जुड़े पांच आम सवालों के जवाब-

    कितनी कारगर है वैक्सीन?
    WHO का कहना है कि गंभीर बीमारी और मौत के मामले में वैक्सीन अहम भूमिका निभाती रहेंगी. वहीं, न्यूज18 से बातचीत में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के पूर्व साइंटिस्ट डॉक्टर रमन गंगाखेड़कर का कहना है कि टीके SARS-CoV-2 के ‘ज्यादा म्यूटेशन’ वाले नए वेरिएंट के खिलाफ केवल आंशिक रूप से सुरक्षा देंगे. एम्स के प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन स्वरूप के स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में 30 से अधिक परिवर्तन मिले हैं जो इसे प्रतिरक्षा तंत्र से बचने की क्षमता विकसित करने में मदद कर सकता है और इसलिए इसके खिलाफ टीकों की प्रभावशीलता का मूल्याकंन गंभीरता से करने की जरूरत है.

    कितना खतरनाक है यह वेरिएंट?
    WHO के अनुसार, अभी तक यह साफ नहीं है कि डेल्टा समेत अन्य की तुलना में ओमिक्रॉन तेज और आसानी से फैलने वाला वेरिएंट है या नहीं. WHO ने बताया है कि दक्षिण अफ्रीका में इस वेरिएंट से प्रभावित इलाकों में संक्रमितों की संख्या बढ़ी है. हालांकि, महामारी विज्ञान से जुड़ी कई स्टडीज के जरिए यह पता लगाया जा रहा है कि बढ़ते मामलों का कारण ओमिक्रॉन या कुछ और है.

    यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र: कोविड संक्रमित निकला दक्षिण अफ्रीका से लौटा शख्स, ‘ओमिक्रॉन’ की जांच शुरू

    क्यों सहमी है दुनिया?
    दक्षिण अफ्रीका में पहले संक्रमण के कम मामले सामने आ रहे थे, लेकिन ओमिक्रॉन की उत्पत्ति के बाद दो सप्ताह के दौरान नए मामलों में तेज वृद्धि देखी गई है. युवाओं को संक्रमित करने की ओमिक्रॉन की रफ्तार देखकर स्वास्थ्य पेशेवर भी हैरान हैं. दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार वृद्धि का अध्ययन करते हुए वैज्ञानिकों ने नए स्वरूप की पहचान की. प्रारंभिक अध्ययनों से पता चलता है कि इसकी प्रजनन दर 2 है – जिसका अर्थ है कि इससे संक्रमित प्रत्येक व्यक्ति के जरिये दो अन्य लोगों में संक्रमण फैलने की आशंका है.

    दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञों का क्या कहना है?
    सोविटोज बरगवनथ अस्पताल की ICU की प्रमुख रूडो मैथिवा ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता में कहा, ‘हम कोविड-19 के रोगियों की जनसांख्यिकीय पहचान में एक उल्लेखनीय परिवर्तन देख रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ’20 साल से युवाओं से लेकर लगभग 30 की आयु तक के लोग मध्यम या गंभीर रूप से बीमारी की हालत में आ रहे हैं. कुछ को गहन चिकित्सा की जरूरत है. लगभग 65 प्रतिशत ने टीका नहीं लगवाया और शेष लोगों में से अधिकतर ने केवल एक खुराक ही ली है. मैं इस बात को लेकर चिंतित हूं कि जैसे-जैसे मामलों में वृद्धि होगी, जन स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था चरमरा जाएगी.’

    दक्षिण अफ्रीकी मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष एंजेलीक कोएट्जी ने स्पूतनिक को बताया कि इस वेरिएंट के परिणामस्वरूप हल्की बीमारी देखी जा रही हैं. उन्होंने कहा, ‘यह हल्की बीमारी दिखा रहा है, जिसमें मांसपेशियों में दर्ज और एक दिन के लिए थकान या दो दिनों तक बीमार रहना जैसे लक्षण हैं. अब तक हमने पाया है कि संक्रमित खुशबू या गंध जाने की परेशानी का सामना नहीं कर नहीं कर रहे हैं. उन्हें हल्का कफ हो सकता है. ये कोई प्रमुख लक्षण नहीं हैं.’ उन्होंने बताया कि नए वेरिएंट से संक्रमित हुए कुछ लोग घर पर ही इलाज कर रहे हैं.

    भारत की क्या है तैयारी?
    ओमिक्रॉन के मद्देनजर भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं. साथ ही करीब एक दर्जन ‘जोखिम’ वाले देशों की सूची तैयार की है. इन देशों से भारत यात्रा करने वाले यात्रियों को RT-PCR जांच कराना अनिवार्य है. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी निर्देशों के अनुसार, यात्रियों को एयरपोर्ट छोड़ने या कनेक्टिंग फ्लाइट में जाने के लिए रिपोर्ट आने का इंतजार करना होगा. पॉजिटिव पाए गए यात्रियों को आइसोलेट किया जाएगा. वहीं, नेगेटिव रिपोर्ट वाले यात्रियों को भी 7 दिनों तक घर में क्वारंटीन होना होगा और 8वें दिन जांच करानी होगी. अगर जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो उन्हें कोविड-19 हेल्पलाइन पर सूचित करना होगा. भारत में अब तक किसी मरीज में ओमिक्रॉन वेरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है. हालांकि, ऐसे दक्षिण अफ्रीका से महाराष्ट्र लौटे कोविड संक्रमित एक शख्स के सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है. (भाषा इनपुट के साथ)

    Tags: Coronavirus New Variant, COVID 19, Covid Vaccination, Omicron

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