नई दिल्ली. कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron variant) से भारत में आई लहर, अपने अंत के करीब है. क्या सबसे अधिक तेजी से प्रसारित होने वाले इस वेरिएंट की रोकथाम संभव हो पाएगी. ऐसे सवालों पर आईआईटी कानपुर (iit kanpur) के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने कहा है कि महामारी की तीसरी लहर, अप्रैल तक खत्म हो जाएगी. हालांकि उन्होंने महत्वपूर्ण चेतावनी देते हुए कहा कि शर्त एक ही है कि COVID संबंधित सभी सावधानियां बरती जाएं.
प्रोफेसर अग्रवाल, अपनी यह भविष्यवाणी को अपने गणितीय मॉडल के आधार पर करते हैं, जो तीसरी लहर समाप्त होने के बाद भी एक दिन में 1.8 लाख मामलों की भविष्यवाणी करता है. दरअसल, अपने मॉडल में प्रोफेसर अग्रवाल ने भविष्यवाणी की थी कि बेंगलुरू 23 जनवरी के आसपास अपने चरम पर पहुंच जाएगा. फिलहाल भारत में कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट (Covid-19) महामारी की तीसरी लहर को बढ़ावा दे रहा है.
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उन्होंने कहा कि अफ्रीका और भारत में 80% आबादी 45 वर्ष से कम उम्र की है और दोनों देशों में प्राकृतिक प्रतिरक्षा 80% तक है. विश्व स्तर पर, भारत अमेरिका के बाद दूसरा सबसे ज्यादा प्रभावित देश है. ओमिक्रॉन संस्करण, जिसके स्पाइक प्रोटीन पर 30 से अधिक उत्परिवर्तन हैं, ने देश में ऐसे समय में प्रवेश किया जब लोगों का मानना था कि महामारी अंत के करीब थी. यह अब तक 29 राज्यों में पाया गया है.
कई मॉडल पर हुए हैं अध्ययन
भारत और दुनिया भर में कई मॉडलिंग अध्ययन किए गए हैं ताकि यह अनुमान लगाया जा सके कि वर्तमान ओमिक्रॉन लहर भारत और अन्य देशों को कैसे प्रभावित कर सकती है. एक मैकिन्से अध्ययन के अनुसार ओमिक्रॉन, डेल्टा वेरिएंट से अधिक संक्रामक है और यह कम गंभीर बीमारी लाता है. इस स्टडी को मुख्य रूप से अमेरिका में किया गया है. इसमें कहा गया है कि यह संक्रमण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को भी प्रभावित कर देता है.
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