नई दिल्ली. ओमिक्रॉन (Omicron) से प्रभावित तीसरी लहर (Third wave) इस समय पूरे देश कोहराम मचा रही है. हालांकि अब तक छोटे शहरों (Small town) या गांवों (Villages) में कम ही पहुंची है लेकिन आने वाले कुछ समय में यह अब गांवों में भी पहुंच सकता है. डॉ राजीव जयादेवन (Dr Rajeev Jayadevan) ने आईआईए कोच्चि स्थिति कोविड-19 फोर्स को दी गई अपनी सलाह में यह बात कही है. डॉ राजीव ने बताया कि जब भी कोई लहर आती है तो सबसे पहले उच्च घनत्व वाली आबादी यानी शहरों को अपनी गिरफ्त में लेती है. इसके बाद छोटे शहरों और गांवों तक पहुंचती है. इसलिए ओमिक्रॉन प्रभावित तीसरी लहर अगले कुछ सप्ताह में छोटे शहरों और फिर गांवों तक पहुंच जाएगी.
सभी वेरिएंट का अंत तय है
डॉ राजीव ने कहा कि यह एक ऐसा ट्रेंड है जो पूरी दुनिया में महसूस किया गया है. जब उनसे पूछा गया कि क्या ओमिक्रॉन दूसरे वेरिएंट के रूप में बदल सकता है या सर्दी-जुकाम के रूप में हमेशा बना रहेगा. इस पर डॉ राजीव ने कहा है कि अगर हम पिछले दो साल के महामारी के इतिहास को देखें तो कोई भी वेरिएंट ज्यादा समय तक प्रभावी नहीं रह सका है. सभी वेरिएंट का खात्मा हो जाता है. हां कुछ छिटपुट मामले इधर-उधर रह सकते हैं. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां की लहर अपने आप में विशिष्ट है.
अभी ओमिक्रॉन कुछ समय तक बना रहेगा
डॉ राजीव ने कहा, छह महीनों को छोड़ दें तो पहली लहर वुहान के मूल वेरिएंट से प्रेरित थी, दूसरी लहर बीटा की थी, तीसरी लहर डेल्टा की थी और अब चौथी लहर ओमिक्रॉन की है. भारत के परिप्रेक्ष्य में देखें तो मार्च 2020 में हमने वुहान लहर को झेला, पिछले साल हमारे देश में डेल्टा का कहर था और इस साल हम ओमिक्रॉन लहर से जूझ रहे हैं. इसलिए अभी ओमिक्रॉन कुछ और दिनों तक बना रहेगा. लेकिन डेल्टा वेरिएंट के आगे रहने का कोई जोखिम नहीं है. डॉ राजीव ने बताया कि इस समय दोनों वेरिएंट एक ही तरह से काम कर रहा है दोनों से पहले की तुलना में ज्यादा खतरा नहीं है क्योंकि सभी लोग जानते हैं कि ओमिक्रॉन डेल्टा वेरिएंट से अलग है.
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