ग्वालियर (Gwalior) की रहने वाली एक 47 साल की महिला ने अपने पति वेलेंटाइन डे (Valentine Day) के मौके पर एक ऐसा गिफ्ट दिया, जिससे उसकी जान बच गई. इस महिला ने अपने 49 साल के पति को अपना लीवर दान (Liver Donation) दिया और उसकी जिंदगी बचाई. जिस हॉस्पिटल में लीवर प्रत्यारोपित (Liver Transplantaion) किया गया है उसका नाम है अस्टर आर. वी. हॉस्पिटल (Aster RV Hospital). अस्पताल प्रबंधन ने महिला और उनके पति के नाम का खुलासा नहीं किया है.
4 साल से थे परेशान
अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक महिला का पति पिछले 4 सालों से लीवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) से ग्रस्त थे. उन्होंने अपनी बीमारी का कई जगहों पर इलाज करवाया, मगर उन्हें आराम नहीं मिला. आखिर में उन्हें डॉक्टरों ने लीवर ट्रांसप्लांट (Liver Transplant) करवाने की बात कही. ऐसे में मरीज की पत्नी ने अपना लीवर डोनेट करने का फैसला किया. जब डॉक्टरों ने महिला के लिवर का परीक्षण किया तो पति के लीवर से वह मैच कर गया.
लीवर के कुछ हिस्से का दान
अस्पताल के हेपाटो-पैनक्रिएटो-बिलीरी (Hepato-Pancreato-Biliary- HPB) और लीवर ट्रांसप्लांट सर्जरी की प्रमुख सहाकार डॉ. सोनल अस्थाना का कहना है, ‘ यदि लीवर का एक हिस्सा दान कर दिया जाता है, तो शेष बचे हिस्सों को वापस सामान्य आकार के होने में कुछ हफ्तों का समय लगता है. इस तरह का प्रत्यारोपण पूरी तरह सुरक्षित है.
इन वजहों से होती है लीवर की बीमारी
हेपाटो-पैनक्रिएटो-बिलीरी सर्जरी के तहत लीवर, अग्न्याश्य, पित्ताश्य और पित्त नलिकाओं का उपचार किया जाता है. डॉ. सोनल का कहना है कि फैटी लीवर से कई तरह की परेशानी होती है. शराब, नशीली दवाओं का सेवन के अतिरिक्त कुछ मेटबॉलिक डिसऑर्डर की वजह से लीवर की बीमारी होती है.
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