OPINION: बीजेपी हारी या जीत गई कांग्रेस? अपना ही क्रोनोलॉजी देख जश्न मना रही कांग्रेस की खुशी हो जाएगी फुर्र
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लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही कांग्रेस विजय मुद्रा में है. कांग्रेस अपने साथी दलों के साथ बीजेपी को नैतिकता का पाठ तो पढ़ा रही है लेकिन वो अपने ही इतिहास में झांकने को तैयार नहीं. 40 साल से जिस कांग्रेस को बहुमत की तलाश है वो पार्टी 99 सीट पाकर विक्ट्री साइन से संदेश दे रही है.
लोकसभा नतीजे आने के बाद कांग्रेस का जोश हाई.लोकसभा चुनाव 2024 का नतीजा क्या आया पूरी कांग्रेस जश्न मनाने में जुट गई. क्योंकि कांग्रेस की टैली 52 से बढ़कर इस बार 99 पर पहुंच गई. यानी पूरे 47 सीट का फायदा, अब ऐसे में जश्न तो बनता ही है.
कांग्रेस शायद इसलिए भी जीत का जश्न मना रही है क्योंकि 2014 के 44 और 2019 के 52 सीट को जोड़ दें तो भी ये आंकड़ा 96 तक ही पहुंचता है. मतलब कांग्रेस को इस बार 2014 और 2019 को मिलाने के बाद भी 3 सीट ज्यादा ही मिली है. क्या कमाल का प्रदर्शन है उस पार्टी का जिसका इस देश पर पांच दशक से ज्यादा का शासन रहा है? आज वही पार्टी 99 सीट पाकर भी इतनी खुश है कि वो विक्ट्री साइन के जरिए जीत का संदेश दे रही है. कांग्रेस जल्दबाजी में है या फिर वो अपने ही इतिहास को भूल गई है.
कांग्रेस शायद इसलिए भी जीत का जश्न मना रही है क्योंकि 2014 के 44 और 2019 के 52 सीट को जोड़ दें तो भी ये आंकड़ा 96 तक ही पहुंचता है. मतलब कांग्रेस को इस बार 2014 और 2019 को मिलाने के बाद भी 3 सीट ज्यादा ही मिली है. क्या कमाल का प्रदर्शन है उस पार्टी का जिसका इस देश पर पांच दशक से ज्यादा का शासन रहा है? आज वही पार्टी 99 सीट पाकर भी इतनी खुश है कि वो विक्ट्री साइन के जरिए जीत का संदेश दे रही है. कांग्रेस जल्दबाजी में है या फिर वो अपने ही इतिहास को भूल गई है.
क्या कांग्रेस को याद है कि:
वो लगातार 10 लोकसभा चुनाव में बहुमत से दूर रही है.
पिछले 40 साल में एक बार भी 272 के आंकड़े को पार नहीं कर पाई है.
1984 में राजीव गांधी को 400 से ज्यादा सीट मिली थी.
अब 2024 में 99 के चक्कर में फंस गई है.
वो लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव में दहाई के आंकड़ें में सिमट गई है.
फिर भी 99 सीट पाकर कांग्रेस का जोश आसमान पर है. कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के उसके साथी बड़े ही गर्व के साथ ये ऐलान करते हैं कि वो इस बार सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे. अब जरा सोचिए कांग्रेस समेत जिस इंडिया गठबंधन के पास कुल 234 सीट है वो 293 सीट पाने वाले एनडीए को नैतिकता का पाठ पढ़ा रहा है. पूरे इंडिया गठबंधन के पास जितनी सीट है उससे ज्यादा अकेले बीजेपी के पास है. फिर भी कांग्रेस और उसके साथी ये कह रहे हैं बीजेपी को जनता ने नकार दिया है. चलिए मान लेते हैं कि एनडीए और बीजेपी को 2019 के मुकाबले कम सीट मिली है. लेकिन चुनाव पूर्व गठबंधन के पास बहुमत के लिए जरूरी 272 के मुकाबले 293 सीट है.
फिर भी अगर कांग्रेस को लगता है कि जनता ने भाजपा को नकार दिया है, लेकिन जिस गठबंधन के पास 234 सीट है वो विजेता की तरह व्यवहार कर रहा है. कांग्रेस ने अपने पिछले 40 साल के आंकड़ों पर अगर नजर डाला होता तो आज 99 सीट पाने के बाद वह जश्न नहीं मना रही होती, बल्कि आत्ममंथन कर रही होती कि कैसे खोई हुई प्रतिष्ठा को दोबारा हासिल किया जाए.
1984 के बाद से ही कांग्रेस का ग्राफ जो गिरा है वो कभी बहुमत के आंकड़े को छू नहीं पाया.
| लोकसभा चुनाव | कांग्रेस की सीट |
| 1984 | 414 |
| 1989 | 197 |
| 1991 | 232 |
| 1996 | 144 |
| 1998 | 141 |
| 1999 | 114 |
| 2004 | 145 |
| 2009 | 206 |
2004 से 2014 तक कांग्रेस लगातार 10 साल सत्ता में रही और गांधी परिवार का इस सरकार पर फुल कंट्रोल भी रहा. 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद कांग्रेस के साथ गांधी परिवार की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है. लेकिन 2024 में कांग्रेस की टैली में 47 सीट की बढ़ोतरी क्या हुई पूरी पार्टी जीत का जश्न मनाने में जुट गई.
About the Author
धर्मेंद्र कुमार.एक्जीक्यूटिव एडिटर
लेखक नेटवर्क 18 समूह में एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं. पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट मास कम्युनिकेशन. स्टार न्यूज़, आजतक, ज़ी न्यूज़, रिपब्लिक भारत में डेढ़ दशक से ज़्यादा का अनुभव. भारतीय राजनीति ...और पढ़ें
लेखक नेटवर्क 18 समूह में एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं. पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट मास कम्युनिकेशन. स्टार न्यूज़, आजतक, ज़ी न्यूज़, रिपब्लिक भारत में डेढ़ दशक से ज़्यादा का अनुभव. भारतीय राजनीति ... और पढ़ें
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