प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar) ने एक कार्यक्रम में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत संबंध उनकी कार्यशैली और उनकी छवि का भारत को वैश्विक स्तर पर फायदा मिल रहा है. हालिया दिनों में वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती साख से भी इसे समझा जा सकता है. यूक्रेन मामले में भारत की स्थिति काफी महत्वपूर्ण है और इसमें रूस और यूक्रेन के साथ-साथ अमेरिका और यूरोप के कई राष्ट्राध्यक्ष भारत और पीएम नरेंद्र मोदी के संपर्क में रहें. यह भारत की बढ़ती महत्ता और पीएम नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत कद को भी दर्शाता है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह मानना है कि यूक्रेन संकट के कारण दुनिया में कई तरह के संकट और भी खड़े हो गए हैं जिसमें खाद्यान्न संकट और तेल संकट काफी महत्वपूर्ण है. हालांकि उनका कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महाभारत काल के दौरान भगवान कृष्ण की नीति ” बातचीत और कूटनीति से समस्या का समाधान करना” को भारत में अपनाए रखा और सभी पक्षों से शांति की लगातार अपील करता रहा.
खाड़ी देशों से बेहतर संबंध- एस जयशंकर
हालांकि भारत ने इस संकट से निपटने में अपनी भूमिका बेहतर तरीके से अपनाई और यही कारण रहा कि सभी पक्ष भारत को अपनी ओर शामिल करना चाहते थे और कोशिश कर रहे थे जबकि भारत किसी भी पक्ष में शामिल नहीं होगा यह सभी जानते थे. खाड़ी देशों के साथ भी भारत के बेहतर संबंध हैं.
हाल में ही नूपुर शर्मा के बयान के कारण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को पीएम नरेंद्र मोदी ने बेहतर तरीके से बनाए रखने में सफलता हासिल की. विदेश मंत्री एस जयशंकर का मानना है कि इसको लेकर के पीएम नरेंद्र मोदी ने काफी सतर्कता से अपनी छवि और व्यक्तिगत संबंधों का प्रयोग किया और खाड़ी देशों के साथ साथ दुनिया को यह समझाने में वे सफल रहे कि भारत सरकार की नीति सबका साथ और सबका विकास है.
इसको लेकर के पीएम नरेंद्र मोदी ने विभिन्न देशों में अपने राजदूतों के माध्यम से वहां की सरकारों को भी भारत की नीति के बारे में बेहतर तरीके से समझाने में सफलता हासिल की. जानकार यह भी मानते हैं कि हालिया दिनों में पीएम नरेंद्र मोदी के यूएई के दौरे में जो भारत ने सफलता हासिल की यह दर्शाता है कि नूपुर शर्मा विवाद के बाद उत्पन्न हुई स्थिति अब सामान्य हो गई है और किसी भी देश और राष्ट्र को भारत की नीति को लेकर के कोई संशय नहीं है.
‘पीएम मोदी की व्यक्तिगत छवि महत्वपूर्ण’
विदेश मामलों के जानकार कमर आगा का कहना है कि यूक्रेन संकट के कारण तेल और खाद्यान्न की जो संकट दुनिया के सामने खड़ी हुई है उसे अमीर देश तो झेल लेंगे लेकिन विकासशील और गरीब देशों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है. महंगाई बेरोजगारी और खाद्यान्न संकट जैसी स्थिति से निपटने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी साठ के दशक में गुटनिरपेक्ष की तरह विकासशील और गरीब देशों का नेतृत्व प्रदान कर सकते हैं.
कमर आगा कहते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत छवि और व्यक्तित्व इस में काफी महत्वपूर्ण हो सकता है. हालांकि कमर आगा का कहना है कि यह गुट और गठबंधन किसी के खिलाफ नहीं बल्कि विकासशील देशों और गरीब देशों के लिए होना चाहिए जो वैश्विक संकट का निपटारा कर सके.
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