अमृता नायक दत्ता
नई दिल्ली. पाकिस्तान (Pakistan) इस वक्त दोस्ती दिखाने के लिए चीन (China) के सामने पूरी तरह नतमस्तक हो चुका है. खुफिया रिपोर्ट (intelligence report) के मुताबिक चीनी सेना के दक्षिणी और पश्चिमी कमांड में पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की तैनाती की गई है. ये तैनाती दोनों देशों के बीच इंटेलिजेंस शेयरिंग अरेंजमेंट के आधार पर की गई है.
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की पश्चिमी कमांड भारत के साथ लगने वाली सीमा की निगरानी करती है. ये जिनजियांग और तिब्बत से लगे हिस्सों की सीमा की रखवाली करती है. बीते महीने चीन ने पश्चिमी कमांड का नया हेड वांग हाजियांग को बनाया है.
सरकार के सूत्रों ने न्यूज़18 को बताया है कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी डिसइंगेजमेंट प्रोसेस के बावजूद पश्चिमी कमांड के सैनिक बड़ी संख्या में तैनात हैं. वहीं पीएलए की दक्षिणी कमांड हांगकांग और मकाउ जैसे विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों की निगरानी करती है.
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के कर्नल रैंक के अधिकारी ज्वाइंट स्टाफ डिपार्टमेंट और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन में तैनात हैं. इन्हीं जगहों पर चीन की युद्ध, ट्रेनिंग और अन्य सामरिक रणनीति तैयार की जाती है.
पाकिस्तानी दूतावास में बढ़ी अधिकारियों की संख्या
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुतबिक मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी के अंतर्गत स्टेट काउंसिल ऑफ चाइना देश की जासूसरोधी और राजनीतिक सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है. इनपुट्स के मुताबिक डिफेंस अटैची अधिकारियों के अलावा दस और पाकिस्तानी अधिकारी बीजिंग में पाक दूतावास में तैनात किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक ये अधिकारी किसी खरीद संबंधी मामले के लिए बीजिंग में हैं.
सीपेक की सुरक्षा में सैनिकों की तैनाती
खुफिया सूत्रों के मुताबिक बीते समय में चीन में पाकिस्तानी अधिकारियों की संख्या कई गुना बढ़ी है. 2016 की द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने स्पेशल सिक्योरिटी डिविजन बनाकर सीपेक की सुरक्षा के लिए 9000 आर्मी के सैनिक और 6000 पैरा मिलिट्री सैनिक तैनात किए थे. पाकिस्तान ने 2019 में इसकी संख्या बढ़ाने की बात कही थी.
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