टेलीविजन रेटिंग पर दिशा-निर्देशों की समीक्षा के लिए गठित समिति ने सौंपी रिपोर्ट: जावड़ेकर

मामले पर आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि समिति की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है, क्योंकि अभी मंत्रालय और संबंधित अधिकारी इसका अवलोकन करेंगे. फाइल फोटो
मुंबई पुलिस ने टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (TRP) में हेराफेरी के एक मामले में निजी समाचार चैनल के कर्मचारियों समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. विवाद बढ़ने के बाद BARC ने विभिन्न भाषाओं के न्यूज चैनलों की साप्ताहिक रेटिंग पर अस्थायी रोक लगाने की घोषणा की थी.
- News18Hindi
- Last Updated: January 12, 2021, 11:44 PM IST
नई दिल्ली. सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javdekar) ने मंगलवार को कहा कि भारत में टेलीविजन रेटिंग पर दिशा-निर्देशों की समीक्षा के लिए गठित की गई समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रसार भारती (Prasar Bharti) के सीईओ शशि एस वेम्पति (Shashi M Vempati) की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों का आकलन किया जाएगा और उसके आधार पर टीआरपी एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल (BARC) को दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे. जावड़ेकर ने कहा, ‘‘टीआरपी रेटिंग (TRP Ratings) के लिए मंत्रालय ने चार नवंबर 2020 को प्रसार भारती (Prasar Bharti) के सीईओ की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, उसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. मंत्रालय इस रिपोर्ट का अध्ययन करेगा और उसके बाद आगे की कार्रवाई पर फैसला लेगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य मुद्दा टीआरपी व्यवस्था में अधिक से अधिक पारदर्शिता लाना है. आज जो पारदर्शिता है, वह 55,000 मीटर (टीआरपी को मापने का पैमाना) को आधार बनाकर तय की जाती है. इसे बढ़ाने की जरूरत है ताकि कोई गड़बड़ी की आशंका ना रहे. हमें रिपोर्ट मिल गई है और चर्चा के बाद हम इसे बीएआरसी को सौंप देंगे और समिति की सिफारिशों के आधार पर दिशा-निर्देश जारी करेंगे. यह रिपोर्ट इस दिशा में एक बड़ा कदम है.’’ एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि समिति की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है, क्योंकि अभी मंत्रालय और संबंधित अधिकारी इसका अवलोकन करेंगे.
टीआरपी को लेकर अक्सर होने वाले विवादों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने समिति गठित करने का फैसला किया था. मुंबई पुलिस ने पिछले साल टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) में हेराफेरी के एक मामले को उजागर करने का दावा किया था और इस मामले में समाचार चैनल के कर्मचारियों समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था.
विवाद बढ़ने पर टीआरपी आंकड़ा मुहैया कराने वाली बीएआरसी ने विभिन्न भाषाओं के न्यूज चैनलों की साप्ताहिक रेटिंग पर अस्थायी रोक लगाने की घोषणा की थी.
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य मुद्दा टीआरपी व्यवस्था में अधिक से अधिक पारदर्शिता लाना है. आज जो पारदर्शिता है, वह 55,000 मीटर (टीआरपी को मापने का पैमाना) को आधार बनाकर तय की जाती है. इसे बढ़ाने की जरूरत है ताकि कोई गड़बड़ी की आशंका ना रहे. हमें रिपोर्ट मिल गई है और चर्चा के बाद हम इसे बीएआरसी को सौंप देंगे और समिति की सिफारिशों के आधार पर दिशा-निर्देश जारी करेंगे. यह रिपोर्ट इस दिशा में एक बड़ा कदम है.’’ एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि समिति की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है, क्योंकि अभी मंत्रालय और संबंधित अधिकारी इसका अवलोकन करेंगे.
टीआरपी को लेकर अक्सर होने वाले विवादों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने समिति गठित करने का फैसला किया था. मुंबई पुलिस ने पिछले साल टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) में हेराफेरी के एक मामले को उजागर करने का दावा किया था और इस मामले में समाचार चैनल के कर्मचारियों समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था.