Pariksha Pe Charcha Live: 'परीक्षा पर चर्चा' 2023 के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक परीक्षा से निकले और जिंदगी निकल गई, ऐसा संभव नहीं है. आज तो डगर-डगर पर परीक्षा देना होता है. कहां-कहां नकल करोगे. नकल से जिंदगी नहीं बनती. जिंदगी की परीक्षा में फंसे रहोगे. जो मेहनत करते हैं, उनसे मैं कहूंगा कि मेहनत आपकी जिंदगी में रंग लाएगा. कोई कुछ नंबर ज्यादा ले आएगा, पर आपकी जिंदगी में रुकावट नहीं बन पाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज ‘परीक्षा पे चर्चा’ (Pariksha Pe Charcha) कार्यक्रम में बोर्ड परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले छात्रों के साथ संवाद करेंगे. दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में ‘परीक्षा पे चर्चा’ का छठा संस्करण आज आयोजित किया जाएगा. तालकटोरा स्टेडियम में आज आयोजित होने वाले परीक्षा पे चर्चा-2023 कार्यक्रम में देश भर के छात्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्यक्तिगत रूप से मिलने का मौका मिलेगा. विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 200 छात्र इस कार्यक्रम में अतिथि होंगे, जिनमें से 102 देश भर के विभिन्न राज्य बोर्डों से आए हैं.
अधिक पढ़ें ...परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि छात्रों को किसी एक सामाजिक दायरे में बांधकर नहीं रखना चाहिए. इससे उनका विकास रुक जाता है. बच्चों को यात्रा करने और समाज के हर वर्ग के लोगों के साथ बातचीत करने के लिए माता-पिता को आगे आकर बढ़ावा देना चाहिए.
पीएम मोदी ने कहा कि टीचरों को बच्चों को नरमी और प्रेम से समझाना चाहिए. उनको जिम्मेदारी देकर जवाबदेह बनाने की कोशिश करनी चाहिए. कभी भी बच्चों पर डंडे के डर से अनुशासन लादने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए. बच्चों के साथ दोस्तान बर्ताव करना उनको समझने में मदद कर सकता है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा हमारे देश में है, जिस पर देश को गर्व होना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि एक बार UN में मैंने जान-बूझकर कुछ तमिल भाषा के शब्द कहे, क्योंकि मैं दुनिया को यह दिखाना चाहता था कि दुनिया की सबसे पुरानी भाषा हमारे पास है. पीएम मोदी ने कहा कि नई भाषाएं सीखना हमारे लिए न केवल नए शब्दों और वाक्यों को सीखने और जानने का द्वार खोलता है, बल्कि प्राचीन विरासत, इतिहास, संस्कृति और इनसे जुड़ी सदियों पुरानी सभ्यताओं के बारे में भी जानने का द्वार खोलता है.
‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में PM मोदी ने कहा कि अपने साथियों के साथ खुद की तुलना और प्रतिस्पर्धा करने की लगातार भावना में न तो अपनी आंतरिक शांति को नष्ट करें और न ही अपनी परीक्षा को अपना जीवन मानें. इनसे परे भी एक जीवन है. जितना अधिक आप सकारात्मक और मुक्त महसूस करेंगे, आप जीवन में उतना ही बेहतर प्रदर्शन करेंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि हमको एक स्पेशल ‘नो टेक्नोलॉजी जोन’ टाइम तय करना चाहिए. जैसे आप में से कई लोग धार्मिक त्योहारों के दौरान उपवास करते हैं, वैसे ही टेक्नोलॉजी से दूर रहने का समय तय होना चाहिए. हमें टेक्नोलॉजी का उपयोग जरूर करना चाहिए, मगर किसी भी तरह इसका गुलाम नहीं बनना है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत में लोग रोजाना औसत 6 घंटे स्क्रीन पर बिताते हैं. जब केवल कॉल करने वाले फोन होते थे तो ये औसत केवल 20 मिनट था. पीएम मोदी ने कहा कि एक आजाद व्यक्तित्व होने के नाते हम सभी को गैजेट की गुलामी से बचना है. टेक्नोलॉजी का उपयोग करना है, लेकिन उसका गुलाम नहीं बनना है.
‘परीक्षा पे चर्चा’ 2023 के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आलोचना और रुकावट के बीच बहुत महीन रेखा होती है. माता-पिता को रचनात्मक, सकारात्मक तरीके से आलोचना करनी चाहिए.
मीडिया और विपक्ष की मोदी सरकार की आलोचना पर छात्रों से जुड़े एक सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि समृद्ध लोकतंत्र के लिए आलोचना एक शुद्धि यंत्र है. पीएम मोदी ने कहा कि आज आर्थिक तुलनात्मक स्थिति में देखें तो दुनिया में भारत को आशा की एक किरण के रूप में इसको देखा जा रहा है. कभी एवरेज कहा जाने वाला भारत आज दुनिया में चमक रहा है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि केवल परीक्षा ही नहीं जीवन में भी टाइम मैनेजमेंट जरूरी है. जब पतंग के मांझा उलझकर गुच्छा बन जाता है तो बुद्धिमान इंसान ताकत नहीं लगाएगा. वो धीरे से दिमाग लगाएगा कि ये कहां से खुलेगा. हमें जोर-जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए. आराम से सॉल्यूशन निकालना है.
‘परीक्षा पर चर्चा’ 2023 के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक परीक्षा से निकले और जिंदगी निकल गई, ऐसा संभव नहीं है. आज तो डगर-डगर पर परीक्षा देना होता है. कहां-कहां नकल करोगे. नकल से जिंदगी नहीं बनती. जिंदगी की परीक्षा में फंसे रहोगे. जो मेहनत करते हैं, उनसे मैं कहूंगा कि मेहनत आपकी जिंदगी में रंग लाएगा. कोई कुछ नंबर ज्यादा ले आएगा, पर आपकी जिंदगी में रुकावट नहीं बन पाएगा. पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि शॉर्टकट के पीछे नहीं जाना चाहिए. कई लोग रेलवे पटरी से निकलना चाहते हैं. वे ब्रिज पर नहीं जाना चाहता. तो वहां पर लिखा होता है कि ‘शॉटकट टू कट यू शॉर्ट.’
‘परीक्षा पर चर्चा’ 2023 के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि वे छात्र जो परीक्षाओं के दौरान बहुत मेहनत करते हैं, मैं उनको भरोसा दिलाता हूं कि आपके प्रयास कभी बेकार नहीं जाएंगे.
‘परीक्षा पे चर्चा’ 2023 के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कुछ छात्र अपनी रचनात्मकता का प्रयोग परीक्षाओं में ‘धोखाधड़ी’ के लिए करते हैं. अगर वे छात्र अपने समय और रचनात्मकता का सदुपयोग करें तो वे सफलता की ऊंचाइयों को छू लेंगे. हमें जीवन में कभी भी शॉर्टकट नहीं अपनाना चाहिए, खुद पर ध्यान देना चाहिए.
‘परीक्षा पे चर्चा’ 2023 के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मैं माता-पिता से आग्रह करता हूं कि वे अपने बच्चों पर दबाव न डालें. लेकिन साथ ही छात्रों को भी अपनी क्षमताओं को कम नहीं आंकना चाहिए.
‘परीक्षा पर चर्चा’ 2023 में छात्रों से पीएम मोदी ने कहा कि क्या आपने कभी अपनी मां के टाइम मैनेजमेंट को देखा है? एक मां अपने द्वारा किए जाने वाले कामों से कभी भी बोझ महसूस नहीं करती है. अगर आप अपनी मां को ध्यान से देखेंगे, तो आप समझ पाएंगे कि अपने समय का अच्छे से प्रबंधन कैसे किया जाता है.
पीएम मोदी ने कहा कि परीक्षा पे चर्चा में सवाल आते हैं, बच्चे समस्या बताते हैं, व्यक्तिगत पीड़ा भी बताते हैं. देश का युवा किन उलझनों से गुजरता है. ये मेरे लिए खजाना है. मैंने कहा है कि इन सारे सवालों को रखिए और 10 से 15 साल बाद इन सवालों का सोशल साइंटिस्ट के द्वारा एनालिसिस होगी.
पीएम मोदी ने कहा कि नकल और चीटिंग करने वाले कई तरह की क्रिएटविटी दिखाते हैं. वे छोटे-छोटे अक्षरों में पर्ची बनाते हैं. आज जमाना बदल गया है. एक यो दो परीक्षा पास करने से जिंदगी नहीं बन सकती है. क्योंकि आज हर कदम पर परीक्षा होती है. आगे जाकर ऐसे लोग फंस जाते हैं.
पीएम मोदी ने बच्चो के सवालों के जवाब देने के बाद मजाकिया अंदाज में कहा कि कहां गए एंकर? दरअसल स्टेज पर दो बच्चे प्रोग्राम को प्रजेंट कर रहे हैं और वो अचानक स्टेज से पीछे चले गए गए थे, तो पीएम अपना जवाब देने के बाद उन्हें खोजने लगे.
पीएम मोदी ने कहा कि कोटि-कोटि विद्यार्थी मेरी परीक्षा लेते हैं और इससे मुझे खुशी मिलती है. ये देखना मेरा सौभाग्य है कि मेरे देश का युवा मन क्या सोचता है. परिवारों में उम्मीदें होना स्वाभाविक है. लेकिन अगर परिवार के सदस्य सिर्फ अपनी सामाजिक स्थिति के लिए उम्मीदें लगाए हुए हैं, तो यह चिंता का विषय है. अगर आप अच्छा कर रहे हैं तो सभी को आपसे काफी उम्मीदें होंगी. मैं राजनीति में हूं और मेरे साथ भी ऐसा ही होता है.
छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा कर रहे पीएम मोदी ने कहा कि टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है. कम महत्व के विषयों पर भी ध्यान देना जरूरी.
पीएम मोदी ने कहा कि हजारों की भीड़ में भी बैट्समैन फोकस्ड रहता है. वो दर्शकों की मांग पर ध्यान न देकर गेंद को देखकर उसके हिसाब से शॉट खेलता है.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष परीक्षा पे चर्चा में हिस्सा लेने के लिए रिकॉर्ड 38.80 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुने से अधिक है. इसमें से 16 लाख छात्र राज्य बोर्डों से हैं. ‘परीक्षा पे चर्चा’ एक सालाना कार्यक्रम है, जहां पीएम नरेंद्र मोदी आगामी बोर्ड परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले छात्रों के साथ बातचीत करते हैं. इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी परीक्षा के तनाव और अन्य मुद्दों से जुड़े छात्रों के सवालों का जवाब भी देते हैं.
इसके बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी के मीडिया, छात्रों, अभिभावकों और विशेषज्ञों के सवालों के जवाब देने की उम्मीद है. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हमें परीक्षा में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से अब तक करीब 20 लाख सवाल हासिल हुए हैं. इनमें स्ट्रेस मैनेजमेंट, परिवार के दबाव, परीक्षा के दौरान फिट कैसे रहें और अनुचित साधनों को कैसे रोका जाए, जैसे अनेक विषयों से जुड़े सवाल शामिल हैं. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एनसीईआरटी इन सवालों की जांच कर रहा है.