महबूबा मुफ्ती ने फिर दिया विवादित बयान, बोलीं- चीन से बातचीत, PAK से परहेज, क्योंकि वो मुस्लिम देश

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब तक कश्मीर का मुद्दा सुलझ नहीं जाता, तब तक समस्या बनी रहेगी. (फाइल फोटो)
Mehbooba Mufti: महबूबा ने कहा कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर बोलने की आजादी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘जो कोई भी आवाज उठाने की कोशिश करता है, उसके खिलाफ ‘यूएपीए’ के तहत मामला दर्ज कर लिया जाता है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 29, 2020, 8:13 PM IST
श्रीनगर. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने रविवार को कहा कि चुनाव कश्मीर समस्या का हल नहीं है और उन्होंने मुद्दे के हल के लिए भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच बातचीत पर जोर दिया. उन्होंने केंद्र की भाजपा (BJP) नीत सरकार पर आरोप लगाया कि वह जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों (District Development Council Elections) के नाम पर "लोकतंत्र की हत्या" कर रही है और गठबंधन के उम्मीदवारों को घरों में ही नजरबंद कर दिया गया, वहीं अन्य लोगों को प्रचार करने की पूरी आज़ादी मिली हुयी थी.
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे खुशी है कि लोग पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की आवश्यकता व्यक्त करने को तैयार हैं। हम चीन के साथ 9वें, 10वें दौर की वार्ता कर रहे हैं। वहीं पाकिस्तान से परहेज। क्या इसलिए कि वह (पाकिस्तान) एक मुस्लिम देश है? क्योंकि अब सब कुछ सांप्रदायिक हो रहा है?
महबूबा ने अपने गुपकर स्थित निवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनाव कश्मीर समस्या का कोई हल नहीं है. दोनों देशों के बीच बातचीत होनी चाहिए. अगर हम चीन से बातचीत कर रहे हैं, जिसने हमारी जमीन ले ली है, तो पाकिस्तान के साथ क्यों नहीं? क्या यह मुस्लिम देश होने के नाते है क्योंकि अब सब चीजें सांप्रदायिक हैं.’’
पुलिस ने हिजबुल मुजाहिदीन के साथ कथित संबंधों को लेकर पीडीपी युवा इकाई के प्रमुख वहीद पारा को गिरफ्तार किया था. इसके बाद पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री को पुलवामा जिले में वहीद पारा के आवास पर जाने से रोक दिया था. महबूबा को शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने की अनुमति नहीं दी गयी थी.
अब भी कश्मीर में सेना क्यों तैनात है?
महबूबा ने शनिवार के मतदान प्रतिशत के महत्व के बारे में पूछे जाने पर कहा कि पहले भी मतदान प्रतिशत ज्यादा होते रहे हैं, लेकिन यह कश्मीर मुद्दे का हल नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘यहां लगभग नौ लाख सुरक्षा बल हैं. किस अन्य राज्य में असैनिक क्षेत्रों में इतनी अधिक संख्या में सुरक्षा बल हैं? यदि अनुच्छेद 370 (निरस्त) ने सभी मुद्दों का हल कर दिया है, तो अब भी कश्मीर में सेना क्यों तैनात है? उन्हें सीमा पर जाना चाहिए था?’’
महबूबा ने केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
पीडीपी प्रमुख ने कहा कि गठबंधन के उम्मीदवारों को डीडीसी चुनावों में स्वतंत्र रूप से प्रचार करने की अनुमति नहीं थी. उन्होंने आरोप लगाया, "हमारे लोगों के पास सुरक्षा नहीं है. उन्हें अपने घरों तक सीमित कर दिया गया है और उन्हें चुनाव अभियान चलाने की अनुमति नहीं है, वहीं भाजपा के उम्मीदवार स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं... क्या यह देश भाजपा के एजेंडे पर चलेगा?"
महबूबा ने कहा कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर बोलने की आजादी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘जो कोई भी आवाज उठाने की कोशिश करता है, उसके खिलाफ ‘यूएपीए’ के तहत मामला दर्ज कर लिया जाता है. वहीद से ज्यादा शांतिप्रिय कोई व्यक्ति नहीं है, लेकिन उसके खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है. यहां जो हो रहा है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.’’शुक्रवार को अपनी नजरबंदी का जिक्र करते हुए महबूबा ने कहा कि काल्पनिक बात को कश्मीर में वास्तविकता के रूप में दर्शाया जा रहा है.
फिर किया हिरासत में लिए जाने का दावा
उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे हिरासत में लिए जाने के बाद, चुनाव आयोग और अन्य अधिकारियों ने कहा कि मैं हिरासत में नहीं हूं. यह बताता है कि जम्मू कश्मीर में क्या हो रहा है....’’उन्होंने रोशनी मुद्दे पर कहा कि यह कोई घोटाला नहीं है बल्कि गरीबों के लिए एक योजना है. उन्होंने कहा, ‘‘असल घोटाला चुनावी बांड है. उन्हें इसकी जांच करने दीजिए. अगर भाजपा भूमि कब्जा के मुद्दे पर इतनी गंभीर है, तो उसे बड़े लोगों को पकड़ना चाहिए, न कि उन गरीबों को, जिनके पास अपनी पांच मरला जमीन भी नहीं है. गरीबों को नोटिस भेजे जा रहे हैं. ऐसा ही एक नोटिस मेरे पास भी है.’’
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे खुशी है कि लोग पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की आवश्यकता व्यक्त करने को तैयार हैं। हम चीन के साथ 9वें, 10वें दौर की वार्ता कर रहे हैं। वहीं पाकिस्तान से परहेज। क्या इसलिए कि वह (पाकिस्तान) एक मुस्लिम देश है? क्योंकि अब सब कुछ सांप्रदायिक हो रहा है?
I'm happy that people are willing to express the need for having a dialogue with Pakistan. We're having the 9th, 10th rounds of talks with China. Is it because it (Pakistan) is a Muslim country? Because everything is being made communal now?: Mehbooba Mufti, PDP Chief pic.twitter.com/XukGKI4LpA
— ANI (@ANI) November 29, 2020
महबूबा ने अपने गुपकर स्थित निवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनाव कश्मीर समस्या का कोई हल नहीं है. दोनों देशों के बीच बातचीत होनी चाहिए. अगर हम चीन से बातचीत कर रहे हैं, जिसने हमारी जमीन ले ली है, तो पाकिस्तान के साथ क्यों नहीं? क्या यह मुस्लिम देश होने के नाते है क्योंकि अब सब चीजें सांप्रदायिक हैं.’’
पुलिस ने हिजबुल मुजाहिदीन के साथ कथित संबंधों को लेकर पीडीपी युवा इकाई के प्रमुख वहीद पारा को गिरफ्तार किया था. इसके बाद पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री को पुलवामा जिले में वहीद पारा के आवास पर जाने से रोक दिया था. महबूबा को शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने की अनुमति नहीं दी गयी थी.
अब भी कश्मीर में सेना क्यों तैनात है?
महबूबा ने शनिवार के मतदान प्रतिशत के महत्व के बारे में पूछे जाने पर कहा कि पहले भी मतदान प्रतिशत ज्यादा होते रहे हैं, लेकिन यह कश्मीर मुद्दे का हल नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘यहां लगभग नौ लाख सुरक्षा बल हैं. किस अन्य राज्य में असैनिक क्षेत्रों में इतनी अधिक संख्या में सुरक्षा बल हैं? यदि अनुच्छेद 370 (निरस्त) ने सभी मुद्दों का हल कर दिया है, तो अब भी कश्मीर में सेना क्यों तैनात है? उन्हें सीमा पर जाना चाहिए था?’’
महबूबा ने केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
पीडीपी प्रमुख ने कहा कि गठबंधन के उम्मीदवारों को डीडीसी चुनावों में स्वतंत्र रूप से प्रचार करने की अनुमति नहीं थी. उन्होंने आरोप लगाया, "हमारे लोगों के पास सुरक्षा नहीं है. उन्हें अपने घरों तक सीमित कर दिया गया है और उन्हें चुनाव अभियान चलाने की अनुमति नहीं है, वहीं भाजपा के उम्मीदवार स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं... क्या यह देश भाजपा के एजेंडे पर चलेगा?"
महबूबा ने कहा कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर बोलने की आजादी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘जो कोई भी आवाज उठाने की कोशिश करता है, उसके खिलाफ ‘यूएपीए’ के तहत मामला दर्ज कर लिया जाता है. वहीद से ज्यादा शांतिप्रिय कोई व्यक्ति नहीं है, लेकिन उसके खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है. यहां जो हो रहा है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.’’शुक्रवार को अपनी नजरबंदी का जिक्र करते हुए महबूबा ने कहा कि काल्पनिक बात को कश्मीर में वास्तविकता के रूप में दर्शाया जा रहा है.
फिर किया हिरासत में लिए जाने का दावा
उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे हिरासत में लिए जाने के बाद, चुनाव आयोग और अन्य अधिकारियों ने कहा कि मैं हिरासत में नहीं हूं. यह बताता है कि जम्मू कश्मीर में क्या हो रहा है....’’उन्होंने रोशनी मुद्दे पर कहा कि यह कोई घोटाला नहीं है बल्कि गरीबों के लिए एक योजना है. उन्होंने कहा, ‘‘असल घोटाला चुनावी बांड है. उन्हें इसकी जांच करने दीजिए. अगर भाजपा भूमि कब्जा के मुद्दे पर इतनी गंभीर है, तो उसे बड़े लोगों को पकड़ना चाहिए, न कि उन गरीबों को, जिनके पास अपनी पांच मरला जमीन भी नहीं है. गरीबों को नोटिस भेजे जा रहे हैं. ऐसा ही एक नोटिस मेरे पास भी है.’’