सुप्रीम कोर्ट ने इजरायली स्पाईवेयर पेगासस के जरिए भारतीय नागरिकों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए पिछले साल अक्टूबर में एक समिति गठित की थी. (सांकेतिक तस्वीर)
नई दिल्ली. पेगासस स्पाइवेयर मामले की जांच के लिए नियुक्त समिति ने अपनी जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा है. सूत्रों ने बताया कि समिति ने सोमवार को अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दी है. सूत्रों ने कहा कि शीर्ष अदालत 23 फरवरी को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रवींद्रन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर विचार कर सकती है.
उच्चतम न्यायालय ने इजरायली स्पाईवेयर पेगासस के जरिए भारतीय नागरिकों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए पिछले साल अक्टूबर में यह कहते हुए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था कि राज्य को हर बार राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ाने पर “मुफ्त पास नहीं मिलेगा” और अदालत “मूक दर्शक” नहीं रहेगी.
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दरअसल, कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों के एक संगठन ने दावा किया था कि कई भारतीय नेताओं, मंत्रियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कारोबारियों और पत्रकारों के खिलाफ पेगासस का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया.
न्यूयार्क टाइम्स की खबर से बढ़ा विवाद
यह विवाद उस वक्त और बढ़ गया जब हाल ही में अमेरिकी समाचार पत्र न्यूयार्क टाइम्स ने अपनी एक खबर में दावा किया था कि 2017 में भारत और इजराइल के बीच हुए लगभग दो अरब डॉलर के अत्याधुनिक हथियारों एवं खुफिया उपकरणों के सौदे में पेगासस स्पाईवेयर तथा एक मिसाइल प्रणाली की खरीद मुख्य रूप से शामिल थी.
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