नई दिल्ली: देश और दुनिया में ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron) के कारण कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के मामले बेहद तेज रफ्तार से बढ़े हैं. यह वेरिएंट 100 से ज्यादा देशों में फैल चुका है और करोड़ों लोगों को कोविड-19 (Covid-19) से संक्रमित कर चुका है. कई वैज्ञानिक रिसर्च और अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट कोरोना वायरस (Coronavirus) के पिछले अन्य वेरिएंट्स की तुलना कई गुना तेजी से लोगों को संक्रमित करता है.
एक अध्ययन के अनुसार, ओमिक्रॉन से संक्रमित व्यक्ति 24 घंटे के अंदर कोरोना स्प्रेडर यानि इस महामारी को फैलाने लगता है. यह संक्रमित व्यक्ति संपर्क में आने वाले अन्य व्यक्ति को इन्फेक्टेड करने लगता है. जबकि डेल्टा समेत अन्य वेरिएंट्स में कोरोना स्प्रेडर बनने में 2 से 4 दिन का समय लगता था. अमेरिका में महामारी नियंत्रण और रोकथाम एजेंसी के अनुसार, कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति लक्षण उभरने से कुछ दिन पहले और समाप्त होने के कुछ दिन बाद तक कोरोना संक्रमण तेजी से फैलाता था.
वहीं ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले में व्यक्ति एक दिन के अंदर ही कोरोना संक्रमण फैलाने लगता है. एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, ओमिक्रॉन से संक्रमित व्यक्ति में लक्षण 3 दिन के अंदर ही उभरने लगते हैं जबकि इस वेरिएंट से संक्रमित होने के 1 दिन के अंदर व्यक्ति अन्य लोगों को संक्रमित करने लगता है.
यह भी पढ़ें: 1 साल, 157 करोड़ खुराक और दो वैक्सीन, भारत में ऐसा रहा कोविड वैक्सीनेशन का एक साल
क्या है ओमिक्रॉन वेरिएंट के अति संक्रामक होने का मुख्य कारण?
दरअसल ओमिक्रॉन वेरिएंट के अति संक्रामक होने का कारण उसका इन्क्यूबेशन पीरियड है. किसी व्यक्ति के कोरोना संक्रमित आदमी के संपर्क में आने और लक्षण पैदा होने के बीच के समय को इन्क्यूबेशन पीरियड कहा जाता है. डेल्टा वेरिएंट में यह अवधि 4 दिन और अल्फा में 5 दिन थी लेकिन ओमिक्रॉन वेरिएंट का इन्क्यूबेशन पीरियड सिर्फ 3 दिन है इसलिए यह तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है.
इस बारे में जॉन हॉपकिंस सेंट ऑफ सिक्योरिटी की महामारी विशेषज्ञ डॉ जेनिफर नुजो का कहना है कि छोटा इन्क्यूबेशन पीरियड किसी भी वायरस को नियंत्रित करने में बहुत परेशानी पैदा करता है.
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद कब टेस्ट कराया जाए?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से जुड़े लक्षण उभरने पर फौरन टेस्ट कराना चाहिए. इसके लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना ज्यादा सही है. क्योंकि लैब में किए जाने वाले परीक्षण वायरस की पहचान करने में ज्यादा संवेदनशील होते हैं और इनमें वायरस को डिटेक्ट करने की क्षमता अधिक होती है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Coronavirus, Omicron