फाइजर ने अमेरिका में अपनी कोविड वैक्सीन के लिए इमरजेंसी यूज की मंजूरी देने की मांग की

फाइल फोटोः दुनियाभर में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच अब कोरोना वैक्सीन के भी जल्द ही बाजार में आने की उम्मीद जताई जा रही है.
Coronavirus Vaccine: फाइजर (Pfizer) का कहना है कि कोविड संक्रमण (Covid-19) के खिलाफ उसकी वैक्सीन 95 फीसदी से ज्यादा प्रभावी है और वैक्सीन को इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी दी जानी चाहिए.
- News18Hindi
- Last Updated: November 20, 2020, 9:49 PM IST
न्यूयॉर्क. अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर (Pfizer) ने शुक्रवार को कहा कि उसने अपने कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) के इमरजेंसी यूज के लिए अमेरिकी नियामकों से मंजूरी देने की मांग की है. फाइजर इंक और जर्मनी (Germany) की उसकी साझेदार बायोएनटेक (BioNTech) ने घोषणा की थी कि एक बड़े अध्ययन में पता चला है कि उसका टीका कोविड-19 के हल्के और गंभीर संक्रमण से बचाने में 95 प्रतिशत तक प्रभावी प्रतीत हो रहा है.
कंपनियों ने कहा कि बचाव और सुरक्षा के अच्छे रिकॉर्ड का मतलब है कि टीके को आपात इस्तेमाल का अधिकार दिया जाना चाहिए, जो खाद्य और दवा प्रशासन (एफडीए) अंतिम जांच पूरी होने से पहले दे सकता है. फाइजर की घोषणा के एक दिन पहले देश में संक्रामक बीमारियों के विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउसी (Anthony Fauci) ने कहा कि ‘‘मदद मिलने वाली है’’. साथ ही उन्होंने कहा कि मास्क छोड़ने और सुरक्षा के अन्य उपायों को त्यागने का अभी वक्त नहीं आया है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में वास्तव में दोगुना काम करने की जरूरत है और हमें उस मदद का इंतजार है.’’
अमेरिकी बॉयोटेक कंपनी फाइजर (Pfizer) ने दावा किया था कि कंपनी की कोविड वैक्सीन अपने अंतिम विश्लेषण में 95 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है. साथ ही इसका कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है. फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बोउरला ने कहा, 'ये अध्ययन पिछले आठ महीने से जारी महामारी को खत्म करने के प्रयासों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. इससे कोरोना वायरस संक्रमण को खत्म में अहम मदद मिलेगी.'
ये भी पढ़ेंः जल्द बाज़ार में आने वाला कोरोना से बचाव करने वाला नेज़ल स्प्रेदवा निर्माता कंपनी ने कहा है कि उसकी वैक्सीन हर उम्र और नस्ल के लोगों के लिए प्रभावी है. साथ ही इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं दिखा है, जोकि एक संकेत है कि वैश्विक स्तर पर टीकाकरण किया जा सकता है. फाइजर के मुताबिक वैक्सीन 65 वर्ष से ऊपर के लोगों में 94 फीसदी तक प्रभावी है.
ये भी पढ़ेंः भारत में अप्रैल तक आ जाएगी कोरोना की वैक्सीन: आदर पूनावाला
फाइजर की कामयाबी के दावे के बाद नव-निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कंपनी को बधाई दी. फाइजर और बॉयोएनटेक की वैक्सीन से मिले डाटा से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में उम्मीद की किरण दिखाई दी है. दोनों कंपनियों की वैक्सीन मैसेंजर आरएनए (mRNA) आधारित हैं.

हालांकि वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद भी सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को टीका दिया जाएगा, जबकि बड़े पैमाने पर आम लोगों के टीकाकरण में महीनों का समय लग सकता है.
कंपनियों ने कहा कि बचाव और सुरक्षा के अच्छे रिकॉर्ड का मतलब है कि टीके को आपात इस्तेमाल का अधिकार दिया जाना चाहिए, जो खाद्य और दवा प्रशासन (एफडीए) अंतिम जांच पूरी होने से पहले दे सकता है. फाइजर की घोषणा के एक दिन पहले देश में संक्रामक बीमारियों के विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउसी (Anthony Fauci) ने कहा कि ‘‘मदद मिलने वाली है’’. साथ ही उन्होंने कहा कि मास्क छोड़ने और सुरक्षा के अन्य उपायों को त्यागने का अभी वक्त नहीं आया है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में वास्तव में दोगुना काम करने की जरूरत है और हमें उस मदद का इंतजार है.’’
अमेरिकी बॉयोटेक कंपनी फाइजर (Pfizer) ने दावा किया था कि कंपनी की कोविड वैक्सीन अपने अंतिम विश्लेषण में 95 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है. साथ ही इसका कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है. फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बोउरला ने कहा, 'ये अध्ययन पिछले आठ महीने से जारी महामारी को खत्म करने के प्रयासों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. इससे कोरोना वायरस संक्रमण को खत्म में अहम मदद मिलेगी.'
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फाइजर की कामयाबी के दावे के बाद नव-निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कंपनी को बधाई दी. फाइजर और बॉयोएनटेक की वैक्सीन से मिले डाटा से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में उम्मीद की किरण दिखाई दी है. दोनों कंपनियों की वैक्सीन मैसेंजर आरएनए (mRNA) आधारित हैं.
हालांकि वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद भी सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को टीका दिया जाएगा, जबकि बड़े पैमाने पर आम लोगों के टीकाकरण में महीनों का समय लग सकता है.