वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएम आवास योजना के लिए 66 प्रतिशत की वृद्धि का प्रावधान किया गया है.
नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि जल जीवन मिशन की तरह मनरेगा में जुटे ग्रामीण मजदूरों को भी पीएम आवास योजना (पीएमएवाई) का लाभ मिलेगा. नेटवर्क18 के एडिटर-इन-चीफ राहुल जोशी के साथ विशेष बातचीत में वित्त मंत्री ने कहा, ‘बजट में पीएम आवास योजना के लिए 66 प्रतिशत की वृद्धि का प्रावधान किया गया है.’
बजट के बाद किसी भी निजी न्यूज़ नेटवर्क पर पहला इंटरव्यू देते हुए वित्त मंत्री ने मनरेगा के लिए कम बजट आवंटन पर अपनी बात रखी और कहा, ‘मनरेगा एक मांग आधारित कार्यक्रम है. इस साल कम आवंटन राज्यों की मांग पर आधारित है. अगर मांग बढ़ती है, तो अनुदान की पूरक मांग में मनरेगा बजट बढ़ सकता है. पिछले कुछ सालों को देखें तो यह स्पष्ट हो जाता है.’
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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के लिए आवंटन में लगभग एक-तिहाई की कटौती की गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट के अनुसार, मनरेगा के लिए 2023-24 के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान से लगभग 32 प्रतिशत कम है. वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने बजट में मनरेगा के लिए 73,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जबकि संशोधित अनुमान के मुताबिक खर्च 89,400 करोड़ रुपये था.
दूसरी ओर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के परिव्यय को 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये करने की घोषणा की है.
इस योजना में ग्रामीण और शहरी गरीबों के लिए घर उपलब्ध कराने की परिकल्पना की गई है और इसके परिव्यय में भारी बढ़ोतरी इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए महत्व रखती है कि यह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है.
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